होशंगाबाद। रेलवे कर्मियों की लापरवाही का भुगतान एक दिव्यांग यात्री को भुगतना पड़ा. दिव्यांग यात्री को रातभर एक इंजन के बगल वाली एसएलआर पार्सल कोच में कैद होकर यात्रा करनी पड़ी. जबलपुर में शनिवार को जब दिव्यांग यात्री चिल्लाया तो किसी व्यक्ति ने दिव्यांग के चिल्लाने पर इसकी सूचना आरपीएफ को दी. लेकिन तब तक ट्रेन वहां से चल दी इसके बाद दिव्यांग यात्री को इटारसी रेलवे जंक्शन पर आरपीएफ की मदद से सील तोड़कर बाहर निकाला गया.
लखनऊ-यशंवतपुर एक्सप्रेस के पार्सल कोच में प्रतापगढ़ के रहने वाला पप्पू यूपी के प्रतापगढ़ से ट्रेन में चढ़ा था. यात्री ने बताया कि उसे रात 1.30 बजे इलाहबाद उतरना था. लेकिन उसकी नींद लग गई. जब उसकी नींद सुबह खुली तो उसने अपने आप को पार्सल कोच में बंद पाया. इस दौरान दिव्यांग यात्री ने बाहर निकालने के लिए अंदर से दरवाजा खोलने का प्रयास किया. लेकिन वह दरवाजा खोलने में नाकाम साबित हुआ.
इसके बाद जब वह भीतर से ही चिल्लाया तब तक ट्रेन जबलपुर पार चुकी थी. दिव्यांग की आवाज सुनकर प्लेटफार्म पर खड़े अन्य यात्रियों ने उसके चिल्लाने की आवाज सुनी, तो इसकी सूचना जबलपुर आरपीएफ को सूचना दी. जिसके बाद इटारसी आरपीएफ स्टाफ ने दिव्यांग को पार्सल डिब्बे से बाहर निकाला.
इस दौरान इटारसी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके बाद पार्सल कोच का दरवाजे पर बाकायदा सील तोड़कर खोला गया और दिव्यांग यात्री को पप्पू को उतारा गया. उसे थाने लाकर पूछताछ की गई.आरपीएफ ने यात्री को खाना खिलाकर वापस दूसरी ट्रेन से रवाना कर दिया है.