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कोरोना संक्रमण के बीच रबी की फसल की खरीदी शुरू, 18 केंद्र बनाए गए

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Published : Apr 13, 2020, 8:59 PM IST

कोरोना वायरस के बीच इटारसी कृषि उपज मंडी में 12 सोसायटी के लगभग अठारह केन्द्र बनाए गए हैं. वहीं रबी फसल की खरीद 15 अप्रैल से शुरू होना है.

Purchase of Rabi crop begins amid Corona infection in hoshangabad
कोरोना संक्रमण के बीच रबी फसल की खरीद शुरू

होशंगाबाद। इटारसी कृषि उपज मंडी के तहत 12 सोसायटी के लगभग अठारह केन्द्रों पर खरीदी की जाना है. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गई है, वहीं समितियों में 2 या 3 केंद्र बनाए गये हैं.

इस बार इस क्षेत्र में करीब 27 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं बोया गया था, जो पिछले साल की तुलना में करीब 20 फीसदी ज्यादा है और उसी अनुपात में लगभग साढ़े 13 लाख क्विंटल गेहूं मंडियों में आने की सम्भावना है. दो दिन पहले कलेक्टर धनंजय सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे सभी अपने क्षेत्र में खरीदी केन्द्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे बारदाने, कम्प्यूटर, तौलकांटे इत्यादि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के देखते हुए खरीदी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी खासा ध्यान रखा गया, वहीं धरातल पर ये कैसे संभव होगा ये एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

हम्मालों और काम करने बाले स्टाफ की कमी -

वहीं समिति संचालक और प्रबंधक इसको लेकर परेशान हैं, मंडियों में बारदाने तो पहुंच गये हैं पर बाकी सुविधाएं नदारत हैं. सबसे बड़ी समस्या सोसायटी केंद्रों पर काम करने वालों की है, केन्द्रों और नागरिक आपूर्ति निगम के बीच अनुबंध भी होता है जो अभी तक नहीं हुआ है. वहीं सोसायटी के सामने आर्थिक संकट भी बड़ी समस्या है जिला सहकारी बैंक द्वारा समितियों की अभी तक लिमिट भी नहीं बनाई गई है, इस स्थिति में समितियां जरूरी डाटा ऑपरेटर,स्टेशनरी ,फ्लेक्स,रंग धागा, टेग आदि का भुगतान कैसे किया जाएगा.

दूसरी बड़ी और गम्भीर समस्या मजदूरों और हम्मालों कमी भी है अनाज की तुलाई, भराई ,सिलाई और टेग लगाने का काम हम्माल और मजदूरों द्वारा किया जाता है. जो इस क्षेत्र में मंडियों सोसायटियों में तौलने ,भरने ,सिलाई करने और टेग लगाने का काम आम तौर पर बिहारी मजदूर करते हैं, वे कोरोना से हुए लॉकडाउन के कारण अपने घर लौट चुके हैं.

इसके अलावा मजदूरों के ठेकेदारों को भी जनवरी माह में धान खरीदी के वक्त का लाखों रूपये का भुगतान अभी तक नहीं होने के चलते अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. वे समितियों से नया अनुबंध करने को तैयार तो हैं, लेकिन उनका कहना है कि जब तक कोई भी वरिष्ठ अधिकारी भुगतान की जिम्मेदारी नहीं लेगा तब तक कैसे हम्मालों से कार्य कराया जा सकता है. वहीं धान की खरीदी के समय का ही लाखों रुपये का भुगतान हम्मालों को नहीं हुआ है, जिसकी शिकायत तहसीलदार, एसडीएम,क्लेक्टर सहित सी एम हेल्प लाइन मे भी की जा चुकी है पर बावजूद इसके भुगतान नहीं हुआ है.

