होशंगाबाद। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल गठन को बाद सीएम शिवराज को उनके 33 मंत्री मिल गए हैं. सभी राजनीतिक और जातिगत वोटों के साथ ही उपचुनाव के मद्देनजर मंत्री बनाए गए हैं. ऐसे में अब मंत्रियों के बाद दोनों ही पार्टियों का पूरा ध्यान 20 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र पर है. हमेशा हाई प्रोफाइल माने जाने वाला होशंगाबाद जिला, जहां चारों सीटों पर बीजेपी काबिज है, लेकिन ऐसे में एक भी मंत्री पद जिले को नहीं मिला.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, सीएम शिवराज विधानसभा अध्यक्ष का पद होशंगाबाद को दे सकते हैं. इस बीच मध्यप्रदेश की दलीय स्थिति देखकर यह माना जा रहा है कि, विधानसभा में स्पीकर के लिये चुनाव हो सकता है, ऐसे में बीजेपी किसी वरिष्ठ विधायक को उम्मीदवार बनाएगी, जो वरिष्ठ होने के साथ ही समीकरण को भी साध सके. इस बीच सीतासरन शर्मा का नाम निकलकर सामने आ रहा है, वह सीएम शिवराज के पिछले कार्यकाल में बखूबी स्पीकर का कार्यभार संभाल चुके हैं.
डॉक्टर सीतासरन शर्मा, सीएम शिवराज सिंह के करीबी भी माने जाते हैं. इस बार भाजपा भी खुद की परम्परा तोड़ कांग्रेस के रीति-नीति पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद अपने पास रखने पर विचार कर रही है. डाक्टर शर्मा का कहना है कि, संगठन के बलबूते ही पार्टी प्रदेश से राष्ट्र तक परचम लहरा रही है, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष पद का निर्णय भी संगठन द्वारा ही लिया जाएगा. अब बीजेपी, विधानसभा उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस को नहीं देने का पूरा मन बना चुकी है, ऐसे में सीतासरन शर्मा का कहना है कि, आजादी के 50 साल बाद 1990 के बाद से ये परम्परा बीजेपी के ही सीएम सुंदरलाल पटवा के समय शुरू की गई थी, जिसे फिर एक बार कांग्रेस ने तोड़ दिया. हालांकि इस पर भी अंतिम निर्णय पार्टी को ही करना है.
मध्य प्रदेश की होशंगाबाद सीट से सीतासरन शर्मा विधायक हैं. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार सरताज सिंह को हराया था. इससे पहले 2013 के चुनाव में सीतासरन शर्मा ने कांग्रेस के रवि किशोर जायसवाल को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था. वहीं, इस दौड़ में गोपाल भार्गव का भी नाम आ रहा था, जो अब मंत्री बन गए हैं. अब वरिष्ठता को दरकिनार कर रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर चुना गया है, जिसके बाद अब डॉक्टर सीतासरन शर्मा विधानसभा अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.