होशंगाबाद। कोरोना संक्रमण काल के कारण इस वर्ष शुरू होने वाला साल का पहला शिक्षा सत्र जुलाई माह में बिना बच्चों की चहल-पहल के शुरू होगा, इस दौरान शिक्षा के मंदिर सूने रहेंगे. स्कूलों में बजने वाली घंटी अब घर में सुनाई देगी. दादा-दादी, पापा-मम्मी जो भी घर में रहेंगे वह घंटिया थाली बजाकर बच्चों को पढ़ाई करने घर पर ही बैठाएंगे. इस बार कोरोनावायरस के कारण सब कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है.
स्कूली शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से 12वीं तक के सभी स्कूल 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए हैं. इस दौरान कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को नियमित पढ़ाई जारी रखने 'हमारा घर ही हमारा विद्यालय योजना' की शुरुआत 6 जुलाई से हो रही है. इस योजना के तहत घर का जो भी बड़ा सदस्य होगा वो ठीक 10 बजे बच्चों को घंटी या थाली बजाकर पढ़ाई करने बैठाएगा.
जिले के प्राथमिक और माध्यमिक शाला में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन से जोड़ने रखने राज्य शिक्षा केंद्र ने 'हमारा घर ही हमारा विद्यालय योजना' तैयार की है. इस योजना के माध्यम से विद्यार्थी अपने घरों में ही पढ़ेंगे, योग करेंगे, कहानियां भी सुनेंगे उन पर नोट्स तैयार करेंगे. जिला शिक्षा अधिकारी रवि बघेल ने बताया कि इस योजना के तहत कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थी अपने घर को ही शिक्षा का मंदिर समझेंगे.
इसको लेकर प्रधान अध्यापक और शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे स्कूल में दर्ज सभी बच्चों की पुस्तकों, पाठ्य पुस्तकों, वर्क बुक 4 जुलाई तक बांटे, साथ ही व्हाटस एप के माध्यम से डिजीलाइफ रेडियो स्कूल कार्यक्रम से बच्चों का मार्गदर्शन करें. जिन बच्चों को शिक्षकों के सहयोग की आवश्यकता है, उनको गाइडेंस देने प्रतिदिन कम से कम 5 बच्चों से फोन पर बात करना और जानकारी लेने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
जो बच्चे डीजी लैब ग्रुप से नहीं जुड़े हैं, उनके घर संपर्क करके शिक्षकों को प्रतिदिन की रिपोर्ट एम शिक्षा मित्र के मॉडयूल शिक्षा सेतु पर देना है, साथ ही इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी शिक्षक, जन शिक्षा केंद्र प्रभारी, संकुल प्राचार्य, बीआरसी की होगी.