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राम विवाह महोत्सव में निःशुल्क सामूहिक विवाह के लिए 29 जोड़ों ने कराया पंजीयन - shree dewal mandir kali samiti

होशंगाबाद के इटारसी तहसील में एक दिसंबर को श्रीराम विवाह का आयोजन किया जाएगा, जहां अपने विवाह के लिए 29 जोड़ों ने पंजीयन कराया है.

Ramvivaha Festival to be held on 1 December
1 दिसंबर को होगा रामविवाह महोत्सव
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Published : Nov 27, 2019, 12:32 PM IST

Updated : Nov 27, 2019, 3:05 PM IST

होशंगाबाद। इटारसी के श्री देवल मंदिर काली समिति पिछले 34 सालों से श्रीराम विवाह महोत्सव एवं निःशुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन करता आ रहा है. इस साल भी श्रीराम विवाह में शामिल होने के लिए 29 जोड़ों ने पंजीयन करवाया है.

समिति सदस्य जयप्रकाश करिया पटेल ने बताया कि अभी तक 29 जोड़ों का पंजीयन हो चुका है. इस आयोजन में हरदा, बैतूल, होशंगाबाद, खंडवा, भोपाल, रायसेन, जबलपुर सहित पूरे प्रदेश से लोग शामिल होते हैं. समिति अभी तक 2000 से ज्यादा जोड़ों का विवाह करा चुका है.

1 दिसंबर को होगा रामविवाह महोत्सव

6 दिनों तक चलने वाला कार्यक्रम

  • 26 नवंबर: सुंदरकांड, रामलीला मंचन
  • 27 नवंबर: सीताराम अखंड कीर्तन
  • 28 नवंबर: भजन श्रृंखला
  • 29 नवंबर: महिला मंडल द्वारा रामसत्ता
  • 30 नवंबर: मंडपाच्छादन एवं सत्यनारायण कथा

समाज में व्याप्त दहेज प्रथा, भेदभाव जैसी कुरीतियों के खात्मे और सामाजिक समरसता का अनूठा संदेश देने वाला ये आयोजन पूरे प्रदेश में ख्याति प्राप्त कर चुका है.

होशंगाबाद। इटारसी के श्री देवल मंदिर काली समिति पिछले 34 सालों से श्रीराम विवाह महोत्सव एवं निःशुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन करता आ रहा है. इस साल भी श्रीराम विवाह में शामिल होने के लिए 29 जोड़ों ने पंजीयन करवाया है.

समिति सदस्य जयप्रकाश करिया पटेल ने बताया कि अभी तक 29 जोड़ों का पंजीयन हो चुका है. इस आयोजन में हरदा, बैतूल, होशंगाबाद, खंडवा, भोपाल, रायसेन, जबलपुर सहित पूरे प्रदेश से लोग शामिल होते हैं. समिति अभी तक 2000 से ज्यादा जोड़ों का विवाह करा चुका है.

1 दिसंबर को होगा रामविवाह महोत्सव

6 दिनों तक चलने वाला कार्यक्रम

  • 26 नवंबर: सुंदरकांड, रामलीला मंचन
  • 27 नवंबर: सीताराम अखंड कीर्तन
  • 28 नवंबर: भजन श्रृंखला
  • 29 नवंबर: महिला मंडल द्वारा रामसत्ता
  • 30 नवंबर: मंडपाच्छादन एवं सत्यनारायण कथा

समाज में व्याप्त दहेज प्रथा, भेदभाव जैसी कुरीतियों के खात्मे और सामाजिक समरसता का अनूठा संदेश देने वाला ये आयोजन पूरे प्रदेश में ख्याति प्राप्त कर चुका है.

