नर्मदापुरम। होशंगाबाद विधानसभा सीट पर 33 साल से एक ही शर्मा परिवार का कब्जा रहा है. इतिहास में पहली बार भाजपा और कांग्रेस से आमने-सामने चुनाव लड़ रहे दोनों भाइयों के टिकट को लेकर पहले ही रोचक स्थिति बनी हुई है. दोनों भाइयों में सीताशरण शर्मा भाजपा से और गिरिजा शंकर शर्मा कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं. इन सब के बीच भाजपा नेता भगवती चौरे ने बगावती तेवर अपना लिया है. भगवती चौरे ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भी दाखिल कर दिया है.
नामांकन रैली में हजारों लोग हुए शामिल: भगवती चौरे ने नामांकन रैली के जरिए अपनी ताकत का एहसास भी कराने की कोशिश की. सेठानी घाट पर मां नर्मदा का पूजन कर दो हजार से अधिक समर्थकों के साथ रैली निकालकर अपना नामांकन जमा करने कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान भाजपा से टिकट मांग रहे अन्य नेता भी भगवती चौरे के साथ नजर आए. भगवती चोरे की नामांकन रैली में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. जिसकी तुलना दो दिन पहले शहर में हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रोड़ शो की भीड़ से की जा रही है. माना जा रहा है भगवती चौरे मैदान में बने रहे तो भाजपा की राह कठिन हो सकती है.
दलगत राजनीति से ऊपर हो गया चुनाव: भगवती चौरे ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि ''मध्यप्रदेश में होशंगाबाद विधानसभा का चुनाव दलगत राजनीति से ऊपर हो गया है. यहां संस्कार से भरे और पढ़े-लिखे लोग रहते हैं. वह समझ चुके हैं कि इस चुनाव को दल से ऊपर करना है. यह चुनाव राजनीतिक शुद्धिकरण भी माना जा सकता है. स्थिति ऐसी बन गई है जिसमें मैं डटकर सामना करूंगा.''