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आओ मिट्टी के दिए जलाएं, अपना ही नहीं, औरों के घर में भी उजियारा फैलाएं

कोरोना महामारी के दौर में पीएम मोदी ने 'लोकल के लिए वोकल' को संबोधित करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की है, जिसका असर अब दीपावली के पर्व पर भी देखने को मिल रहा है, जहां बाजारों में विदेशी पटाखों की जगह, देसी पटाखों की मांग खूब की जा रही है. पढ़िए पूरी खबर.

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आओ मिट्टी के दीये जलाएं
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Published : Nov 2, 2020, 6:16 AM IST

होशंगाबाद। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान देश को आत्मनिर्भर का पाठ पढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देसी वस्तुओं के इस्तेमाल पर बढ़ावा देने की बात कही है. पीएम का मानना है कि, लोकल वस्तु केवल हमारी जरूरत ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है. इसके लिए हर व्यक्ति को अपने लोकल के लिए वोकल बनने की आवश्यकता है. कोरोना महामारी के बीच लोकल मार्केट को खड़ा करने सहित लोकल सामान का उपयोग करने की लगातार अपील की जा रही है. इसी के तहत 'लोकल के लिए वोकल' का नारा दिया गया है, जिसका असर अब त्योहारी सीजन में भी दिखने लगा है. जाहिर है कि, हर बार दिवाली पर चीनी समान बाजारों में बिका करता था, जो अब नजर नहीं आ रहा है.

आओ मिट्टी के दीये जलाएं
दीपावाली पर्व की तैयारी के लिए बाजार सजने लगे हैं, जिसमें देसी पटाखों की मांग थोक व्यापारियों मे बढ़ने लगी है. पटाखा व्यापारी अब विदेशी सामानों की जगह देसी पटाखों पर जोर दे रहे हैं. इसी के साथ पूरे संभाग में कुम्हारों को बड़ी संख्या में आर्डर मिल रहे हैं. पिछली तीन पीढ़ियों से मिट्टी का काम करते आ रहे महेश प्रजापत बताते है कि, मिट्टी का अनार बनाने का काम पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार मिट्टी के अनार बनाने का आर्डर कुछ दिनों पहले ही बड़ी संख्या में मिला है, जिसे बनाने के लिए पूरा परिवार दिन-रात लगा हुआ है. सामान्य दिनों में इन अनार को इतना पसन्द नहीं किया जाता है, लेकिन इस बार विदेशी पटाखों की जगह व्यापारी इन पटाखों को पसंद कर रहे हैं. इसके चलते करीब 50 हजार से अधिक देसी अनार का ऑर्डर मिला है. वहीं थोक पटाखों का व्यापार कर रहे नितेश मैस्कर बताते हैं कि, इस बार होलसेल बाजार में लॉकडाउन की वजह से विदेशी पटाखे नहीं आ पाए हैं. ऐसे में लोकल में बनने वाले छोटे-छोटे पटाखा व्यपारियों को आर्डर दिए जा रहे हैं.बाजारों में पहुंचे देसी मिट्टी के सामान

हर बार घरों की साज-सज्जा करने के लिए दिपावाली पर्व पर चाइनीज आइटम उपयोग किए जाते थे, लेकिन इस साल बाजारों में इन आइटम्स की जगह देसी मिट्टी के बने आइटम ही पहुंच रहे हैं. लोकल लेवल पर मिट्टी से बने आइटम की मांग भी बाजारों में खूब देखने को मिल रही है, जिसमें मिट्टी के झूमर, दीपक सहित सजावट के अन्य सामान बाजारों में बिक रहे हैं.

करवाचौथ व्रत के सामानों में भी दिखा लोकल आइटम

दिपावाली त्योहार से पहले करवाचौथ पर्व आने वाला है, जिसको लेकर पूजन सहित शृंगार के समान अब लोकल लेवल पर बाजारों में मिलने लगे हैं. पूजन में उपयोग होने वाले करबा सहित कलश बाजारों में बिक रहे हैं.

होशंगाबाद। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान देश को आत्मनिर्भर का पाठ पढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देसी वस्तुओं के इस्तेमाल पर बढ़ावा देने की बात कही है. पीएम का मानना है कि, लोकल वस्तु केवल हमारी जरूरत ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है. इसके लिए हर व्यक्ति को अपने लोकल के लिए वोकल बनने की आवश्यकता है. कोरोना महामारी के बीच लोकल मार्केट को खड़ा करने सहित लोकल सामान का उपयोग करने की लगातार अपील की जा रही है. इसी के तहत 'लोकल के लिए वोकल' का नारा दिया गया है, जिसका असर अब त्योहारी सीजन में भी दिखने लगा है. जाहिर है कि, हर बार दिवाली पर चीनी समान बाजारों में बिका करता था, जो अब नजर नहीं आ रहा है.

आओ मिट्टी के दीये जलाएं
दीपावाली पर्व की तैयारी के लिए बाजार सजने लगे हैं, जिसमें देसी पटाखों की मांग थोक व्यापारियों मे बढ़ने लगी है. पटाखा व्यापारी अब विदेशी सामानों की जगह देसी पटाखों पर जोर दे रहे हैं. इसी के साथ पूरे संभाग में कुम्हारों को बड़ी संख्या में आर्डर मिल रहे हैं. पिछली तीन पीढ़ियों से मिट्टी का काम करते आ रहे महेश प्रजापत बताते है कि, मिट्टी का अनार बनाने का काम पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार मिट्टी के अनार बनाने का आर्डर कुछ दिनों पहले ही बड़ी संख्या में मिला है, जिसे बनाने के लिए पूरा परिवार दिन-रात लगा हुआ है. सामान्य दिनों में इन अनार को इतना पसन्द नहीं किया जाता है, लेकिन इस बार विदेशी पटाखों की जगह व्यापारी इन पटाखों को पसंद कर रहे हैं. इसके चलते करीब 50 हजार से अधिक देसी अनार का ऑर्डर मिला है. वहीं थोक पटाखों का व्यापार कर रहे नितेश मैस्कर बताते हैं कि, इस बार होलसेल बाजार में लॉकडाउन की वजह से विदेशी पटाखे नहीं आ पाए हैं. ऐसे में लोकल में बनने वाले छोटे-छोटे पटाखा व्यपारियों को आर्डर दिए जा रहे हैं.बाजारों में पहुंचे देसी मिट्टी के सामान

हर बार घरों की साज-सज्जा करने के लिए दिपावाली पर्व पर चाइनीज आइटम उपयोग किए जाते थे, लेकिन इस साल बाजारों में इन आइटम्स की जगह देसी मिट्टी के बने आइटम ही पहुंच रहे हैं. लोकल लेवल पर मिट्टी से बने आइटम की मांग भी बाजारों में खूब देखने को मिल रही है, जिसमें मिट्टी के झूमर, दीपक सहित सजावट के अन्य सामान बाजारों में बिक रहे हैं.

करवाचौथ व्रत के सामानों में भी दिखा लोकल आइटम

दिपावाली त्योहार से पहले करवाचौथ पर्व आने वाला है, जिसको लेकर पूजन सहित शृंगार के समान अब लोकल लेवल पर बाजारों में मिलने लगे हैं. पूजन में उपयोग होने वाले करबा सहित कलश बाजारों में बिक रहे हैं.

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