होशंगाबाद। जिला स्तर पर किसान पद यात्रा का आयोजन किया गया. किसान पद यात्रा स्तरास्ते से मुख्य मार्गों से होते हुए इंदिरा चौक पर समाप्त हुई. यात्रा में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रभारी सीपी मित्तल के अलावा जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए. लगातार पेट्रोल-डीजल, बिजली के दामोम में वृद्धि पर सुरेश पचौरी ने कहा कि पूरे देश मे सबसे ज्यादा वेट मध्यप्रदेश में है इसे कम करना चाहिए.
केंद्र सरकार किसान विरोधी
केंद्र में जब से नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी है. तब से यह सरकार किसानों के विरोध में फैसले कर रही है. समय-समय पर जो आश्वासन और वादे किसानों के लिए किए गए थे. चुनाव के पहले जो वादे किए गए थे वह वादे पूरे नहीं किये गए. कृषि से संबंधित तीन कानून पर केंद्र सरकार ने बिना राज्य सरकार से बातचीत किए हुए, बिना अन्य राजनीतिक दलों से बातचीत किए हुए, जो ताबड़तोड़ बिल जो पास किए हुए हैं. वह किसान विरोधी कानून है साथ ही कहा जा रहा है, इस कानून से किसानों को फायदा होगा.
आम आदमी परेशान है
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा के यदि किसानों को फायदा होता तो वह इतने दिनों से आंदोलन नहीं कर रहे होते. इतने ठंड मैं बैठे हुए हैं. इसी प्रकार जो नौजवानों की हक की बात है. एक साल में दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही गई थी, लेकिन युवा बेरोजगार होते जा रहे हैं. बेरोजगारी दर 2 प्रतिशत से बढ़ कर 10 प्रतिशत बढ़ी है. वहीं व्यापारियों पर जीएसटी जब से लागू हुआ है, तभी से व्यापारी परेशान हैं. वहीं जब से नोटबंदी की गई है तब से आम व्यापारी और आम जनता परेशान है.
पूरे देश में सबसे ज्यादा वेट एमपी में
पेट्रोल, डीजल, बिजली के दामों में लगातार वृद्धि होने पर कांगेस नेता सुरेश पचौरी ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा कीमत मध्य प्रदेश में है. क्योंकि यहां पर वेट सबसे ज्यादा है. यह राज्य सरकार का विषय है कि राज्य सरकार को वैल्यू ऐडड टैक्स कम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी कांग्रेस पार्टी गरीबों के लिए किसानों के लिए नौजवानों के लिए खड़ी रहती है और इसी श्रृंखला में हम किसानों के जो तीन बिल पास किए गए हैं. वह किसान विरोधी बिल है. वह असंवैधानिक हैं, इन्हें वापस लिया जाए किसानों को समर्थन मूल्य मिले इन सब बातों को लेकर एआईसीसी और बीसीसी के निर्देश पर आज होशंगाबाद में पैदल मार्च जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में कर रहे हैं. और हम मांग कर रहे हैं कि इन बिलों वापस लिया जाए.