ETV Bharat / state

लेखपाल पर गिरी गाज: भुगतान में 43 लाख की हुई हेराफेरी

लंबे समय तक लेखापाल के पद पर पदस्थ रहते हुए उमाशंकर व्यास ने 2014 से 2017 के दौरान भुगतान में 43 लाख रुपये की हेराफेरी की. लेकिन उसके बिल, बाउचर और रोकड़ बही में कोई सबूत नहीं मिला. इसी को लेकर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

author img

By

Published : Feb 25, 2021, 10:05 PM IST

umashankar vyas
लेखापाल उमाशंकर व्यास

होशंगाबाद। लेखापाल उमाशंकर व्यास काे लाखाें रुपयाें के हेरफेर के चलते सस्पेंड कर दिया गया है. जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ लेखापाल 2017 तक अपने अधिकाराें का उपयाेग करके कार्यालय के खाते से 43 लाख 96 हजार 395 रुपए के भुगतान में हेरफेर किया है.

  • 2014 से 2017 के बीच 43 लाख की हेराफेरी

जांच में पता चला है कि लंबे समय तक लेखापाल के पद पर पदस्थ रहते हुए व्यास ने 2014 से 2017 के दौरान कीड़ा निधि से पैसों का भुगतान हुआ, लेकिन उसके बिल, बाउचर और रोकड़ बही में हिसाब- किताब नहीं किया गया. पूरे मामले की जांच करीब 2 सालों से चल रही थी. जांच के बाद कई चीजें सामने आने पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संतोष कुमार त्रिपाठी ने 22 फरवरी को उमाशंकर व्यास को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया.

किसानों के खातों से रुपए उड़ाने वाले बैंक मैनेजर ने किया सरेंडर

अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि ट्रांसफर करने के बाद मुझे एक तरफा रिलीव कर दिया गया. मुझसे चार्ज मांगा ही नहीं गया. ऑडिट के समय भी चार्ज लेने की बजाए आकर ऑडिट करवाने के आदेश दिए गए. मेरी छवि काे धूमिल करने के लिए शहर के बड़े राजनीतिक परिवार के सदस्य बार- बार शिकायतें करवा रहे हैं.

  • कई मामले दर्ज

बता दें कि निलंबित उमाशंकर व्यास के मामले में जिला क्रीड़ा शाखा में हो रही वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर दो शिकायत हुई थी, इसके अलावा उनके खिलाफ अन्य शिकायत भी हुई थी, इसी को लेकर उनके खिलाफ लंबे समय से जांच की जा रही थी.

होशंगाबाद। लेखापाल उमाशंकर व्यास काे लाखाें रुपयाें के हेरफेर के चलते सस्पेंड कर दिया गया है. जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ लेखापाल 2017 तक अपने अधिकाराें का उपयाेग करके कार्यालय के खाते से 43 लाख 96 हजार 395 रुपए के भुगतान में हेरफेर किया है.

  • 2014 से 2017 के बीच 43 लाख की हेराफेरी

जांच में पता चला है कि लंबे समय तक लेखापाल के पद पर पदस्थ रहते हुए व्यास ने 2014 से 2017 के दौरान कीड़ा निधि से पैसों का भुगतान हुआ, लेकिन उसके बिल, बाउचर और रोकड़ बही में हिसाब- किताब नहीं किया गया. पूरे मामले की जांच करीब 2 सालों से चल रही थी. जांच के बाद कई चीजें सामने आने पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संतोष कुमार त्रिपाठी ने 22 फरवरी को उमाशंकर व्यास को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया.

किसानों के खातों से रुपए उड़ाने वाले बैंक मैनेजर ने किया सरेंडर

अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि ट्रांसफर करने के बाद मुझे एक तरफा रिलीव कर दिया गया. मुझसे चार्ज मांगा ही नहीं गया. ऑडिट के समय भी चार्ज लेने की बजाए आकर ऑडिट करवाने के आदेश दिए गए. मेरी छवि काे धूमिल करने के लिए शहर के बड़े राजनीतिक परिवार के सदस्य बार- बार शिकायतें करवा रहे हैं.

  • कई मामले दर्ज

बता दें कि निलंबित उमाशंकर व्यास के मामले में जिला क्रीड़ा शाखा में हो रही वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर दो शिकायत हुई थी, इसके अलावा उनके खिलाफ अन्य शिकायत भी हुई थी, इसी को लेकर उनके खिलाफ लंबे समय से जांच की जा रही थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.