होशंगाबाद। केले के पत्ते का प्राचीन समय से ही दीवाली पूजा में एक अलग महत्व रहा है. केले के फल, तने और पत्तों का पूजा में कई तरीके से उपयोग किया जाता है. केले के पत्ते को शुभ और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. वहीं आम के पत्ते का भी दीवाली पूजा में एक अलग ही स्थान है. ऐसा माना जाता है कि आम के पत्तों से सकारात्मकता आती है.
इटारसी तहसील में एक अनूठी परंपरा है. यहां दिवाली के दिन घर में लक्ष्मी आए इसके लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में केले और आम के पत्ते समेत गेंदे की फूल माला से घरों को सजाया जाता है. फूलों और पत्तों की दुकानें अलसुबह से ही बाजार में सज जाती हैं. बताया जाता है कि ये परंपरा सालों से इटारसी में चली आ रही है.
ऐसा माना जाता है कि केले के पत्ते आदि घर दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में धन-धान्य आता है. शहर में देर रात ही लोगों ने ट्रैक्टर-ट्राली में केले-आम के पत्ते और फूल माला लेकर आए. वहीं शहरवासी दीवाली में लाखों रुपए सिर्फ फूल माला और आम-केले के पत्तों में ही खर्च कर देते हैं.