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भारी बारिश से लबालब हुआ तवा डैम, तीन साल बाद खोले गए पांच गेट, आकर्षक नजारा देखने पहुंचे पर्यटक - जलसंसाधन विभाग के एसडीओ एन के सूर्यवंशी

होशंगाबाद जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद तवा डैम लबालब हो गया. जिसके चलते तीन साल बाद तवा डैम के पांच गेट खोल दिए गए हैं. होशंगाबाद के आस पास के सभी जिलों में भी लागातार हो रही बारिश से यह निर्णय लिया गया है. डैम के गेट खोले जाने के बाद पर्यटकों की भीड़ यह नजारा देखने डैम के पास पहुंच गई.

तीन साल बाद खोले गए पांच गेट, आकर्षक नजारा देखने पहुंचे पर्यटक
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Published : Aug 14, 2019, 10:40 PM IST

होशंगाबाद । तीन साल बाद तवा डैम के पांच गेटों को खोला गया है. गेटों को 4 फुट तक खोलकर 33,695 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा हैं. होशंगाबाद के आस पास के जिले बैतूल, सीहोर सहित अन्य जिले में भारी बारिश होने के चलते तवा बांध प्रबंधन ने बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया हैं. तवा डैम के गेट खोलने के बाद नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है.

तीन साल बाद खोले गए पांच गेट, आकर्षक नजारा देखने पहुंचे पर्यटक

जलसंसाधन विभाग के एसडीओ एन के सूर्यवंशी के ने बताया कि बांध में लगातार बढ़ रहे पानी को देखते हुए बुधवार को सुबह 10 बजे सबसे पहले एचईजी के पॉवर प्लांट को पानी देना शुरु किया था. पॉवर प्लांट को 4 हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा है. साथ ही पचमढ़ी और तवा के कैचमेंट एरिया व बैतूल जिले में तेज बारिश के कारण सतपुड़ा डेम से भी पानी छोड़ा जा रहा है और यह पानी भी तवा डैम में ही आ रहा था. जिसके चलते तवा डैम ओवरफ्लों होने लगा. ऐसे में डैम के पांच गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है.

बांध प्रबंधन को 15 अगस्त तक बांध में पानी का लेवल 1160 फीट तक रखना है. बीते दो-तीन दिन में बारिश नहीं होने से गेट खुलने की उम्मीद नहीं थी. लेकिन मंगलवार की रात से छिंदवाड़ा, बैतूल, पचमढ़ी और तवा बेसिन में हो रही लगातार बारिश से बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ा हैं. वहीं तीन साल के बाद तवा डैम के गेट खुलने की खबर लगते ही सैकड़ों पर्यटक डैम खुलने का नजारा देखाने पहुंचे.

कब-कब खोले गए तवा डैम के गेट
इससे पहले 2016 में तवा डैम के गेट खोले गए थे. 2016 में बांध के गेट खोलने का आपरेशन 43 बार हुआ था और 44 वे बार के आपरेशन में गेट को बंद किया गया था. बांध प्रबंधन ने 9 जुलाई 2016 को 7 गेट दस फुट तक खोले थे. इसके बाद 14 अगस्त 2016 को तीन गेट दो फुट तक खोले गये थे. ये गेट 15 और 16 अगस्त को भी खुले रहे थे. 2016 में सबसे अधिक 13 गेट 27 फुट तक खोलकर 5 लाख 3 हजार 997 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे तवा नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था.16 अगस्त 2016 को सुबह 9 बजे बांध के सभी तेरह गेट बंद कर दिये गये थे. 2017 और 2018 में कम बारिश होने से गेट नहीं खुले थे.इसके बाद सीधा तीन साल बाद बुधवार 14 अगस्त को शाम 6 बजे गेट खोले गये हैं.

होशंगाबाद । तीन साल बाद तवा डैम के पांच गेटों को खोला गया है. गेटों को 4 फुट तक खोलकर 33,695 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा हैं. होशंगाबाद के आस पास के जिले बैतूल, सीहोर सहित अन्य जिले में भारी बारिश होने के चलते तवा बांध प्रबंधन ने बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया हैं. तवा डैम के गेट खोलने के बाद नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है.

तीन साल बाद खोले गए पांच गेट, आकर्षक नजारा देखने पहुंचे पर्यटक

जलसंसाधन विभाग के एसडीओ एन के सूर्यवंशी के ने बताया कि बांध में लगातार बढ़ रहे पानी को देखते हुए बुधवार को सुबह 10 बजे सबसे पहले एचईजी के पॉवर प्लांट को पानी देना शुरु किया था. पॉवर प्लांट को 4 हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा है. साथ ही पचमढ़ी और तवा के कैचमेंट एरिया व बैतूल जिले में तेज बारिश के कारण सतपुड़ा डेम से भी पानी छोड़ा जा रहा है और यह पानी भी तवा डैम में ही आ रहा था. जिसके चलते तवा डैम ओवरफ्लों होने लगा. ऐसे में डैम के पांच गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है.

