होशंगाबाद। आर्थिक रूप से कमजोर, निराश्रित एवं कोविड महामारी से अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा और उनके सपनों को पूरा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएं जाएं. ये निर्देश कलेक्टर होशंगाबाद नीरज कुमार सिंह ने इटारसी भ्रमण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग एवं बाल देखरेख से जुड़ी संस्था के पदाधिकारियों को दिए. कलेक्टर नीरज सिंह शुक्रवार को जीवोदय बाल देखरेख संस्था में बच्चों की शिक्षा, पोषण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के बारे में संस्था प्रभारी से जानकारी ली. इस दौरान एसडीएम इटारसी मदन रघुवंशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ललित कुमार डेहरिया, जीवोदय सोसाइटी बालिका गृह के संचालक सिस्टर क्लारा एनिमोटटी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
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श्रेया के उपचार के लिए राशि स्वीकृत
कलेक्टर ने जीवोदय संस्था के बच्चों से आत्मीय संवाद कर उनकी पढ़ाई एवं भविष्य में बड़े होकर वह क्या बनना चाहते हैं, इसकी जानकारी ली. कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि वह खूब पढ़ें, स्वस्थ रहें और आगे बढ़े. आपकी शिक्षा और हर जरूरत को पूरा करने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जाएगी. कलेक्टर ने संस्था की श्रेया (परिवर्तित नाम) की हाथ की हड्डी टूटने के उपचार में आ रही समस्या जानने पर मौके पर रेड क्रॉस मद से 40 हजार रुपए स्वीकृत किए और श्रेया का जिला चिकित्सालय में बेहतर इलाज के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.
आयुषी को मिल जाएगा अपना घर
संस्था की 18 वर्षीय बालिका आयुषी (परिवर्तित नाम) ने कलेक्टर को बताया कि उनके पास किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं होने से पढ़ाई में समस्या आ रही है. आयुषी ने बताया कि उसके माता-पिता का निधन हो चुका है. उसका हरदा में मकान है, लेकिन वहां उनका कोई नहीं है. कलेक्टर ने आयुषी सहित सभी ऐसे बच्चे जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनके आधार कार्ड बनवाने के निर्देश दिए हैं. हरदा जिला प्रशासन के माध्यम से आयुषी को अपने मकान पर हक दिलाने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया है.
कलेक्टर संग मड़ई घूमेंगे बेबस बच्चे
कलेक्टर ने संस्था की बालिकाओं से संवाद (Collector Neeraj Kumar Singh will help orphan children) किया और उनकी इच्छाएं जानी. बच्चों ने कलेक्टर से जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, मुंबई घूमने की इच्छा जाहिर की है. बच्चों ने कलेक्टर एवं संस्था परिवार के साथ पचमढ़ी और मड़ई भी घूमने की इच्छा जताई. जिस पर कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि कोविड काल के बाद उन्हें इन स्थानों पर अवश्य भ्रमण कराया जाएगा. साथ ही वे स्वयं अगले सप्ताह बच्चों के साथ मड़ई में जंगल सफारी करेंगे.
बच्चों को करियर मार्गदर्शन मिले
कलेक्टर ने कहा कि सिविल सेवा, डॉक्टर, इंजिनियर सहित अन्य सेवाओं में जाने के इच्छुक बच्चों के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु आवश्यक व्यवस्था की जाए, बच्चों को उनकी अभिरुचि अनुरूप करियर मार्गदर्शन प्रदान किया जाए. इस दौरान बच्चों ने कलेक्टर को अपने कैरियर प्लान के बारे में भी बताया.
चाइल्ड केयर के बच्चों से मिले कलेक्टर
जीवोदय बाल देख रेख संस्था के निरीक्षण के बाद कलेक्टर पोटर खोली स्थित डे केयर सेंटर पर बच्चों से मिलने पहुंचे. यहां पर कलेक्टर ने बच्चों के साथ बैठकर उनकी रुचि, पढ़ाई, भोजन, परिवार आदि पर चर्चा की. बड़े होकर वह क्या बनना चाहते हैं, यह भी जाना. बच्चों ने पुलिस, आर्मी, डॉक्टर आदि सेवाओं में जाने की इच्छा जताई. कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को बच्चों की प्राथमिक शिक्षा एवं आगे की पढ़ाई के लिए समुचित व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने लोगों की समस्या सुनी
कलेक्टर ने इटारसी के पोटर खोली के निवासियों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानी. उन्होंने पोटर खोली के निवासियों की आवास की समस्या पर एसडीएम को अस्थाई रैन बसेरा तैयार कर वहां सुरक्षा, रहने आदि की व्यवस्थाएं किए जाने के लिए निर्देश दिए. कलेक्टर ने यहां के निवासियों को अनिवार्य रूप से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया.