नर्मदापुरम। जिले के पिपरिया सरकारी अस्पताल में शव वाहन नहीं होने की समस्या एक बार फिर रविवार को देखने को मिली. एक गरीब वर्ग के व्यक्ति को अपनी मृतक पत्नी के लिए शव वाहन नहीं मिल सका इसके बाद सामाजिक संस्था ने किराए का ऑटो करके मृतक के पति और शव को उनके गांव के लिए रवाना किया. 15 दिनों के दौरान यह दूसरी घटना है जब मृतक को अस्पताल की ओर से शव वाहन नहीं मिल पाया था. जिस कारण मृतक के परिजन शव मोटरसाइकिल पर लेकर गांव गए थे.
भटकता रहा गरीब: नर्मदापुरम जिले के पिपरिया के सरकारी अस्पताल में रविवार को बीमारी के कारण ग्राम जूनावानी की कला बाई पति हृदय सिंह की मौत हो गई थी. पत्नी के शव को अपने गांव ले जाने के लिए पति के पास पर्याप्त पैसे भी नहीं थे, जिसके बाद उसने अस्पताल प्रबंधन को अपनी समस्या बताई लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने शव वाहन ना होने को लेकर हाथ खड़े कर दिए. इसके बाद 2-3 घंटे तक पति जब अपनी मृतक पत्नी के शव को नहीं ले गया तब अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में शव वाहन के लिए नगर पालिका सहित जनप्रतिनिधियों को फोन लगाकर समस्या बताई और वाहन की मांग की लेकिन अस्पताल प्रबंधन को वाहन उपलब्ध नहीं हुआ.
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सामाजिक सेवा संस्थान ने की मदद: अस्पताल में मौजूद कुछ लोगों ने अमृत सेवा समिति के सदस्यों को मृतक के पति की सहायता करने के लिए कॉल लगाकर बुलाया. सदस्यों ने तत्काल अस्पताल पहुंचकर आपस में पैसा एकत्रित करके जूनावानी तक ऑटो कर गांव भेजा. मृतक के पति हृदय सिंह ने बताया कि मैं काफी गरीब हूं मुझे शव वाहन अस्पताल में नहीं मिला इसके बाद कुछ लोगों ने सेवा समिति के माध्यम से मुझे वाहन उपलब्ध कराया तो मैं अपनी मृत पत्नी शव गांव ले जा पा रहा हूं. इस मामले में जनप्रतिनिधि और अधिकारी शहर में हुए विकास कार्यों का हवाला देते हैं लेकिन गरीब तबके के लोगों को अस्पताल से शव ले जाने के लिए वाहन भी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं.