होशंगाबाद । तीन साल बाद तवा डैम के पांच गेटों को खोला गया है. गेटों को 4 फुट तक खोलकर 33,695 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा हैं. होशंगाबाद के आस पास के जिले बैतूल, सीहोर सहित अन्य जिले में भारी बारिश होने के चलते तवा बांध प्रबंधन ने बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया हैं. तवा डैम के गेट खोलने के बाद नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है.
जलसंसाधन विभाग के एसडीओ एन के सूर्यवंशी के ने बताया कि बांध में लगातार बढ़ रहे पानी को देखते हुए बुधवार को सुबह 10 बजे सबसे पहले एचईजी के पॉवर प्लांट को पानी देना शुरु किया था. पॉवर प्लांट को 4 हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा है. साथ ही पचमढ़ी और तवा के कैचमेंट एरिया व बैतूल जिले में तेज बारिश के कारण सतपुड़ा डेम से भी पानी छोड़ा जा रहा है और यह पानी भी तवा डैम में ही आ रहा था. जिसके चलते तवा डैम ओवरफ्लों होने लगा. ऐसे में डैम के पांच गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है.
बांध प्रबंधन को 15 अगस्त तक बांध में पानी का लेवल 1160 फीट तक रखना है. बीते दो-तीन दिन में बारिश नहीं होने से गेट खुलने की उम्मीद नहीं थी. लेकिन मंगलवार की रात से छिंदवाड़ा, बैतूल, पचमढ़ी और तवा बेसिन में हो रही लगातार बारिश से बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ा हैं. वहीं तीन साल के बाद तवा डैम के गेट खुलने की खबर लगते ही सैकड़ों पर्यटक डैम खुलने का नजारा देखाने पहुंचे.
कब-कब खोले गए तवा डैम के गेट
इससे पहले 2016 में तवा डैम के गेट खोले गए थे. 2016 में बांध के गेट खोलने का आपरेशन 43 बार हुआ था और 44 वे बार के आपरेशन में गेट को बंद किया गया था. बांध प्रबंधन ने 9 जुलाई 2016 को 7 गेट दस फुट तक खोले थे. इसके बाद 14 अगस्त 2016 को तीन गेट दो फुट तक खोले गये थे. ये गेट 15 और 16 अगस्त को भी खुले रहे थे. 2016 में सबसे अधिक 13 गेट 27 फुट तक खोलकर 5 लाख 3 हजार 997 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे तवा नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था.16 अगस्त 2016 को सुबह 9 बजे बांध के सभी तेरह गेट बंद कर दिये गये थे. 2017 और 2018 में कम बारिश होने से गेट नहीं खुले थे.इसके बाद सीधा तीन साल बाद बुधवार 14 अगस्त को शाम 6 बजे गेट खोले गये हैं.