Intro:होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील में 34 सालों में दो हजार जोड़ों ने लिए श्री राम विवाह में फेरे ऐसी समिति जहां कोई पदाधिकारी नहीं बस राम बोलो के सहारे होता है रामकाज। 1 दिसंबर को होगा श्री राम विवाह, धूमधाम से निकलेगी बारात, 29 जोड़ों का पंजीयन हुआ। आज से 6 दिन तक मंदिर परिसर में कई कार्यक्रम होंगे
26 नबंबर: सुंदरकांड, रामलीला मंचन
27 नबंबर: सीताराम अखंड कीर्तन
28 नबंबर: भजन श्रृंखला
29 नबंबर: महिला मंडल द्वारा रामसत्ता
30 नबंबर: मंडपाच्छादन एवं सत्यनारायण कथा
1 दिसंबर: बारात स्वागत, वरमाला एवं पाणिग्रहण संस्कार, कन्याभोज।Body:इटारसी। श्री देवल मंदिर काली समिति पुरानी इटारसी के तत्वावध्ाान में पिछले 34 सालों से श्री राम विवाह महोत्सव एवं निशुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है। समाज में व्याप्त दहेज प्रथा, भेदभाव जैसी कुरीतियों के खात्मे और सामाजिक समरसता का अनूठा संदेश देने वाला यह आयोजन पूरे प्रदेश में ख्याति प्राप्त कर चुका है।
Conclusion:इस साल 35 वें वर्ष में ध्ाूमध्ााम से यह कार्यक्रम होगा। समिति सदस्य जयप्रकाश करिया पटेल ने बताया कि अभी तक 29 जोड़ों का पंजीयन हो चुका है। इस आयोजन में हरदा, बैतूल, होशंगाबाद, खंडवा, भोपाल, रायसेन, जबलपुर समेत पूरे मप्र से लोग शामिल होते हैं। समिति अभी तक 2 हजार से ज्यादा जोड़ों का विवाह करा चुका है।
ऐसे शुरू हुई परंपरा:
देवल मंदिर के महंत ब्रह्मलीन दामोदर दास जी और सहारनपुर के महंत ब्रह्मलीन सुंदरदास जी रामायणी के सहयोग से 1984 में पहली बार राम विवाह एक जोड़े से शुरू कराया था। पहली बारात रामजानकी छोटा मंदिर से निकाली गई थी। दो साल सिर्फ राम विवाह हुए, इसके बाद एक जोड़े से सामूहिक विवाह की शुरूआत हुई।
अयोध्या- ओरछा और इटारसी:
श्री पंचमी पर अयोध्या, ओरछा के साथ मप्र का इटारसी ऐसा शहर है, जहां श्री राम विवाह एक साथ होता है, इस लिहाज से यह प्रदेश का बड़ा समारोह है। समिति के मुताबिक 34 सालों में 2 हजार से ज्यादा जोड़ों का विवाह हो चुका है। अभी जोड़ों का पंजीयन जारी है।
संत समागम होगा:
इस आयोजन में चित्रकूट, अयोध्या, वृंदावन, रिशीकेश, ओरछा, सहारनपुर समेत पूरे देश से साध्ाु-संतो, विद्धान विप्रों का समागम होता है, समिति सभी संतों का स्वागत सत्कार कर उन्हें आयोजन में शामिल करती है, विदाई में सभी संतों का सम्मान किया जाता है। एक दिसंबर को द्वारकाध्ाीश बड़ा मंदिर से दूल्हे राजा भगवान राम के साथ भव्य बारात लेकर जनकपुरी देवल मंदिर पहुंचते हैं। यहां हिन्दू रीति से सभी जोड़ों का विवाह कराया जाता है। समिति के सहयोग से सभी जोड़ों को गृहस्थी का सामान, उपहार, कपड़े एवं अन्य सामग्री भेंट की जाती है। भंडारे में वर-वध्ाु के साथ हजारों लोग आयोजन के साक्षी बनकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
अनूठी रहती है राम बारात:
श्री राम बारात में हाथी, घोड़े, बैंड-बाजे, बग्गी, रामसखियां, अखाड़े के साथ लोक कलाकारों की प्रस्तुति से 2 किमी. से ज्यादा लंबी बारात होती है, इसमें पूरा शहर शामिल होता है। बग्गी में देवल मंदिर में विराजे रामलला दूल्हा बनकर बारात निकालते हैं और जनकपुरी में माता सीता का वरण करते हैं।
बाईट
जयप्रकाश करिया पटेल समिति के सदस्य
Last Updated : Nov 27, 2019, 3:05 PM IST
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