होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा में महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका सहित मिनी कार्यकर्ताओं ने अन्य विभागों में अपनी ड्यूटी लगाने के विरोध में तहसील कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा. आंगनबाड़ी के अनुसार सभी डीडब्लू सीजीओ को स्पष्ट आदेश सहित निर्देश दिये गए हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी कार्यकर्ता की आईसीडीएस संबंधित कार्यों के अन्य कार्यों में ड्यूटी न लगाई जाए. बावजूद इसके आईसीडीएस के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई जा रही है.
जब कि कोविड सेंटर में सुख, सुविधा सहित ड्यूटी लगाई जाना चाहिए तथा कृषि उपज मंडी में जो अकेली महिला को पुरुष कृषको के बीच ड्यूटी के आदेश दिये जा रहे हैं. जहां किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है तथा निर्वाचन आयोग के निर्देश, प्रारूप के अनुसार एक सक्षम प्राधिकृत सक्षम पद धारक, कर्मचारी, अधिकारियों की ड्यूटी लगाना चाहिए. बावजूद इसके ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों में ड्यूटी लगाई जाती है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि महिला बाल विकास के अंतर्गत एक मान से कार्यकर्ताएं हैं. उनकी निजी पारिवारिक समस्या, दायित्व और कर्तव्य हैं जिसका निर्वाहन भी नहीं कर पाते हैं. आदेशानुसार जो आईटीआई का पोषण आहार का वितरण परियोजना सिवनी मालवा के अंतर्गत समूहों के माध्यम से किया जा रहा हैं, जिस दिन प्रारंभ हुआ था उस दिन वरिष्ठ अधिकारियों को लडडू एवं सत्तू गुणवत्ता धारी चखाया गया था और अच्छा लगने पर आदेश जारी कर दिए गए थे. लेकिन वर्तमान परिस्थिति में जो समूह द्वारा आरटीई के लडडू और सत्तू आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरण हो रहा है वह गुणवत्ताहीन है. साथ ही जो खाद्य पदार्थ से लडडू और सत्तू बन रहे हैं उसमें मेन्यू के मुताबिक गुणवत्ता युक्त सामग्री नहीं हैं और मेन्यू से हटकर सामग्री बांटी जा रही है.
गुणवत्ताहीन सामग्री होने से लाभांवित बच्चों के स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है, वहीं कोरोना संक्रमण के कारण भी बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. वहीं होशंगाबाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी कार्यकर्ता कल्याण समिति संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा देवी का कहना है कि आईसीडीएस से संबंधित कार्य के अतिरिक्त तथा उक्त संबंधित समस्या को ध्यान में रखते हुए और अतिरिक्त अन्य विभाग की ड्यूटी न कराते हुए सभी आदेशों को निरस्त किया जाए. इसके साथ ही आरटीई के तहत दी जा रही सामग्री को विलोपित करते हुए सिर्फ विभाग को ही सूखा पोषण आहार वितरित करने की मांग की है.