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लॉकडाउन के चलते लाल तरबूज का रंग पड़ा फीका, बंपर पैदावार पर किसान लाचार - hoshangabad

देश भर में लगे लॉकडाउन के चलते तरबूज नहीं बिकने की वजह से तरबूज का उत्पादन करने वाले किसान और व्यापारी दोनों ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

Watermelons are not selling due to lock down and farmers are worried in hoshangabad
लॉकडाउन के चलते नहीं बिक रहे तरबूज
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Published : Apr 9, 2020, 7:39 PM IST

होशंगाबाद। गर्मी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. गर्मी से राहत देने वाला तरबूज आज खुद प्यासा है. तरबूज का उत्पादन करने वाला किसान और तरबूज का व्यापर करने वाले व्यापारी दोनों तबाही की कगार पर पहुंच चुके हैं. तरबूज नहीं बिकने के चलते खेत में ही उसके खराब होने की समस्या उत्पन्न हो गई है.

खेत में खराब हो रहे तरबूज के चलते किसानों को भारी नुकसान की सम्भावना जताई जा रही है. उनके जीवन यापन पर खतरा मंडरा रहा है. इटारसी के केसला ब्लॉक के गांव तवानगर, रानीपुर, दौड़ी, झुनकार, कोटमी, हीरापुर के आदिवासी ज्यादातर तरबूज की फसल पर निर्भर रहते हैं, जो इस समय सबसे ज्यादा परेशान हैं. इनकी परेशानी जल्दी समाप्त होती नज़र भी नहीं आ रही है.

तवा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों से मीठा तरबूज आता है और मध्यप्रदेश से बाहर भी भेजा जाता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार सब कुछ बंद है, जिससे भारी नुकसान की सम्भावना है. तवानगर के किसान विनोद, राम सिंह का कहना है कि उनका परिवार तरबूज की खेती पर ही गुजारा करता है. अब इस संकट की घड़ी में क्या होगा भगवान जाने.

होशंगाबाद। गर्मी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. गर्मी से राहत देने वाला तरबूज आज खुद प्यासा है. तरबूज का उत्पादन करने वाला किसान और तरबूज का व्यापर करने वाले व्यापारी दोनों तबाही की कगार पर पहुंच चुके हैं. तरबूज नहीं बिकने के चलते खेत में ही उसके खराब होने की समस्या उत्पन्न हो गई है.

खेत में खराब हो रहे तरबूज के चलते किसानों को भारी नुकसान की सम्भावना जताई जा रही है. उनके जीवन यापन पर खतरा मंडरा रहा है. इटारसी के केसला ब्लॉक के गांव तवानगर, रानीपुर, दौड़ी, झुनकार, कोटमी, हीरापुर के आदिवासी ज्यादातर तरबूज की फसल पर निर्भर रहते हैं, जो इस समय सबसे ज्यादा परेशान हैं. इनकी परेशानी जल्दी समाप्त होती नज़र भी नहीं आ रही है.

तवा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों से मीठा तरबूज आता है और मध्यप्रदेश से बाहर भी भेजा जाता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार सब कुछ बंद है, जिससे भारी नुकसान की सम्भावना है. तवानगर के किसान विनोद, राम सिंह का कहना है कि उनका परिवार तरबूज की खेती पर ही गुजारा करता है. अब इस संकट की घड़ी में क्या होगा भगवान जाने.

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