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तवा नदी में हजारों की तादाद में पाई गई मरी हुई मछलियां, जहरीले पानी से है मरने की आंशका

जिले के तवा नदी और नर्मदा नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे नदी के जलीय जीव प्रभावित हो रहे हैं. इसी कड़ी में होशंगाबाद के तवा नदी में सैकड़ों की संख्या में मरी हुई मछलियां पाई गई हैं.

तवा नदी में पाई गई मरी हुई मछलियां
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Published : Jul 13, 2019, 7:33 PM IST

होशंगाबाद। जिले के तवा नदी और नर्मदा नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे नदी के जलीय जीव प्रभावित हो रहे हैं. इसी कड़ी में होशंगाबाद के तवा नदी में सैकड़ों की संख्या में मरी हुई मछलियां पाई गई हैं. मरी हुई मछलियों के मिलने से प्रशासन और विभाग में हड़कंप मच गया हैं. बारिश में मछली पकड़ने पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है, इसके बावजूद मछुआरे मछली पकड़ रहे हैं.

तवा नदी में पाई गई मरी हुई मछलियां

मत्स्य अधिकारी के अनुसार जून से मछलियों का प्रजनन काल होने के चलते शिकार पर रोक लगाए गए हैं. इसके बाद भी नदी में जाल लगाया गया है और सीमित क्षेत्र में जहरीली दवा भी डाली गई है जिसके चलते नदी में बड़ी तादात में मछलियां मर गई है. फिलहाल जाल हटाकर मछलियों को निकलवाया जा रहा है पानी की जांच कराई जा रही है.

तवा नदी में जहरीला पानी होने के चलते मछली की मौत की संभावना जताई जा रही है. मत्स्य विभाग पानी की जांच करा इसकी पुष्टि कराने की बात कह रहा है. इसके साथ ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि पास के खेतों से कीटनाशक बारिश के पानी के साथ नदी में पहुंच गया जिसके चलते भी मछलियों की मौत हो सकती है. ऐसे में मछुआरे इन जहरीली मछलियों को बाजार में पहुंचा देते हैं जहां से यह आम लोगों तक पहुंच जाती है और फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्या होने लगती है.

होशंगाबाद। जिले के तवा नदी और नर्मदा नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे नदी के जलीय जीव प्रभावित हो रहे हैं. इसी कड़ी में होशंगाबाद के तवा नदी में सैकड़ों की संख्या में मरी हुई मछलियां पाई गई हैं. मरी हुई मछलियों के मिलने से प्रशासन और विभाग में हड़कंप मच गया हैं. बारिश में मछली पकड़ने पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है, इसके बावजूद मछुआरे मछली पकड़ रहे हैं.

तवा नदी में पाई गई मरी हुई मछलियां

मत्स्य अधिकारी के अनुसार जून से मछलियों का प्रजनन काल होने के चलते शिकार पर रोक लगाए गए हैं. इसके बाद भी नदी में जाल लगाया गया है और सीमित क्षेत्र में जहरीली दवा भी डाली गई है जिसके चलते नदी में बड़ी तादात में मछलियां मर गई है. फिलहाल जाल हटाकर मछलियों को निकलवाया जा रहा है पानी की जांच कराई जा रही है.

तवा नदी में जहरीला पानी होने के चलते मछली की मौत की संभावना जताई जा रही है. मत्स्य विभाग पानी की जांच करा इसकी पुष्टि कराने की बात कह रहा है. इसके साथ ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि पास के खेतों से कीटनाशक बारिश के पानी के साथ नदी में पहुंच गया जिसके चलते भी मछलियों की मौत हो सकती है. ऐसे में मछुआरे इन जहरीली मछलियों को बाजार में पहुंचा देते हैं जहां से यह आम लोगों तक पहुंच जाती है और फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्या होने लगती है.

Intro:होशंगाबाद। होशंगाबाद तवा नदी पर सैकड़ों की संख्या में मछलियां मर गई मछलियों मिलने से प्रशासन और विभाग में हड़कंप मच गया बारिश मे मछ्ली मारने पर प्रशासन रोक लगा रखी है इसके बाद भी इतनी तादात मे मछलियों की मौत एक सवाल खड़ा कर रहा है


Body:तवा नदी में जहरीला पानी होने के चलते मछली की मौत की संम्भावना जताई जा रही है मत्स्य विभाग पानी की जांच कराने की बात कह रहा है मत्तसय अधिकारी एके दांगीवाला के अनुसार नदी के पानी में जाल भी लगाया गया है और सीमित क्षेत्र में जहरीली दवा भी डाली गई है जिसके चलते मछलियों की बड़ी तादात में मछलियां मर गई है फिलहाल जाल हटाकर मछलियों को निकलवाया जा रहा है पानी की भी जांच कराई जा रही है वही अंदाजा लगाया जा रहा है कि पास के खेतों से ही कीटनाशक बारिश के पानी के साथ नदी मे पहुंच गया जिसके चलते भी मछलियों की मौत हो सकती है । ऐसे में मछुआरे इन जहरीली मछलियों को ही बाजार में पहुंचा देते हैं जहां से यह आम लोगों तक पहुंच जाती है और फूड फॉर एजिंग जैसी घटनाएं होने लगती है।


Conclusion:15 जून से मछलियों का प्रजनन काल होने के चलते शिकार पर रोक लगाइए इसके बाद भी इतनी बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की घटना हुई है अभी भी आए दिन नदी किनारे मछलियों को मार रहे हैं लेकिन लेकिन मत्स्य विभाग किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करता है।

बाइट - रविन्द्र चौकसे ( किसान)

बाइट एके चौकसे (मतस्य अधिकारी)
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