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सरकारी भवन में नहीं है वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था, कैसे होगी जल की पूर्ति

बारिश के पानी के संचय के लिए किए जाने वाले प्रयास न के बराबर दिखाई दे रहे हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए पहले ही कुछ प्रयास किए गए थे.स्थिति यह है कि सरकारी भवन हो या फिर प्राइवेट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कहीं पर भी नजर नहीं आते.

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Published : Jun 13, 2019, 11:57 PM IST

सरकारी भवन में नहीं है वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था

होशंगाबाद। बारिश के पानी के संचय के लिए किए जाने वाले प्रयास न के बराबर दिखाई दे रहे हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए पहले ही कुछ प्रयास किए गए थे, लेकिन धीरे-धीरे व्यवस्था में लगे अधिकारी, कर्मचारी इसे भूलते गए. स्थिति यह है कि सरकारी भवन हो या फिर प्राइवेट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कहीं पर भी नजर नहीं आते.

सरकारी भवन में नहीं है वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था

जिले में बीते पांच साल में बड़ी मात्रा में बोर कराए गए. वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर भी शासन-प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. सिवनी-मालवा तहसील की 95 ग्राम पंचायतें, और एक नगर पालिका में से किसी भी निकाय में वाटर हार्वेस्टिंग के प्रयास तक नहीं किए जा रहे हैं. तहसील में सरकारी इमारतों में ही वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है.
कलेक्टर ने सभी शासकीय कार्यालयों, शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिए थे. तहसील मुख्यालय सहित अंचल में किसी सरकारी इमारत को वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने की जरूरत नहीं समझी गई. शहर के कई सरकारी दफ्तरों के परिसर के साथ ही अन्य बड़े संस्थानों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाए गए. कुछ विभागों ने तो कागज में ही बता दिया कि हार्वेस्टिंग सिस्टम उनके यहां बन गया है. जिन स्थानों पर इसे बनाने का दावा किया जा रहा था वहां नजर नहीं आ रहे हैं.

होशंगाबाद। बारिश के पानी के संचय के लिए किए जाने वाले प्रयास न के बराबर दिखाई दे रहे हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए पहले ही कुछ प्रयास किए गए थे, लेकिन धीरे-धीरे व्यवस्था में लगे अधिकारी, कर्मचारी इसे भूलते गए. स्थिति यह है कि सरकारी भवन हो या फिर प्राइवेट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कहीं पर भी नजर नहीं आते.

सरकारी भवन में नहीं है वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था

जिले में बीते पांच साल में बड़ी मात्रा में बोर कराए गए. वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर भी शासन-प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. सिवनी-मालवा तहसील की 95 ग्राम पंचायतें, और एक नगर पालिका में से किसी भी निकाय में वाटर हार्वेस्टिंग के प्रयास तक नहीं किए जा रहे हैं. तहसील में सरकारी इमारतों में ही वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है.
कलेक्टर ने सभी शासकीय कार्यालयों, शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिए थे. तहसील मुख्यालय सहित अंचल में किसी सरकारी इमारत को वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने की जरूरत नहीं समझी गई. शहर के कई सरकारी दफ्तरों के परिसर के साथ ही अन्य बड़े संस्थानों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाए गए. कुछ विभागों ने तो कागज में ही बता दिया कि हार्वेस्टिंग सिस्टम उनके यहां बन गया है. जिन स्थानों पर इसे बनाने का दावा किया जा रहा था वहां नजर नहीं आ रहे हैं.

Intro:बारिश का मौसम शुरू होने जा रहा है, ऐसे में शहर की सड़कों और नालियों से होता हुआ भारी मात्रा में पानी बह जाएगा। इसके संचय के लिए किए जाने वाले प्रयास न के बराबर है। जिला प्रशासन इस पर सिर्फ चर्चा करता है, लेकिन उस समय जब इसकी जरूरत समझने में लोगों को सजगता नहीं होती। पिछले वर्ष जिले में औसत से अधिक बारिश होने के बाद भी इस बार जिले में फिर वहीं सूखे के हालात बन गए। Body:गर्मी के दिनों में ही यह प्रयास किए जाए तो बारिश आते ही लोग स्वयं इसके लिए आगे आते। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए पूर्व में कुछ प्रयास किए गए थे, लेकिन धीरे-धीरे व्यवस्था में लगे अधिकारी, कर्मचारी इसे भूलते गए। स्थिति यह है कि सरकारी भवन हो या फिर प्राइवेट वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कहीं पर भी नजर नहीं आते। इसी वजह से वर्षा जल के संचय की जरूरत विशेषज्ञों ने बताई है। तहसील में गिरते जलस्तर की बीते 10 सालों की रिपोर्ट भयावहता का संकेत दे रही है। इसके बावजूद न जनता चेत रही है न जनप्रतिनिधि, प्रशासन के जिम्मेदार अफसर भी भू-जल को रीचार्ज करने के प्रति गंभीर नहीं हैं। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सिवनी मालवा तहसील में कहीं नजर नहीं आते हैं। गिरते जल स्तर के कई कारण है, लेकिन प्रमुख कारण बोरिंग है। जिले में बीते 5 साल में बड़ी मात्रा में बोर कराए गए। यह भूमिगत जल स्तर के लिए घातक साबित हो रहे हैं। वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर भी शासन-प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। सिवनी मालवा तहसील की 95 ग्राम पंचायतें, और 1 नगर पालिका में से किसी भी निकाय में वाटर हार्वेस्टिंग के प्रयासों की सुगबुगाहट तक नहीं है। तहसील में सरकारी इमारतों में ही वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। Conclusion:पूर्व में कलेक्टर ने सभी शासकीय कार्यालयों, शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिए थे, तहसील मुख्यालय सहित अंचल में किसी सरकारी इमारत को वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने की जरूरत नहीं समझी गई। इसके बाद अधिकारियों का ध्यान इस पर नहीं जा रहा है। पिछले वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के बाद भी सूखा ग्रस्त क्षेत्र, नदी तालाबों में पानी की बूँद भी नहीं है। शहर के कई सरकारी दफ्तरों के परिसर के साथ ही अन्य बड़े संस्थानों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बना गए। इसके लिए भी पहले ही अनिवार्यता की गई थी। कुछ विभागों ने तो कागज में ही बता दिया कि हार्वेस्टिंग सिस्टम उनके यहां बन गया है। जिन स्थानों पर इसे बनाने का दावा किया जा रहा था वहां नजर नहीं आ रहे है।
बाइट-शीलेन्द्र सिंह कलेक्टर होशंगाबाद
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