इंदौर। शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही हैं. पिछले दिनों पुलिस ने कई कार्रवाई भी की थी. तकरीबन 15 केस में अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं. इनमें से अभी तक जितने भी आरोपियों को पकड़ा गया हैं, वह सभी मेडिकल फील्ड से जुड़े हुए हैं. इसके आधार पर पुलिस ने कुछ डॉक्टरों को भी चिन्हित किया हैं.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पुलिस को कुछ निजी अस्पताल के डॉक्टरों के शामिल होने की सूचना लगातार मिल रही हैं. बताया जा रहा है कि प्रशासन निजी अस्पताल में मरीजों के लिए जो इंजेक्शन भेजते है, उन्हें वह नहीं लगाया जाता हैं. उल्टा मरीज के परिजनों को कहा जाता है कि इंजेक्शन की व्यवस्था वह बाहर से कर लें. जब वह कहते हैं कि उनका कोई संपर्क नहीं है. इस पर डॉक्टर अपने एजेंट का नंबर दे देते है और मरीज के परिजनों को ऊंचे दाम में इंजेक्शन उपलब्ध करवा देते हैं. इस तरह दो-तीन मामले इंदौर क्राइम ब्रांच के पास सामने आए हैं, लेकिन इंजेक्शन अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही लग रहा हैं.
![25 accused arrested in Black marketing of Remedisvir](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ind-07-janch-pkg-mp10019_03052021152603_0305f_1620035763_1003.jpg)
ग्वालियर पहुंची रेमडेसिविर इंजेक्शन की दूसरी खेप
छह पर रासुका और 15 प्रकरण पुलिस ने किए दर्ज
कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही हैं. इसके लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर सीधे अस्पतालों को इंजेक्शन उपलब्ध करवाना शुरू किया हैं. इससे कुछ हद तक रोक लगी है. वहीं पुलिस ने भी कालाबाजारी करने वाले लोगों की धरपकड़ शुरू कर दी है. अब तक एक-डेढ़ माह में पुलिस, एसटीएफ, क्राइम ब्रांच के अलावा कनाडिया, राजेंद्र नगर, तुकोगंज, खजराना, लसुड़िया पुलिस ने 15 मामलों में 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं. इनमें से ज्यादातर मेडिकल से जुड़े हुए लोग हैं. वहीं पुलिस ने छह आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी की हैं.