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बांध निर्माण के विरोध में सड़क पर उतरे हजारों आदिवासी परिवार

किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए गंजाल नदी पर बनाए जा रहे बांध का विरोध करने के लिए हरदा-बैतूल जिले के सैकड़ों आदिवासी ने मिलकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया.

Thousands of tribal families took to the streets to protest dam construction
बांध निर्माण के विरोध में सड़क पर उतरे हजारों आदिवासी परिवार
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Published : Dec 17, 2019, 11:54 PM IST

होशंगाबाद। अपना घर और गांव बचाने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं. ग्रामीणों ने मिलकर डैम के निर्माण का विरोध करने के लिए जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया.

बांध निर्माण के विरोध में सड़क पर उतरे हजारों आदिवासी परिवार

नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा होशंगाबाद-बैतूल जिले के हजारों किसानों को लाभ पहुंचाने के गंजाल नदी पर बांध बनाया जा रहा है. बांध के निर्माण के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं. जिसका निर्माण कार्य जल्द होने की संभावना है. इसी बात से चिंतित आदिवासी अधिकारियों से मिलने मुख्यालय पहुंचे.

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 2014 में 1400 करोड़ रुपए में बांध की स्वीकृति दी थी. वहीं 2017 में 1860 करोड़ की राशि बढ़ाई गई, डैम में लगभग 25 हेक्टेयर वन भूमि और आवासीय भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है. इसका ठेका नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा नवयुग इंजीनियरिंग को दिया गया है.

बांध बनने से डूब क्षेत्र में 35 गांव आ जाएंगे

हरदा-बैतूल जिले के सैकड़ों आदिवासी मोरल गंजाल दोनों राज्यों का सही क्रम से संयुक्त रूप से बनाए जा रहे बांध का विरोध कर रहे हैं. बांध बनने के चलते तीनों जिलों के करीब 35 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं. साथ ही ये आदिवासी 2500 वन भूमि के 10 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे काटने का विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध के चलते आदिवासी कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए हैं और कलेक्टर से इस मामले में बांध का काम रोकने की मांग कर रहे हैं.

होशंगाबाद। अपना घर और गांव बचाने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं. ग्रामीणों ने मिलकर डैम के निर्माण का विरोध करने के लिए जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया.

बांध निर्माण के विरोध में सड़क पर उतरे हजारों आदिवासी परिवार

नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा होशंगाबाद-बैतूल जिले के हजारों किसानों को लाभ पहुंचाने के गंजाल नदी पर बांध बनाया जा रहा है. बांध के निर्माण के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं. जिसका निर्माण कार्य जल्द होने की संभावना है. इसी बात से चिंतित आदिवासी अधिकारियों से मिलने मुख्यालय पहुंचे.

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 2014 में 1400 करोड़ रुपए में बांध की स्वीकृति दी थी. वहीं 2017 में 1860 करोड़ की राशि बढ़ाई गई, डैम में लगभग 25 हेक्टेयर वन भूमि और आवासीय भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है. इसका ठेका नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा नवयुग इंजीनियरिंग को दिया गया है.

बांध बनने से डूब क्षेत्र में 35 गांव आ जाएंगे

हरदा-बैतूल जिले के सैकड़ों आदिवासी मोरल गंजाल दोनों राज्यों का सही क्रम से संयुक्त रूप से बनाए जा रहे बांध का विरोध कर रहे हैं. बांध बनने के चलते तीनों जिलों के करीब 35 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं. साथ ही ये आदिवासी 2500 वन भूमि के 10 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे काटने का विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध के चलते आदिवासी कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए हैं और कलेक्टर से इस मामले में बांध का काम रोकने की मांग कर रहे हैं.

Intro:होशंगाबाद। अपना घरवार और गांव बचाने सैकड़ों की संख्या में आदिवासी अपना जंगल छोड़ सड़कों पर उतर आए हैं । सैकड़ों की संख्या में आदिवासी जिला मुख्यालय पर पहुंच कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंच गए हैं आदिवासी परिवार डैम बनाने का विरोध कर रहे हैं


Body:होशंगाबाद हरदा बैतूल जिले के सैकड़ों आदिवासी मोरल गंजाल दोनों राज्यों का सही क्रम से संयुक्त रूप से बनाए जा रहे बांध का विरोध कर रहे हैं बांध बनने के चलते तीनों जिलों के करीब 35 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं साथ ही 2500 वन भूमि के 10,000 से अधिक पेड़ पौधे काटने का यह आदिवासी विरोध कर रहे हैं इसी विरोध के चलते आदिवासी कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए हैं और कलेक्टर से इस मामले में बांध का काम रोकने की मांग कर रहे हैं आदिवासियों का कहना है कि नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा होशंगाबाद बैतूल जिले के हजारों किसानों को लाभ पहुंचाने के गंजाल नदी पर बांध बनाया जा रहा है बांध के निर्माण की के टेंडर जारी हो चुके हैं जिसका जल्दी निर्माण कार्य होने की संभावना है इसी बात से चिंतित आदिवासी अधिकारियों से मिलने मुख्यालय पहुंचे ।




Conclusion:शिवराज सरकार ने डैम के दो बार बढ़ा चुका है कीमत

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 2014 में 1400 करोड़ रुपए में बांध की सूकृती किया था वही 2017 में 1860 करोड़ की राशि बढ़ाई गई डैम में लगभग 25 हेक्टेयर वन भूमि एवं आवासीय भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है इसका ठेका नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा नवयुग इंजीनियरिंग को दिया गया है

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byte शमारूख धारा , समाजिक कार्यकर्ता
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