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सर्टिफिकेट नहीं बनने से परेशान दिव्यांग परेशान, जिला अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर - Hoshangabad District Hospital

होशंगाबाद जिला अस्पताल में शुक्रवार को बैठने वाला मेडिकल बोर्ड कोरोना काल के चलते अपना काम नहीं कर पा रहा है. जिसकी वजह से दिव्यांगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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सर्टिफिकेट नहीं बनने से परेशान दिव्यांग परेशान
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Published : Jul 17, 2020, 10:15 PM IST

होशंगाबाद। अनलॉक के बाद तमाम सरकारी कामकाज धीरे-धीरे शुरू हो गए हैं. अस्पतालों के जनरल ओपीडी में मरीजों का इलाज किया जाने लगा है. लेकिन अभी तक जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड को स्वीकृति नहीं दी गई है. जिससे दिव्यागों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में हफ्ते में एक दिन शुक्रवार को ये बोर्ड बैठता था, जो नए दिव्यांग प्रमाण पत्र, उन्हें रिन्यू करने समेत कई काम करता था. लेकिन कोरोना काल में सब ठप पड़ा हुआ है.

सर्टिफिकेट नहीं बनने से परेशान दिव्यांग परेशान
दिव्यांग विनोद यादव बताते हैं कि सर्टिफेकेट नहीं बनने से वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. राशन से लेकर कई जरूरत के सामान लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दिव्यांग विनोद यादव मटकुली गांव से प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर न होने की वजह से उन्हें भी खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. विनोद का कहना है कि किसी भी तरह से कोई भी सूचना विभाग द्वारा नहीं दी जा रही है. वे चलने में पूरी तरह असमर्थ हैं. आखिर उन्हें कब तक सर्टिफेकेट के लिए उन्हें इस तरह भटकना पड़ेगा.

होशंगाबाद। अनलॉक के बाद तमाम सरकारी कामकाज धीरे-धीरे शुरू हो गए हैं. अस्पतालों के जनरल ओपीडी में मरीजों का इलाज किया जाने लगा है. लेकिन अभी तक जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड को स्वीकृति नहीं दी गई है. जिससे दिव्यागों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में हफ्ते में एक दिन शुक्रवार को ये बोर्ड बैठता था, जो नए दिव्यांग प्रमाण पत्र, उन्हें रिन्यू करने समेत कई काम करता था. लेकिन कोरोना काल में सब ठप पड़ा हुआ है.

सर्टिफिकेट नहीं बनने से परेशान दिव्यांग परेशान
दिव्यांग विनोद यादव बताते हैं कि सर्टिफेकेट नहीं बनने से वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. राशन से लेकर कई जरूरत के सामान लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दिव्यांग विनोद यादव मटकुली गांव से प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर न होने की वजह से उन्हें भी खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. विनोद का कहना है कि किसी भी तरह से कोई भी सूचना विभाग द्वारा नहीं दी जा रही है. वे चलने में पूरी तरह असमर्थ हैं. आखिर उन्हें कब तक सर्टिफेकेट के लिए उन्हें इस तरह भटकना पड़ेगा.
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