नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 30 जून के बाद पर्यटक कोर क्षेत्र में जंगल सफारी का रोमांच नहीं ले पाएंगे. हालांकि पर्यटक बफर जोन में इसका आनंद उठा सकते हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के कोर जोन क्षेत्र में आने वाले मढ़ई, चूरना और बोरी आदि कोर क्षेत्र के गेटों को पर्यटकों के लिए 1 जुलाई से बंद कर दिया जाएगा. जिन्हें तीन माह बाद 1 अक्टूबर को फिर से खोला जाएगा. बंद गेटों के चलते जंगल सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को अब तीन महीना इंतजार करना होगा. बारिश के चलते तीन माह के लिए इन गेटों को बंद किया जायेगा. बफर क्षेत्र में इसका पर्यटक आनंद ले सकते हैं. (Satpura Tiger Reserve)
3 महीने के लिए रहेंगे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गेट बंद: दरअसल, बारिश के कारण अब 1 जुलाई से 1 अक्टूबर तक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गेट पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इस दौरान पर्यटन संबंधी गतिविधियां नहीं होगी. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के गेट बंद होने से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर जोन क्षेत्र मढ़ई, चूरना, बोरी आदि में पर्यटकों की जंगल सफारी भी बंद रहेगी. बता दें कि आने वाले महीनों में तेज बारिश शुरू होने के कारण सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर जोन में रास्ते खराब हो जाते हैं.
बारिश के कारण हर साल रहता है बंद: जंगल क्षेत्र में कई छोटे-बड़े तालाब एवं पुल-पुलिया हैं जिससे थोड़ी बारिश के चलते ही रास्ते बंद हो जाते हैं. वन्य प्राणियों के लिए यह समय भी अनुकूल होता है. इन तीन माह में यहां वन्य प्राणी स्वतंत्र बिना किसी डिस्टर्बेंस से रहते हैं. इन्हीं कारणों से बारिश की स्थिति देखते हुए कोर क्षेत्र में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी बंद की जाती है.
एसटीआर में जानवरों का जमावड़ा: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कई स्थानों पर पर्यटकों को जंगल सफारी के दौरान टाइगर लगातार देखने को मिल रहे हैं. प्रबंधन के अनुसार, पूरे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में करीब 60 से अधिक टाइगर की मौजूदगी के साक्ष्य मिल रहे हैं. इससे ज्यादा टाइगर क्षेत्र में हो सकते हैं. बाघ के अलावा बड़ी संख्या में तेंदुए, भालू, बायसन, चिंकारा, हिरण, जंगली कुत्ते, चीतल, बारहसिंगा आदि वन्य प्राणी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में देखने को मिल रहे हैं.
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बफर जोन में आनंद ले सकेंगे टूरिस्ट: फील्ड डायरेक्टर सतपुडा टाइगर रिजर्व क्षेत्र केएल कृष्णमूर्ति ने बताया कि "1 जुलाई से लेकर 1 अक्टूबर तक 3 माह तक कोर क्षेत्र के गेटों को बंद किया जाएगा. इस दौरान जंगल सफारी का आनंद पर्यटकों को नहीं मिल पाएगा. हालांकि बफर क्षेत्र में पर्यटक सफारी का आनंद ले सकते हैं. हर साल की तरह इस साल भी गेटों को बंद किया जाएगा. बारिश के कारण रोड खराब होती है. साथ ही वन्य प्राणियों के लिए यह 3 माह के डिस्टरबेंस नहीं होता है वह अच्छे से रहते हैं."