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इंदौर केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को अच्छे आचरण के चलते किया गया रिहा

केंद्रीय जेल इंदौर से 26 जनवरी के मौके पर 22 कैदियों को रिहा किया गया है. वहीं इन्हें इनके आचरण से सम्बंधित अवार्ड भी दिया गया.

22 prisoners in Indore Central Jail released
इंदौर केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को किया गया रिहा
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Published : Jan 26, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 7:47 PM IST

इंदौर। शहर के केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को 26 जनवरी के मौके पर रिहा कर दिया गया. वहीं इन्हें इनके आचरण से सम्बंधित अवार्ड भी दिया गया. सेंट्रल जेल में 20 से 25 साल तक की सजा काट चुके 22 कैदियों को उनके अच्छे व्यवहार और लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों को नई जीवनशैली जीने और दूसरे कैदियों को भी अपराध से दूर कर नए जीवन जीने के दिए प्रेरित करते हुए,

इंदौर केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को किया गया रिहा

कैदियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया. जेल में लंबे समय रहने के बाद अच्छे कार्य करने के उपलक्ष्य में उन्हें धनराशि भी दी गई. जेल से बाहर निकले कैदी अपने परिवार को देखकर काफी खुश हुए. वहीं हाथ में तिरंगा झंडा और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए अपने परिवार से गले मिले.

इंदौर। शहर के केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को 26 जनवरी के मौके पर रिहा कर दिया गया. वहीं इन्हें इनके आचरण से सम्बंधित अवार्ड भी दिया गया. सेंट्रल जेल में 20 से 25 साल तक की सजा काट चुके 22 कैदियों को उनके अच्छे व्यवहार और लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों को नई जीवनशैली जीने और दूसरे कैदियों को भी अपराध से दूर कर नए जीवन जीने के दिए प्रेरित करते हुए,

इंदौर केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को किया गया रिहा

कैदियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया. जेल में लंबे समय रहने के बाद अच्छे कार्य करने के उपलक्ष्य में उन्हें धनराशि भी दी गई. जेल से बाहर निकले कैदी अपने परिवार को देखकर काफी खुश हुए. वहीं हाथ में तिरंगा झंडा और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए अपने परिवार से गले मिले.

Intro:एंकर - इन्दौर के केंद्रीय जेल में बंद 22 कैदियों को 26 जनवरी के मौके पर रिहा कर दिया गया , वही इन्हें बकायदा एक इनके आचरण से सम्बंधित एक अवार्ड भी दिया गया।Body:वीओ -किसी अपराध को लेकर अपने परिवार से दूर होने का एहसास जब होता है जब आदमी किसी अपराध किसी अपराध को अंजाम दे देता है और फिर अपने और अपने परिवार को किस दुविधा में डाल देते हैं और लंबे समय जेल में बिताने के बाद अपनी गलतियों का पर्याच्छित करते हैं ऐसे ही इंदौर के सेंट्रल जेल में 20 से 25 साल तक की सजा काट चुके 22 कैदियों को उनके अच्छे व्यवहार और लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया गया वही अपने जीवन में किए गए गुना का पश्चाताप करते हुए एक नई जीवनशैली जीने और दूसरे कैदियों को भी अपराध से दूर कर नए जीवन जीने के दिए प्रेरित करते हुए जीवन जीने की सहेली सिखा रहे हैं ऐसे 22 बंदी कैदियों को उनके अच्छे चाल चलन के चलते गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया और जेल में लंबे समय रहने के बाद अच्छे कार्य करने के उपलब्ध में धनराशि भी दी गई जेल से बाहर निकले कैदि अपने परिवार को देखकर उनकी आंखें नम हो गई वही हाथ में तिरंगा झंडा और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए अपने परिवार से गले मिल आंसू नहीं रुक पा रहे थे लंबे समय से अपने परिवार से दूर जेल में सजा काट रहे इन कैदियों द्वारा बताया गया है कि जीवन में अब किसी भी प्रकार का विकट परिस्थिति आ जाए लेकिन अपराध नहीं किया जाएगा एवं अपने परिवार के साथ एक आम व्यक्ति की तरह जीवन व्यापन कर अपनी जिंदगी बिताएंगे।

बाईट - बंदी
बाईट - राकेश भामरे , जेल अधीक्षक , केंद्रीय जेल , इन्दौरConclusion:वीओ - जो कैदी रिहा हुआ है वह अब आम आदमी की तरह अपना जीवन व्यक्ति करेगे।
Last Updated : Jan 26, 2020, 7:47 PM IST
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