बांध प्रबंधन को 15 अगस्त तक बांध में पानी का लेवल 1160 फीट तक रखना है. बीते दो-तीन दिन में बारिश नहीं होने से गेट खुलने की उम्मीद नहीं थी. लेकिन मंगलवार की रात से छिंदवाड़ा, बैतूल, पचमढ़ी और तवा बेसिन में हो रही लगातार बारिश से बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ा हैं. वहीं तीन साल के बाद तवा डैम के गेट खुलने की खबर लगते ही सैकड़ों पर्यटक डैम खुलने का नजारा देखाने पहुंचे.

कब-कब खोले गए तवा डैम के गेट
इससे पहले 2016 में तवा डैम के गेट खोले गए थे. 2016 में बांध के गेट खोलने का आपरेशन 43 बार हुआ था और 44 वे बार के आपरेशन में गेट को बंद किया गया था. बांध प्रबंधन ने 9 जुलाई 2016 को 7 गेट दस फुट तक खोले थे. इसके बाद 14 अगस्त 2016 को तीन गेट दो फुट तक खोले गये थे. ये गेट 15 और 16 अगस्त को भी खुले रहे थे. 2016 में सबसे अधिक 13 गेट 27 फुट तक खोलकर 5 लाख 3 हजार 997 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे तवा नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था.16 अगस्त 2016 को सुबह 9 बजे बांध के सभी तेरह गेट बंद कर दिये गये थे. 2017 और 2018 में कम बारिश होने से गेट नहीं खुले थे.इसके बाद सीधा तीन साल बाद बुधवार 14 अगस्त को शाम 6 बजे गेट खोले गये हैं.

Intro:तवा बांध के पांच गेट चार फीट तक खोलकर 33, 695 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। शाम 6 बजे जब तवा बांध का जलस्तर 1162.10 फुट था और बांध में पानी का इन्फ्लो 60 हजार क्यूसेक था तो बांध प्रबंधन ने तवा के गेट खोलकर पानी छोडऩा प्रारंभ किया।Body:तवा बांध से तीन वर्ष बाद 5 गेटों को 4 फुट तक खोलकर 33,695 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पहाड़ों पर बारिश और बैतूल जिले में भी बारिश होने के कारण तवाबांध प्रबंधन ने बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया है। जलसंसाधन विभाग के एसडीओ एनके सूर्यवंशी के अनुसार बांध में लगातार बढ़ रहे पानी को देखते हुए बुधवार को सुबह 10 बजे सबसे पहले एचईजी के पॉवर प्लांट को पानी देना शुरु किया था। पॉवर प्लांट को 4 हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। इसी तरह से पचमढ़ी, तवा के कैचमेंट एरिया और बैतूल जिले में तेज बारिश के कारण सतपुड़ा डेम से भी पानी छोड़ा जा रहा है और यह पानी भी तवा में ही आ रहा है, जिससे इनफ्लो 60 हजार क्यूसेक हो गया है। बांध प्रबंधन को 15 अगस्त तक बांध में पानी का लेबल 1160 फीट तक रखना है। बीते दो से तीन दिन में बारिश नहीं होने से गेट खुलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन, मंगलवार की रात से छिंदवाड़ा, बैतूल, पचमढ़ी और तवा बेसिन में जोरदार बारिश होने से बांध में जलस्तर तेजी से बढ़ा है।Conclusion:तीन वर्ष बाद खोले गये हैं गेट
तवा बांध में तीन वर्ष बांध गेट खोले गये हैं। इससे पहले सन् 2016 में गेट खोले गये थे। सन् 2017-18 में बारिश कम होने से बांध पूरी तरह से भराया भी नहीं था। 2016 में बांध के गेट खोलने का आपरेशन 43 बार हुआ और 44 वे आपरेशन में गेट बंद किये। इस वर्ष में बांध के सभी तेरह गेट खोलने पड़े थे। बांध प्रबंधन ने 9 जुलाई 16 को 7 गेट दस फुट तक खोले थे। इसके बाद 14 अगस्त 16 को तीन गेट दो फुट तक खोले गये थे। ये गेट 15 और 16 अगस्त को भी खुले रहे थे। 2016 में सबसे अधिक 13 गेट 27 फुट तक खोलकर 5 लाख 3 हजार 997 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे तवा नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। 16 अगस्त 16 को सुबह 9 बजे बांध के सभी तेरह गेट बंद कर दिये गये थे। 2017 और 18 में कम बारिश होने से गेट नहीं खुले और तीन वर्ष बाद बुधवार 14 अगस्त को शाम 6 बजे गेट खोले गये हैं।
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