होशंगाबाद। भारतीय धर्म ग्रंथ का एक हिस्सा है आयुर्वेद. स्वास्थ्य के लिए क्या सही है और क्या गलत इसे लेकर धर्म ग्रंथों में बहुत कुछ लिखा गया है. आयुर्वेद ने माना है कि केवल पानी पीने की आदतों में बदलाव करने से हम कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं.
तांबे के पात्र का पानी होता है त्रिदोष नाशक-
माना जाता है कि तांबे के पात्र में रखा पानी त्रिदोष नाशक होता है. जिसे मूर्त रुप देते हुए होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा नगर पालिका परिषद ने प्लास्टिक के बोतल को बाय-बाय कहते हुए तांबे के लोटे का उपयोग करना शुरु कर दिया है. जिससे कार्यालय को प्लास्टिक मुक्त बनाने के साथ-साथ शरीर को भी स्वस्थ रखा जा सके.
शरीर में कॉपर की कमी को करता है पूरा-
तांबा यानि कॉपर में रखे पानी को पीने से सीधे तौर पर शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से रक्षा कर पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करता है.
प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार महात्मा गांधी की जयंती के बाद से देश में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की थी, लेकिन होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा नगर पालिका परिषद ने 31 अगस्त से ही नगर पालिका में पॉलिथीन के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. जिसके बाद से नगर पालिका सीएमओ ऑफिस के कर्मचारी तांबे के लोटे से पानी पीते हैं.
कर रहे कर्मचारी तांबे के लोटे का उपयोग-
वहीं नगर पालिका के भी अलग-अलग चेम्बरों में भी कर्मचारी ताम्बे के लोटों का उपयोग कर रहे है. कुछ जगहों पर कांच के ग्लास का उपयोग किया जा रहा है. इस बारे में जब कर्मचारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया की नगर पालिका में पॉलीथीन और प्लास्टिक की बोतलों पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिसके चलते सभी कर्मचारी तांबे के लोटे या फिर कांच के ग्लास का उपयोग कर रहे हैं.
नगर पालिका में प्लास्टिक की बोतलों पर प्रतिबंध-
बता दें की सिवनी-मालवा नगर-पालिका परिषद ने प्लास्टिक की बोतल में पानी को नगर-पालिका कार्यालय में पूरी तरह से बंद कर दिया है. अब नगर-पालिका में तांबे के लोटे का उपयोग शुरु किया गया है. वहीं पूरे शहर में भी प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब नगर-पालिका स्टाफ पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का उपयोग नहीं करेंगे और आयोजनों में भी मेहमानों को बोतल बंद पानी नहीं दिया जाएगा. सभी को पीतल-तांबे के लोटे में या कांच के गिलास में ही पानी दिया जाएगा.