होशंगाबाद। प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों में मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. शुक्रवार को मंडी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ कृषि उपज मंडी में तालाबंदी कर हड़ताल शुरू कर दी है. मंडी कर्मचारियों का कहना है कि मॉडल एक्ट से मंडियों में काम कर रहे लाखों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे.
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के कृषि उपज मंडी बानापुरा के अध्यक्ष अंतराम दामडे़ ने बताया कि सरकार का मॉडल एक्ट कहीं ना कहीं मंडियों का निजीकरण कर शासकीय मंडियों को समाप्त करने की तैयारी है. जिससे मंडियों में काम कर रहे लाखों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं मॉडल एक्ट लागू होने पर मंडी प्रशासन का व्यापारियों पर कोई दबाव नहीं होगा. जिससे वे किसानों की उपज मनमाने दामों में खरीदेंगे. जिससे किसानों को भी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.
मंडी कर्मचारियों का कहना है कि मंडियों में किसानों की उपज खरीदने के लिए कई व्यापारी उपज की नीलामी में भाग लेते हैं. जिससे प्रतिस्पर्धा के चलते किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम मिलता है, लेकिन मॉडल एक्ट लागू होने के बाद ये प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जाएगी. जो किसानों के लिए भी घाटे का सौदा साबित होगा.
बता दें कि शिवराज सरकार ने मंडी एक्ट के कानूनों में संशोधन किया है. अब निजी क्षेत्रों में मंडियों की स्थापना के लिए प्रावधान किया है. नए प्रावधानों के तहत गोदामों, साइलो, कोल्ड स्टोरेज आदि को भी प्राइवेट मंडी घोषित किया जा सकेगा. किसानों से मंडी के बाहर ग्राम स्तर से फूड प्रोसेसर, निर्यातकों, होलसेल विक्रेता और अंतिम उपयोगकर्ताओं को सीधे खरीदने का प्रावधान किया है.
मंडी समितियों को निजी मंडियों के कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा. प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड से रेगुलेटरी शक्तियों को पृथक कर संचालक विपणन को दिए जाने का प्रावधान किया है. पूरे प्रदेश में एक ही लाइसेंस से व्यापारियों को व्यापार करने का प्रावधान किया है. व्यापारी प्रदेश में किसी भी मंडी में जाकर व्यापार कर सकता है.