नर्मदापुरम। राजकुमार संतोषी की फिल्म गांधी गोडसे 26 जनवरी को रिलीज हुई है. जिसके बाद आज देश और प्रदेश में इसका विरोध जारी है. फिल्म को बंद कराने एवं फिल्म निर्माता अभिनेता पर कार्रवाई की मांग भी कांग्रेस द्वारा लगातार की जा रही है. नर्मदापुरम में आज यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया.जिसमें नर्मदापुरम के फिल्म अभिनेता शरद सिंह और निर्माता राजकुमार संतोषी का पुतला उनके घर के सामने फूंका गया.
नर्मदापुरम के रहने वाले हैं शरद सिंहः दरअसल फिल्म अभिनेता शरद सिंह नर्मदापुरम के रहने वाले हैं. उनके घर के पास विवेकानंद घाट चौराहे पर पुतला दहन किया गया. साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की गई. यूथ कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता रोहन जैन ने कहा 26 जनवरी को जहां देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा था. महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जा रहा था. बापू के सम्मान में देश खड़ा रहा. वहीं इस फिल्म ने देश में माहौल बिगाड़ कर गांधी जी की विचारधारा के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. जिसके कारण गांधी-गोडसे फिल्म अभिनेता शरद सिंह के घर के सामने पुतले का दहन किया गया.
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फिल्म में गांधी जी को गद्दार बताया गयाः यूथ कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता रोहन जैन ने बताया कि गांधी गोडसे फिल्म में नर्मदापुरम के अभिनेता शरद सिंह का एक किरदार है. उसमें उन्होंने कहा है कि गांधी तुम देश के गद्दार हो. ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाना, देश से गद्दारी करने वाला कृत्य है. शरद सिंह के खिलाफ हमने प्रदर्शन किया है. हम गांधी जी की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं, महात्मा गांधी का अपमान हमसे देखा नहीं गया. उसी कारण हमने यहां शरद सिंह और राजकुमार संतोषी जो उसके निर्देशक हैं, के खिलाफ प्रदर्शन कर उनका पुतला दहन किया है. इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को ज्ञापन सौंपा गया.
फिल्म में देश का माहौल बिगाड़ने का कामः इस ज्ञापन में लिखा गया कि इस फिल्म में भावनाओं को भड़काने जैसा काम किया गया है. देश का माहौल बिगाड़ने का काम किया गया है. उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और हम यह मांग करते हैं.आने वाले समय में ऐसी कोई फिल्म देश में रिलीज न हो जो देश के महापुरुषों का अपमान करती हो. देश के इतिहास को तोड़-मरोड़ के परोसने का काम करती हो. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का देश में जो दर्जा है वह सभी जानते हैं. उनके क्रांतिकारी इतिहास का सम्मान किया जा रहा है. वहां पर ऐसे लोग इस तरह की फिल्म बनाकर माहौल बिगड़ने का काम करते हैं. गांधीजी एक विचार हैं जो कभी मरने वाला नहीं है. गांधीजी के चरित्र पर आप सवाल उठा सकते हो लेकिन उनके विचारों को युवाओं ने जिंदा रखा है उन्हें खत्म नहीं कर सकते.