होशंगाबाद। पूरा देश इस समय कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है. मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. अस्पतालों में बेडों की संख्या में कम पड़ रही है. ऐसे समय में भी होशंगाबाद संभाग का एकमात्र ICU वार्ड पूरी तरह तैयार होने के बाद भी शुरू नहीं हो सका है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में बने इस आईसीयू वार्ड में मेडिकल स्टाफ है, वेंटीलेटर है, दवाइयां हैं, आक्सीजन और पलंग सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन इन सबको संचालित करने वाले एमडी डॉक्टर की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है. जिससे यहां के गंभीर मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
दरअसल, अभी तक किसी मरीज की गंभीर स्थिति होने तक उसे भोपाल के अस्पतालों मे रेफर कर दिया जाता है. राजधानी होने के कारण भोपाल में भी मरीजों की संख्या काफी अधिक है, जिसके चलते बाहरी मरीजों को भर्ती करने के लिए इंतजार कराया जाने लगा है. इन सबको देखते हुए होशंगाबाद में पीएम केयर फंड से 10 पलंग के आईसीयू वार्ड का निर्माण कराया गया था, जो लगभग एक महीने पहले ही बनकर तैयार हो चुका है. लेकिन वेंटिलेटर के संचालन के लिए जिले में कोई एमडी डॉक्टर ही नहीं हैं. जिससे मरीज अभी भी भाग्य और भोपाल के सहारे हैं.
हालांकि प्रशासन नें हॉस्पिटल के कुछ डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को भोपाल एम्स में ट्रेनिंग के लिए भी भेजा था. लेकिन ट्रेनिंग से आने के बाद डॉक्टरों ने बिना एमडी डॉक्टर के आईसीयू वेंटिलेटर संचालन में असमर्थता जाहिर की थी. जिससे इस वार्ड का संचालन अभी तक नहीं हो पाया है.
कोरोना से 51 लोगों की गई जान
शुरुआत में कोरोना से कम प्रभावित होशंगाबाद में अब संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अभी तक कुल 1 हजार 601 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. जिसमें से 1142 मरीज ठीक हो चुके हैं, लेकिन 425 मरीज अभी भी एक्टिव हैं. वहीं अबतक 51 लोगों की मौत हो चुकी है. इस तरह संक्रमण की दर 9.69 % पर पहुंच गई है. वहीं जिले में कोरोनावायरस के अलावा निमोनिया, मलेरिया और फेफड़ों में संक्रमित मरीज बहुत अधिक तादाद में मिल रहे हैं. ऐसे में आईसीयू वेंटिलेटर की आवश्यकता बहुत अधिक बढ़ जाती है. लेकिन मरीजों को केवल निराशा ही हाथ लग रही है.
सरकार का उदासीन रवैया
जिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड 25 अगस्त को ही सभी सुविधाओं से लैस हो चुका है. लेकिन महीने बीत जाने के बाद भी एक मरीजों को भर्ती नहीं किया गया है. इसको लेकर कमिश्नर, कलेक्टर सहित राजनेता भी स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक एमडी डॉक्टर जिले में पदस्थ नहीं किया गया है.