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होशंगाबाद के मामा-भांजे एवरेस्ट करेंगे फतेह

शहर के दो ऐसे युवा हैं जो पढ़ाई के साथ पर्वतारोहण की तैयारी कर रहे हैं. इनका चयन अभीमस मनाली में एडवांस कोर्स के लिए हो गया है.

होशंगाबाद के मामा-भांजे एवरेस्ट करेंगे फतेह
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Published : Aug 10, 2019, 4:14 PM IST

होशंगाबाद। एक ओर जहां युवा डॉक्टर, इंजीनियर, बैंकिंग में अपना कैरियर तलाश रहे हैं,वहीं शहर में ऐसे युवा भी हैं जिन्होंने जुनून के साथ पर्वत की चढ़ाई को अपना कैरियर चुना है. शहर के पार्थ पटेल और अचिन्तय राणे पढ़ाई के साथ पर्वतारोहण की तैयारी कर रहे हैं. अरुणाचल के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड से कोर्स भी पूरा कर लिया है.उनका चयन अभीमस मनाली में एडवांस कोर्स के लिए भी हो गया है.

होशंगाबाद के मामा-भांजे एवरेस्ट करेंगे फतेह

अगस्त-सितंबर में एडवांस कोर्स के बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन आईएमएफ की सदस्यता लेकर एवरेस्ट सहित अन्य देशों की ऊंची चोटियों को समिट करेंगे. दोनों अभी तक पिन पार्वती, पिन भाभा, क्वारीपास, सटोपन और सरपास जैसी कठिन चोटियों पर ट्रैकिंग कर चुके हैं. अचिन्तय के पिता और पार्थ के नाना सुरेश राणे के शौक ने दोनों युवाओं को माउंटेनियरिंग के लिए प्रेरित किया है. आज युवाओं के बीच पर्वत की ऊंची चोटियों तक पहुंचने के प्रति रूझान बढ़ा है

ट्रैकर पार्थ पटेल फिलहाल एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. पार्थ के मुताबिक माउंटिंग में रोमांच बहुत है साथ ही प्रकृति के साथ रहने का मौका मिलता है. इसके चलते उन्होंने माउंटिंग को अपना कैरियर चुना है और अचिन्तय दुनिया की सबसे कठिन छोटी माउंट एवरेस्ट को पार करना चाहते हैं.

होशंगाबाद। एक ओर जहां युवा डॉक्टर, इंजीनियर, बैंकिंग में अपना कैरियर तलाश रहे हैं,वहीं शहर में ऐसे युवा भी हैं जिन्होंने जुनून के साथ पर्वत की चढ़ाई को अपना कैरियर चुना है. शहर के पार्थ पटेल और अचिन्तय राणे पढ़ाई के साथ पर्वतारोहण की तैयारी कर रहे हैं. अरुणाचल के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड से कोर्स भी पूरा कर लिया है.उनका चयन अभीमस मनाली में एडवांस कोर्स के लिए भी हो गया है.

होशंगाबाद के मामा-भांजे एवरेस्ट करेंगे फतेह

अगस्त-सितंबर में एडवांस कोर्स के बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन आईएमएफ की सदस्यता लेकर एवरेस्ट सहित अन्य देशों की ऊंची चोटियों को समिट करेंगे. दोनों अभी तक पिन पार्वती, पिन भाभा, क्वारीपास, सटोपन और सरपास जैसी कठिन चोटियों पर ट्रैकिंग कर चुके हैं. अचिन्तय के पिता और पार्थ के नाना सुरेश राणे के शौक ने दोनों युवाओं को माउंटेनियरिंग के लिए प्रेरित किया है. आज युवाओं के बीच पर्वत की ऊंची चोटियों तक पहुंचने के प्रति रूझान बढ़ा है

ट्रैकर पार्थ पटेल फिलहाल एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. पार्थ के मुताबिक माउंटिंग में रोमांच बहुत है साथ ही प्रकृति के साथ रहने का मौका मिलता है. इसके चलते उन्होंने माउंटिंग को अपना कैरियर चुना है और अचिन्तय दुनिया की सबसे कठिन छोटी माउंट एवरेस्ट को पार करना चाहते हैं.

