नर्मदापुरम। पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में बनखेड़ी तहसील सहित क्षेत्र के किसानों लाखों एकड़ जमीन को अब पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा. यहां के किसानों की 1 लाख 36 हजार हेक्टेयर की भूमि में सिंचाई का लाभ मिलेगा. यह सब होगा दूधी नदी सिंचाई परियोजना से जिसका भूमि पूजन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया है. 2631 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना से बनखेड़ी क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा. दूधी नदी पर बांध तो बनेगा ही साथ ही डोकरीखेड़ा गांव भी बसाया जाएगा. सीएम शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को बनखेड़ी पहुंचे थे और उन्होने कहा कि इलाके के किसानों की सारी दुष्वारियां अब खत्म होंगी.
किसानों के कल्याण के लिए करते रहेंगे काम: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "किसानों के कल्याण के लिए मैं कोई कसर नहीं छोडूंगा. दूधी सिंचाई परियोजना से किसानों की समृद्धि के द्वार खुलेंगे. दूधी नदी पर 2,631 करोड़ से बांध बनेगा, जिससे इस क्षेत्र के खेतों को पानी मिलेगा और किसानों के घर में खुशहाली आएगी. दूधी नदी पर बांध तो बनेगा ही और डोकरीखेड़ा डैम भी बनाया जाएगा. बनखेड़ी के दो मुख्य मार्ग भी उच्च गुणवत्ता के बनाएं जाएंगे. पिपरिया बस स्टैंड का भी निर्माण किया जाएगा." दूधी नदी पर 162 मीटर लम्बाई और 38 मीटर ऊंचाई के बांध का निर्माण होगा. इस जलाशय से 55,410 हेक्टेयर अर्थात एक लाख 36 हजार 921 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई सुविधा किसानों को उपलब्ध होगी.
दूधी सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "परियोजना से सिंचाई की सुविधा मिलेगी. सरकार द्वारा विकास के कार्य किए जा रहे हैं. सड़कों का जाल बिछाया गया है. पूर्व में किसानों को साल में एक फसल लेना मुश्किल होता था. अब 2 नहीं 3 फसलें ली जा रही हैं. मूंग की तीसरी फसल की खरीदी भी सरकार द्वारा की जा रही है. किसानों की समृद्धि के लिए हर कदम उठाये जा रहे हैं. किसान सम्मान निधि की राशि अब 12 हजार की गई है. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है."
दूधी सिंचाई परियोजना से क्षेत्र में बढ़ेंगी समृद्धि: नर्मदापुरम के सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि "दूधी नदी पर बांध से क्षेत्र में समृद्धि आएगी. इस क्षेत्र के करीब 50-60 गांवों को डोकरीखेड़ा बांध बनाए जाने से बहुत लाभ होगा. परम्परागत रूप से खुली नहर प्रणाली में प्रत्येक 40 हेक्टेयर में जल उपलब्ध कराया जाता है. यहां से किसानों को अपने-अपने खेतों तक जल ले जाने की व्यवस्था की जाती है. इससे भूमि का समतलीकरण और खेत के अंदर बहाव प्रणाली का निर्माण करना होता है. इस परियोजना की विशेषता है कि भूमिगत पाइप नहर वितरण प्रणाली से प्रत्येक 2.5 हेक्टेयर तक के भूमि क्षेत्र पर एक आउटलेट दिया जायेगा. इस आउटलेट पर पर्याप्त दबाव से जल मिलेगा. कृषक फव्वारा पद्धति (स्प्रिंकलर) अथवा टपक पद्धति (ड्रिप) का उपयोग सिंचाई के लिये कर सकेंगे. इससे नर्मदापुरम जिले के पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 61 ग्रामों की 21 हजार 139 हेक्टेयर भूमि लागत राशि 5739.32 करोड़ है."
कोल्हापुर महाराष्ट्र से हुआ है अनुबंध: विभागीय जानकारी के अनुसार, परियोजना के निर्माण के लिये कोल्हापुर महाराष्ट्र से 1,774 करोड़ रूपये का अनुबंध हुआ है. इस परियोजना से नर्मदापुरम जिले के 92 गांवों की 30 हजार 410 हेक्टेयर भूमि और छिंदवाड़ा जिले के 113 ग्रामों की 25 हजार हेक्टेयर भूमि क्षेत्रफल में भूमिगत पाइप प्रणाली से 2.50 हेक्टेयर तक पानी उपलब्ध होगा, जिससे किसानों द्वारा स्प्रिंकलर/ड्रिप लगा कर सिंचाई की जा सकेगी. भूमिगत पाइप लाइन प्रणाली बनाये जाने से नहर के लिये स्थाई भू-अर्जन नहीं होगा.