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बच्चों को दी गई गुड टच- बैड टच की जानकारी, पाठ्यक्रम में भी शामिल करने की मांग - Crimes rising with children

देश में महिलाओं और बच्चों के साथ बढ़ रहे अपराधों के प्रति जागरूक करने के उद्येश्य से जिले के एक निजी स्कूल में गुड टच- बैड टच को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता और NSUI के कार्यकर्ता शामिल रहे.

Good-touch and bad-touch information given to children in hoshangabad
बच्चों को दी गई गुड टच और बैड टच की जानकारी
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Published : Dec 13, 2019, 12:58 PM IST

होशंगाबाद। देश में महिलाओं और बच्चों के साथ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए जिले के एक निजी स्कूल में गुड टच और बैड टच को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों को छूने के दौरान सही या गलत की जानकारी दी गई. जिसमें सामाजिक संस्थाएं और NSUI के कार्यकर्ता भी शामिल रहे. इस दौरान सभी ने गुड टच और बैड टच को पाठ्यक्रम में भी शामिल करने की मांग उठाई.

बच्चों को दी गई गुड टच- बैड टच की जानकारी

इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता स्वाति गौर ने कहा कि बच्चे स्कूलों में ही सबसे अधिक सीखते हैं. इसलिए इन्हें महिला उत्पीड़न और गुड टच और बैड टच के बारे में पूरी जानकारी देना चाहिए. इसके लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. वही NSUI कार्यकर्ता संदीप ने कहा कि, हम स्कूल में जो सीखते हैं वो हमेशा यहां रहता है. इसी लिए गुड टच और बैड टच सहित महिला उत्पीड़न पर शिक्षा देना चाहिए. जिससे कि यह समाज में होने वाले बुराइयों को दूर कर सकें.

होशंगाबाद। देश में महिलाओं और बच्चों के साथ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए जिले के एक निजी स्कूल में गुड टच और बैड टच को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों को छूने के दौरान सही या गलत की जानकारी दी गई. जिसमें सामाजिक संस्थाएं और NSUI के कार्यकर्ता भी शामिल रहे. इस दौरान सभी ने गुड टच और बैड टच को पाठ्यक्रम में भी शामिल करने की मांग उठाई.

बच्चों को दी गई गुड टच- बैड टच की जानकारी

इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता स्वाति गौर ने कहा कि बच्चे स्कूलों में ही सबसे अधिक सीखते हैं. इसलिए इन्हें महिला उत्पीड़न और गुड टच और बैड टच के बारे में पूरी जानकारी देना चाहिए. इसके लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. वही NSUI कार्यकर्ता संदीप ने कहा कि, हम स्कूल में जो सीखते हैं वो हमेशा यहां रहता है. इसी लिए गुड टच और बैड टच सहित महिला उत्पीड़न पर शिक्षा देना चाहिए. जिससे कि यह समाज में होने वाले बुराइयों को दूर कर सकें.

Intro:होशंगाबाद । समाज में बच्चों के बीच शिक्षा का विशेष महत्व होता है बच्चे स्कूल में ही सबसे अधिक सीखते हैं इसी के चलते अब सामाजिक संस्थाओं और बच्चे टीचर्स सहित कांग्रेस एनएसयूआई स्कूल के पाठ्यक्रम में गुड टच एवं बैड टच सहित उनके बचाव की शामिल करने की मांग कर रहे हैं । लगातार बढ़ते दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न की घटनाओं को आज की पीढ़ी में तक पहुंचाने के लिए शिक्षा से अच्छा माध्यम कुछ नहीं हो सकता है






Body:गुड टच बैड टच कार्यशाला का आयोजन निजी स्कूल में किया गया जिसमें पुलिस अधिकारी सहित सामाजिक संस्थाएं और एनएसयूआई ने मिलकर आयोजित किया जहां सभी संस्थाओं ने मिलकर इसे शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि शिक्षा स्कूलों में ही बच्चे सबसे अधिक सीखते हैं और यहीं पर इन्हें महिला उत्पीड़न और गुड टच बैड टच के बारे में संपूर्ण जानकारी देना चाहिए वही इसको लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ता संदीप ने स्कूल में हम जो सीखते हैं पढ़ते हैं वह हमेशा यहां रहता है स्कूल में हमें एबीसीडी सिखाई जाती है जो हमेशा याद रहती है उसी प्रकार गुड टच बैड टच सहित महिला उत्पीड़न पर शिक्षा देना चाहिए जिससे कि यह समाज में होने वाले कुर्तियों को कुरीतियों को दूर कर सके ।

बाइट संदीप पाठक
बाइट स्वाति गौर
बाइट स्टूडेंट


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