Intro:एक ओर जहां युवा डॉक्टर,इंजीनियर,बैंकिंग में अपना कैरियर तलाश रहे है,वही शहर में ऐसे भी युवा है जो जोखिम ओर जुनून के साथ पर्वत की चढ़ाई को अपना कैरियर चुना है।होशंगाबाद के पार्थ पटेल और अंचित राणे अपनी पढ़ाई के साथ पर्वतारोहण को अपना कैरियर बनाने की तैयारी कर रहे है। अरुणाचल के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स(नीमस) से 6 हजार के पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स भी पूरा कर लिया है। इसके बाद उन्हें अभीमस मनाली में एडवांस कोर्स के लिए भी चयनित कर लिया गया है। अगस्त - सितंबर में एडवांस कोर्स के बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन आईएमएफ की सदस्यता लेकर एवरेस्ट सहित अन्य देशों की ऊंची चोटियों को समिट करेंगे। दोनों अभी तक पिन पार्वती, पिन भाभा, क्वारीपास, सटोपन और सरपास जैसी कठिन चोटियों पर ट्रैकिंग कर चुके हैं। अंकित के पिता और पार्थ के नाना सुरेश राणे के शौक ने दोनों युवाओं को माउंटेनियरिंग के लिए प्रेरित किया है।
Body:ट्रैकर पार्थ पटेल फिलहाल एमटेक की पढ़ाई कर रहे है।पार्थ के मुताबिक माउंटिंग में रोमांच बहुत है साथ ही प्रकृति के साथ रहने का मौका मिलता है।इसके चलते उन्होंने माउंटिंग को अपना कैरियर चुना है। साथ ही पैशन भी है पहाड़ो पर जाना  और वहाँ जाकर नए-नए लोगों से मिलना वहां की अलग अलग संस्कृति को देखना। अभी तक पार्थ ने पिन पार्वती,पिन भाभा, क्वारीपास,मीराथन ग्लेशियर,गौरीशंकर बेस केम्प, सटोपन ताल जैसी कठिन चोटियों की ट्रेकिंग कर चुके है। पार्थ का सपना है की जो अनक्लाइम पीक काफी बची हुई है बाकी माउंटेनियर का सपना होता है एवरेस्ट पर जाना लेकिन मेरा सपना है कि मैं कोई अनक्लाइ पीक को समिट करू।Conclusion:एक ओर जहां युवा डॉक्टर,इंजीनियर,बैंकिंग में अपना कैरियर तलाश रहे है,वही शहर में ऐसे भी युवा है जो जोखिम ओर जुनून के साथ पर्वत की चढ़ाई को अपना कैरियर चुना है।होशंगाबाद के पार्थ पटेल और अंचित राणे अपनी पढ़ाई के साथ पर्वतारोहण को अपना कैरियर बनाने की तैयारी कर रहे है। अरुणाचल के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स(नीमस) से 6 हजार के पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स भी पूरा कर लिया है। इसके बाद उन्हें अभीमस मनाली में एडवांस कोर्स के लिए भी चयनित कर लिया गया है। अगस्त - सितंबर में एडवांस कोर्स के बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन आईएमएफ की सदस्यता लेकर एवरेस्ट सहित अन्य देशों की ऊंची चोटियों को समिट करेंगे। दोनों अभी तक पिन पार्वती, पिन भाभा, क्वारीपास, सटोपन और सरपास जैसी कठिन चोटियों पर ट्रैकिंग कर चुके हैं। अंकित के पिता और पार्थ के नाना सुरेश राणे के शौक ने दोनों युवाओं को माउंटेनियरिंग के लिए प्रेरित किया है।
ठिन है। भारत में कई ऐसे पहाड़ जिनको फॉरेनर आकर चढ़ते हैं। अंचित दुनिया की सबसे कठिन छोटी माउंट एवरेस्ट को पार करना चाहते हैं।


बाइट-पार्थ पटेल-ट्रैकर।

बाइट-अंचित राणे-ट्रैकर।
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