होशंगाबाद। चिकन के शौकीनों के लिए कड़कनाथ मुर्गे का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. झाबुआ की शान कहे जाने वाले कड़कनाथ मुर्गा अब केवल झाबुआ तक सीमित नहीं रहा, कड़कनाथ अब होशंगाबाद में भी मिलने लगा है. जिसका श्रेय जाता है होशंगाबाद में इंटेरिग्रटिंग फार्मिंग करने वाली सुलक्षणा बमोरिया को. जो 4 साल पहले अपने निजी फार्म हाउस में कड़कनाथ मुर्गों की फार्मिंग कर रही हैं.
इंटेग्रटिंग फार्मिंग के साथ देशी मुर्गो और मछली की पोल्ट्री फार्मिंग करने वाली सुलक्षणा पहले केवल देसी मुर्गो का पालन करती थी. लेकिन जब उन्हें सोशल मीडिया पर कड़कनाथ की डिमांड की जानकारी लगी, जिसके बाद उन्होंने होशंगाबाद में बने अपने फॉर्म हाउस में भी कड़कनाथ को लाने की दिशा में काम शुरू कर दिया.
मैग्नीशियम से भरपूर जमीन में ही पलते हैं कड़कनाथ
झाबुआ, बालाघाट के क्षेत्र में मैग्नीशियम अधिक होने के चलते कड़कनाथ का यहां आसानी का पालन हो जाता है. लेकिन होशंगाबाद की भूमि मे मैग्नीशियम की मात्रा झाबुआ के अपेक्षा बहुत कम पाई जाती है. जबकि कड़कनाथ के लिए विशेष वातावरण की भी जरूरत होती है, बावजूद इसके फार्म हाउस पर सुलक्ष्णा ने विशेष खुराक के इंतजाम के साथ मुर्गों की विशेष देखकर कर इनका सफलतापूर्वक पालन कर रही है.
कड़कनाथ विशेष रूप से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष व्यंजन के रूप में होटलों और रिजॉर्टो में परोसा जाता है. जिसे बाहर से आने वाले पर्यटक इसका लुफ्त उठाते हैं. पर्यटन स्थल पचमढ़ी और मढ़ई में कड़कनाथ की अच्छी डिमांड रहती है. झाबुआ मे 800 रूपए किलो तक बिकने वाला कड़कनाथ होशंगाबाद में 2500 सौ रूपये प्रति किलो बिक रहा है. होशंगाबाद में कड़कनाथ की फार्मिंग की शुरूआत करने वाली सुलक्षणा के इस प्रयास की प्रशासन ने भी सराहना की है.