होशंगाबाद । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भारतीय रेलवे से जुड़े कई महत्वपूर्ण एलान किए हैं. रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एनएचएआई के टोल रोड, एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मैनेजमेंट के दायरे में लाया जाएगा. मध्यप्रदेश के लिए भी इस बजट में एक बड़ी सौगत दी गई है. इटारसी विजयवाड़ा के लिए नॉर्थ साउथ फ्रेट कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है. इटारसी-विजयवाड़ा, खड़गपुर- विजयवाड़ा, भुसावल- खड़गपुर में फ्यूचर रेडी कॉरिडोर बनाए जाने का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक रखा गया है. रेलवे ने इस फ्रेट कॉरिडोर को उत्तरी-दक्षिणी गलियारा नाम दिया है
फ्रेट कॉरिडोर भोपाल रेल मंडल के नजदीक
भारतीय रेलवे ने इस गलियारे के अलावा भी अन्य फ्रेट कॉरिडोर की घोषणा की है. भुसावल से भी एक फ्रेट कॉरिडोर बनाया जाना है. जो एक तरह से भोपाल रेल मंडल के काफी नजदीक होगा. ऐसे में ये मध्यप्रदेश के लिए बड़ी खुशखबरी होगी कि प्रदेश के व्यापारी, उद्योगपति और किसानों को दो फ्रेट कॉरिडोर मिल जाएंगे. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक मालगाड़ी के परिचालन के लिए स्वतंत्र रेल लाइनों को फ्रेट कॉरिडोर कहा जाता है. रेल लाइनों में मालगाड़ी ट्रेनों के चलने के लिए बकायदा समय सारणी बनाई जाती है. एक शहर से बुक कराया गया माल भाड़ा दूसरे शहर में तय समय पर पहुंच जाता है. अभी भोपाल समेत पश्चिम मध्य रेलवे में ऐसी व्यवस्था नहीं है. यहां उन रेलवे लाइनों पर ही मालगाड़ी ट्रेनों को चलाया जाता है. जहां पर यात्री ट्रेन चल रही है. इस वजह से मालगाड़ी संबंधित शहरों में नहीं पहुंच पाता है.
रेलवे कॉरिडोर से एमपी को बंपर फायदा
कॉरिडोर बनने के बाद मध्य प्रदेश समेत आसपास के राज्यों के किसान, व्यापारी, उद्योगपतियों को बड़ा फायदा होने जा रहा है. वे कम समय में अपने माल का परिवहन रेलवे के जरिए करा सकेंगे. रेलवे ने इस फ्रेट कॉरिडोर को उत्तरी-दक्षिणी गलियारा नाम दिया है. मंडल रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति DRUCC के सदस्य दीपक अग्रवाल बताते हैं कि इटारसी-विजयवाड़ा नॉर्थ साउथ कॉरिडोर से होशंगाबाद, इटारसी ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को भी इसका फायदा होगा. कोरोना काल में माल ढुलाई रेलवे के माध्यम से नई रिकॉर्ड ऊंचाई तक बढ़ी है.
मध्यप्रदेश के लिए माइलस्टोन साबित होगा कॉरिडोर !
दरअसल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कॉरिडोर की डिटेल रिपोर्ट प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा है. दरअसल सबसे ज्यादा फायदा मध्यप्रदेश को माल ढुलाई में होगा. एमपी में सबसे ज्यादा गेहूं, चना, मटर, कपास अधिक होता है, ऐसे में इनको भेजने के लिए मालगाड़ी नहीं थी, सिर्फ रोड से ही नॉर्थ-साउथ में माल भेजा था. लेकिन अब कॉरिडोर बनने के बाद प्रदेश के व्यापारियों को इससे फायदा होने जा रहा है. इसके साथ ही दवाईयां, सोना, राशन दुकानों का अनाज ये कुछ वस्तुएं हैं जो अब डॉयरेक्ट रेल के माध्यम से नॉर्थ भेजी सा सकेंगी.