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पंचमढ़ी: चंपक झील में बोटिंग के दौरान डूबने से 2 युवकों की मौत, दो दिन बाद मिले शव - Champak Lake Panchmarhi News

पंचमढ़ी की चंपक झील में बोटिंग करते हुए डूबे 13 युवाओं मेंसे 11 के बचा लिया गया था, वहीं गहराई अधिक होने से दो युवक लापता थे, 58 घंटों की लगातार सर्चिंग के बाद होशंगाबाद और भोपाल की गोताखोर एक्सपर्ट टीम ने दो युवकें शवों को बरामद कर लिया है.

Pachmarhi
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Published : Aug 4, 2020, 7:44 PM IST

होशंगाबाद। हिल स्टेशन पचमढ़ी की चंपक झील में रविवार को बोट पलटने से दो युवक डूब गए थे, जिनका शव लगातार सर्चिंग के बाद करीब 58 घंटे बाद झील से बरामद किया जा सका, जिसके लिए होशंगाबाद और भोपाल से आई गोताखोर की एक्सपर्ट टीम को शवों को निकालने के लिए लगाया गया था.

पचमढ़ी के चंपक झील में युवा रविवार शाम को बिना बताए बोट खोलकर झील में चले गए थे, वहां शाम को करीब 6 बजे बोट पलट गई. घटना के बाद से ही पचमढ़ी के स्थानीय गोताखोर युवाओं को लगातर झील को ढूंढ रहे थे, लेकिन झील की गहराई के चलते शव नहीं मिल पा रहे थे, जिसके बाद एनडीआरएफ होशंगाबाद और भोपाल के एक्सपर्ट गोताखोर के दल ने लगातार दो दिन सर्चिंग के बाद युवकों के शवों को बाहर निकाला.

पुलिस ने बताया कि लगभग 12-13 स्थानीय युवा झील में बोटिंग के लिए गए थे, उन्हें चौकीदार ने मना किया लेकिन वे नहीं माने, हादसे में बोट पलटने से सभी युवा डूब गए, जिसमें से विकास यादव (22 साल) और सुमित श्रीवास (27 साल) की मौत हो गई. हादसे में तीन पैडल बोट डूबी थी, जिनमें से दो बोट को निकाल दिया गया है, लेकिन एक वोट का अभी तक पता नहीं चल सका है. झील की गहराई अधिक होने के चलते भोपाल से गोताखोरों को बुलाया गया जिन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की सहायता से झील की गहराई में जाकर लापता युवकों के मृत शरीर को बाहर निकाला है. पिपरिया का प्रशासनिक अमला झील में लगातार सर्चिंग कर रहा था.

झील में रविवार को कुल 13 लोग पेडल बोट से नोकाविहार करने के लिए पहुंचे थे, जिसमें 11 लोग सुरक्षित निकल आए थे, वहीं तीन बोट झील में डूब गई थीं. झील की गहराई अधिक होने के चलते दो युवकों के शव नहीं निकाले जा सके थे, जिसे दो दिन बाद निकाला जा सका. शवों का पिपरिया अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सुपुर्द कर दिया गया है. वहीं मामले की प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है.

होशंगाबाद। हिल स्टेशन पचमढ़ी की चंपक झील में रविवार को बोट पलटने से दो युवक डूब गए थे, जिनका शव लगातार सर्चिंग के बाद करीब 58 घंटे बाद झील से बरामद किया जा सका, जिसके लिए होशंगाबाद और भोपाल से आई गोताखोर की एक्सपर्ट टीम को शवों को निकालने के लिए लगाया गया था.

पचमढ़ी के चंपक झील में युवा रविवार शाम को बिना बताए बोट खोलकर झील में चले गए थे, वहां शाम को करीब 6 बजे बोट पलट गई. घटना के बाद से ही पचमढ़ी के स्थानीय गोताखोर युवाओं को लगातर झील को ढूंढ रहे थे, लेकिन झील की गहराई के चलते शव नहीं मिल पा रहे थे, जिसके बाद एनडीआरएफ होशंगाबाद और भोपाल के एक्सपर्ट गोताखोर के दल ने लगातार दो दिन सर्चिंग के बाद युवकों के शवों को बाहर निकाला.

पुलिस ने बताया कि लगभग 12-13 स्थानीय युवा झील में बोटिंग के लिए गए थे, उन्हें चौकीदार ने मना किया लेकिन वे नहीं माने, हादसे में बोट पलटने से सभी युवा डूब गए, जिसमें से विकास यादव (22 साल) और सुमित श्रीवास (27 साल) की मौत हो गई. हादसे में तीन पैडल बोट डूबी थी, जिनमें से दो बोट को निकाल दिया गया है, लेकिन एक वोट का अभी तक पता नहीं चल सका है. झील की गहराई अधिक होने के चलते भोपाल से गोताखोरों को बुलाया गया जिन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की सहायता से झील की गहराई में जाकर लापता युवकों के मृत शरीर को बाहर निकाला है. पिपरिया का प्रशासनिक अमला झील में लगातार सर्चिंग कर रहा था.

झील में रविवार को कुल 13 लोग पेडल बोट से नोकाविहार करने के लिए पहुंचे थे, जिसमें 11 लोग सुरक्षित निकल आए थे, वहीं तीन बोट झील में डूब गई थीं. झील की गहराई अधिक होने के चलते दो युवकों के शव नहीं निकाले जा सके थे, जिसे दो दिन बाद निकाला जा सका. शवों का पिपरिया अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सुपुर्द कर दिया गया है. वहीं मामले की प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है.

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