होशंगाबाद। अपना घर और गांव बचाने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं. ग्रामीणों ने मिलकर डैम के निर्माण का विरोध करने के लिए जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया.
नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा होशंगाबाद-बैतूल जिले के हजारों किसानों को लाभ पहुंचाने के गंजाल नदी पर बांध बनाया जा रहा है. बांध के निर्माण के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं. जिसका निर्माण कार्य जल्द होने की संभावना है. इसी बात से चिंतित आदिवासी अधिकारियों से मिलने मुख्यालय पहुंचे.
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 2014 में 1400 करोड़ रुपए में बांध की स्वीकृति दी थी. वहीं 2017 में 1860 करोड़ की राशि बढ़ाई गई, डैम में लगभग 25 हेक्टेयर वन भूमि और आवासीय भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है. इसका ठेका नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा नवयुग इंजीनियरिंग को दिया गया है.
बांध बनने से डूब क्षेत्र में 35 गांव आ जाएंगे
हरदा-बैतूल जिले के सैकड़ों आदिवासी मोरल गंजाल दोनों राज्यों का सही क्रम से संयुक्त रूप से बनाए जा रहे बांध का विरोध कर रहे हैं. बांध बनने के चलते तीनों जिलों के करीब 35 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं. साथ ही ये आदिवासी 2500 वन भूमि के 10 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे काटने का विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध के चलते आदिवासी कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए हैं और कलेक्टर से इस मामले में बांध का काम रोकने की मांग कर रहे हैं.