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लॉकडाउन का असर: पान की खेती करने वाले परिवारों को हो रहा है भारी नुकसान

होशंगाबाद के सोहागपुर में लॉकडाउन होने के चलते पान विक्रेताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते उन्हें पान के पत्तों को तोड़कर गीले कपड़ों में सहेज कर रखना पड़ रहा है.

Families growing Betel farming are at a huge disadvantage
पान की खेती करने वाले परिवारों को हो रहा है भारी नुकसान
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Published : Apr 1, 2020, 5:26 PM IST

होशंगाबाद। जिले के सोहागपुर की पहचान पान से है, लेकिन यहां के पान विक्रेताओं को रोजाना भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन है और इससे उनकी पान की खेती खराब होना भी शुरू हो गई हैं.

बता दें की सोहागपुर में 40 से 50 परिवार ऐसे हैं जो पान की खेती करके अपना गुजारा करते हैं, लेकिन देश में कोरोना वायरस और लाकडॉउन के चलते उनके पान का विक्रय नहीं हो पा रहा है.

सोहागपुर में चौरसिया समाज के करीब 40 से 50 परिवार पान का उत्पादन करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान पान की दुकानें भी बंद है और इनके पान भी बाहर नहीं जा रहे हैं और इसी वजह से वे पान के पत्तों को तोड़कर गीले कपड़ों में सहेज कर रख रहे हैं.

होशंगाबाद। जिले के सोहागपुर की पहचान पान से है, लेकिन यहां के पान विक्रेताओं को रोजाना भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन है और इससे उनकी पान की खेती खराब होना भी शुरू हो गई हैं.

बता दें की सोहागपुर में 40 से 50 परिवार ऐसे हैं जो पान की खेती करके अपना गुजारा करते हैं, लेकिन देश में कोरोना वायरस और लाकडॉउन के चलते उनके पान का विक्रय नहीं हो पा रहा है.

सोहागपुर में चौरसिया समाज के करीब 40 से 50 परिवार पान का उत्पादन करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान पान की दुकानें भी बंद है और इनके पान भी बाहर नहीं जा रहे हैं और इसी वजह से वे पान के पत्तों को तोड़कर गीले कपड़ों में सहेज कर रख रहे हैं.

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