वहीं समितियों की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है, इटारसी के अंतर्गत आने बाले सनखेड़ा,केसला,इटारसी उप मंडी रैसलपुर,गोची तरोंदा,सोनतलाई,गुर्रा रामपुर,पथरौटा,जमानी, बिछुआ,कालाआखर सुखतवा समितियां शामिल है. वहीं अभी इटारसी मंडी मे कोरोना संक्रमण को देखते हुए खरीदी नहीं की जाएगी जिसकी जानकारी मंडी सचिव उमेश शर्मा द्वारा दी गई है.

होशंगाबाद। इटारसी कृषि उपज मंडी के तहत 12 सोसायटी के लगभग अठारह केन्द्रों पर खरीदी की जाना है. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गई है, वहीं समितियों में 2 या 3 केंद्र बनाए गये हैं.

इस बार इस क्षेत्र में करीब 27 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं बोया गया था, जो पिछले साल की तुलना में करीब 20 फीसदी ज्यादा है और उसी अनुपात में लगभग साढ़े 13 लाख क्विंटल गेहूं मंडियों में आने की सम्भावना है. दो दिन पहले कलेक्टर धनंजय सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे सभी अपने क्षेत्र में खरीदी केन्द्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे बारदाने, कम्प्यूटर, तौलकांटे इत्यादि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के देखते हुए खरीदी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी खासा ध्यान रखा गया, वहीं धरातल पर ये कैसे संभव होगा ये एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

हम्मालों और काम करने बाले स्टाफ की कमी -

वहीं समिति संचालक और प्रबंधक इसको लेकर परेशान हैं, मंडियों में बारदाने तो पहुंच गये हैं पर बाकी सुविधाएं नदारत हैं. सबसे बड़ी समस्या सोसायटी केंद्रों पर काम करने वालों की है, केन्द्रों और नागरिक आपूर्ति निगम के बीच अनुबंध भी होता है जो अभी तक नहीं हुआ है. वहीं सोसायटी के सामने आर्थिक संकट भी बड़ी समस्या है जिला सहकारी बैंक द्वारा समितियों की अभी तक लिमिट भी नहीं बनाई गई है, इस स्थिति में समितियां जरूरी डाटा ऑपरेटर,स्टेशनरी ,फ्लेक्स,रंग धागा, टेग आदि का भुगतान कैसे किया जाएगा.

दूसरी बड़ी और गम्भीर समस्या मजदूरों और हम्मालों कमी भी है अनाज की तुलाई, भराई ,सिलाई और टेग लगाने का काम हम्माल और मजदूरों द्वारा किया जाता है. जो इस क्षेत्र में मंडियों सोसायटियों में तौलने ,भरने ,सिलाई करने और टेग लगाने का काम आम तौर पर बिहारी मजदूर करते हैं, वे कोरोना से हुए लॉकडाउन के कारण अपने घर लौट चुके हैं.

इसके अलावा मजदूरों के ठेकेदारों को भी जनवरी माह में धान खरीदी के वक्त का लाखों रूपये का भुगतान अभी तक नहीं होने के चलते अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. वे समितियों से नया अनुबंध करने को तैयार तो हैं, लेकिन उनका कहना है कि जब तक कोई भी वरिष्ठ अधिकारी भुगतान की जिम्मेदारी नहीं लेगा तब तक कैसे हम्मालों से कार्य कराया जा सकता है. वहीं धान की खरीदी के समय का ही लाखों रुपये का भुगतान हम्मालों को नहीं हुआ है, जिसकी शिकायत तहसीलदार, एसडीएम,क्लेक्टर सहित सी एम हेल्प लाइन मे भी की जा चुकी है पर बावजूद इसके भुगतान नहीं हुआ है.

वहीं समितियों की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है, इटारसी के अंतर्गत आने बाले सनखेड़ा,केसला,इटारसी उप मंडी रैसलपुर,गोची तरोंदा,सोनतलाई,गुर्रा रामपुर,पथरौटा,जमानी, बिछुआ,कालाआखर सुखतवा समितियां शामिल है. वहीं अभी इटारसी मंडी मे कोरोना संक्रमण को देखते हुए खरीदी नहीं की जाएगी जिसकी जानकारी मंडी सचिव उमेश शर्मा द्वारा दी गई है.

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