होशंगाबाद। शिवनी मालवा में पदस्थ शिक्षक सलिल तिवारी भले की नेत्रहीन हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी इस कमी को खुद पर हावी नहीं होने दिया. सलिल शारीरिक रूप से असक्षम होने के बाद भी, बच्चो की जिंदगी में उजाला फैला रहे हैं.
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक के पद पर पदस्थ सलिल तिवारी जो कहने को तो दोनों आंखों से नेत्रहीन है, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी. कड़ी मेहनत करके पहले उन्होंने खुद को शिक्षित किया और अब बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं.
गरीब परिवार, रोजी-रोटी का संकट और ऊपर से नेत्रहीनता किसी को भी तोड़ सकती है, इन परिस्थितियों में भी कुछ ही ऐसे लोग होते हैं, जो इस अभिशाप को भी चुनौती के रूप में स्वीकार करके अपना मुकाम हासिल करते हैं.
सलिल तिवारी का कहना है कि उन्होंने जीवन में बहुत परेशानियां उठाई हैं, लेकिन संघर्ष के आगे न कभी झुके, न ही कभी किसी के सामने अपने हाथ फैलाएं. शिक्षक सलिल तिवारी का कहना है कि यदि भगवान हमें कोई कमजोरी देता है, तो हमें दूसरी शक्तियां भी देता है. जिन पर ध्यान केंद्रित कर सफलता हासिल करनी चाहिए. सलिल आगे कहते हैं कि हमें ये भी याद रखना चाहिए कि कठिनाइयां ही जीवन मे सफलता का मार्ग सुगम बनाती हैं, इसलिए कठिनाइयों से डरे नहीं, बल्कि उसका सामना करें.