होशंगाबाद। नर्मदा जल संग्रहण हरित क्षेत्र में प्रशासन अवैध निर्माण अतिक्रमण पर नकेल कसने में नाकाम हो रहा है. उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना हो रही है. मां नर्मदा विलुप्त हो रही है. यह बात शनिवार को होशंगाबाद आए भैया जी सरकार ने कही. भैया जी सरकार 92 दिनों से नर्मदा जल पर सत्याग्रह कर रहे हैं. समर्थ सदगुरु भैया जी सरकार ने कहा कि मां नर्मदा का अस्तित्व खतरे में है. मां नर्मदा का जल संग्रहण हरित क्षेत्र बड़ी तीव्रता से खत्म होता चला जा रहा है. दिन रात अंधाधुंध दोहन, शोषण, अतिक्रमण निर्माण और खनन से नर्मदा का हरित आंचल खत्म हो रहा है.
मां नर्मदा के जल संग्रहण हरित क्षेत्र में लगातार अवैध निर्माण अतिक्रमण भंडारण का सिलसिला अनवरत जारी है. शासन-प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों को बार-बार मां नर्मदा पथ की स्थिति से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा, लेकिन आज तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. अन्न-आहार त्याग कर सत्याग्रह कर रहे समर्थ सदगुरु ने जीवनदायनी के जीवन क्षेत्र, जल संग्रहण, हरित क्षेत्र में हो रहे लगातार निर्माण अतिक्रमण खनन से बड़ी तीव्रता से मां नर्मदा का जल संग्रहण हरित क्षेत्र खत्म होने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि इसके कारण जल स्तर भी कम हुआ है. आने वाले कुछ वर्षों में ही अनेक स्थानों पर मां नर्मदा गुप्त हो जाएगी. जिसके कारण मानव जीवन भी लुप्त हो जाएगा.
ये हैं सात सूत्रीय मांगे
- मां नर्मदा तट एचएफएल से 300 मीटर तक के हरित क्षेत्र को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर संरक्षित किया जाए.
- मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नीति व कानून बनाए.
- दबंग, भू-खनन माफिया और पूंजीपती लगातार हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण, अतिक्रमण भंडारण, खनन तत्काल कर रहे है, जिन्हें प्रतिबंधित कर अवैध संसाधन भंडारण सामग्री को राजसात किया जाए.