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नर्मदा जयंती पर नदी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए निशक्त बच्चों ने बनाये आटे के दीपक

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Published : Jan 31, 2020, 11:09 PM IST

होशंगाबाद में मां नर्मदा के जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में नर्मदा जयंती आयोजन 1 फरवरी को किया जाना है . नर्मदा को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए निशक्त बच्चों से लेकर प्रशासन तक सभी काम मे लगे हुए हैं.

Narmada birthday celebration will light a lamp of flour
नर्मदा जन्मोत्सव जलेंगे आटे के दीपक

होशंगाबाद। शहर में एक फरवरी से नर्मदा महोत्सव शुरू होने जा रहा है, नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए आम लोगों से लेकर निशक्त बच्चे भी इस उत्सव को हर्षोल्लास से मनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत नदी में प्लास्टिक और डिस्पोजल के दीपक की जगह इस बार आटे से बने दीपक नदी में छोड़े जाएंगे. ये दीपक मछलियों के लिए खाने का भी काम करेंगे. नर्मदा महोत्सव के दौरान नदी में करीब 2000 दीपक को छोड़े जाएंगे.

नर्मदा जन्मोत्सव जलेंगे आटे के दीपक

इसके लिए पिछले 8 दिनों से निशक्त बच्चे दीपक बनाने में लगे हुए हैं. डॉ. एनीबेसेंट मानसिक निशक्त स्कूल में यह कार्य किया जा रहा है. बच्चों को दीपक निर्माण सिखाने वाली नीरजा फौजदार का कहना है कि पिछले 10 साल से नर्मदा जयंती महोत्सव के लिए दीपक का निर्माण किया जाता है. लेकिन इस बार विशेष रूप से आटे के दीपकों का निर्माण निशक्त बच्चों द्वारा किया जा रहा है.


नर्मदा नदी के सभी घाटों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए होशंगाबाद के कई संगठन काम कर रहे हैं. ये संगठन भी नदी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए आटे के दीपक बनवा रहा है, जो कि नर्मदा जयंती के महोत्सव के दौरान विसर्जित किए जाएंगे.

होशंगाबाद। शहर में एक फरवरी से नर्मदा महोत्सव शुरू होने जा रहा है, नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए आम लोगों से लेकर निशक्त बच्चे भी इस उत्सव को हर्षोल्लास से मनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत नदी में प्लास्टिक और डिस्पोजल के दीपक की जगह इस बार आटे से बने दीपक नदी में छोड़े जाएंगे. ये दीपक मछलियों के लिए खाने का भी काम करेंगे. नर्मदा महोत्सव के दौरान नदी में करीब 2000 दीपक को छोड़े जाएंगे.

नर्मदा जन्मोत्सव जलेंगे आटे के दीपक

इसके लिए पिछले 8 दिनों से निशक्त बच्चे दीपक बनाने में लगे हुए हैं. डॉ. एनीबेसेंट मानसिक निशक्त स्कूल में यह कार्य किया जा रहा है. बच्चों को दीपक निर्माण सिखाने वाली नीरजा फौजदार का कहना है कि पिछले 10 साल से नर्मदा जयंती महोत्सव के लिए दीपक का निर्माण किया जाता है. लेकिन इस बार विशेष रूप से आटे के दीपकों का निर्माण निशक्त बच्चों द्वारा किया जा रहा है.


नर्मदा नदी के सभी घाटों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए होशंगाबाद के कई संगठन काम कर रहे हैं. ये संगठन भी नदी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए आटे के दीपक बनवा रहा है, जो कि नर्मदा जयंती के महोत्सव के दौरान विसर्जित किए जाएंगे.

Intro:होशंगाबाद । मां नर्मदा के जन्म उत्सव के उपलक्ष में मनाए जाने वाले नर्मदा जयंती महोत्सव को इस बार पूर्णता प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए निशक्त बच्चों से लेकर प्रशासन तक सभी काम मे लगे हुए है ऐसे ही कुछ निशक्तजन बच्चे नदी में दीपदान करने के लिए आटे के दीपक को का निर्माण कर रहे हैं जो कि महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में नदी में विसर्जित किए जाएंगे


Body:1 फरवरी को नर्मदा महोत्सव के लिए पहले से ही आम लोग से लेकर निशक्त बच्चे भी इस उत्सव को हर्षोल्लास से मनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं इसी के तहत नदी में प्लास्टिक और डिस्पोजल के दीपक की जगह इस बार आटे से बने दीपक को नदी में छोड़ा जाएगा जोकि जल में रहने वाली मछलियों के लिए खाने का भी काम करेंगे नर्मदा महोत्सव के दौरान नदी में करीब 2000 की संख्या के दीपक को प्रवाहित किया जाएगा । इसके लिए करीब पिछले 8 दिन से निशक्त बच्चे रोजाना दीपक का निर्माण कर रहे हैं डां एनीबेसेंट मानसिक निष्कत स्कूल में यह कार्य किया जा रहा है बच्चों को दीपक निर्माण सिखाने वाली नीरजा फौजदार का कहना है कि पिछले 10 साल से नर्मदा जयंती महोत्सव के लिए दीपक का निर्माण किया जाता है लेकिन इस बार विशेष रूप से आटे के दीपकों का निर्माण निशक्त बच्चों द्वारा किया जा रहा है


Conclusion:नर्मदा नदी के घाटों को प्लास्टिक मुक्त के लिये हो रहे कार्य

नर्मदा नदी के सभी घाटों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए होशंगाबाद के कई संगठन काम कर रहे हैं उसी के तहत ये संगठन भी प्लास्टिक मुक्त करने के लिए आटे के दीपक बनवा रहा है जो कि नर्मदा जयंती के महोत्सव के दौरान विसर्जित किए जाएंगे ।


बाइट नीरजा फौजदार समाजसेवी
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