नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश के वित्त विभाग द्वारा पचमढ़ी में दो दिवसीय "चिंतन-2022" शिविर शुरू हुआ. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव, डॉ. मनोज गोविल ने बताया कि पूर्व में चिंतन 2018 के अंतर्गत वर्तमान नवीन आवश्यकताओं के अनुसार नवीन कोषालय संहिता 2020 का निर्माण हुआ. इस चिंतन में भी यह प्रयास रहेगा कि सभी दल अपने विचारों के नीतिगत कार्यान्वयन के लिए सतत रूप से प्रयासरत रहें. शिविर का शनिवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Finance Minister Jagdish Deora) समापन करेंगे.
वित्तीय आवश्यकताओं पर दिया जोर: अतिथि डॉ. पिनाकी चक्रवर्ती पूर्व संचालक राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान नई दिल्ली द्वारा मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति की सम्पूर्ण देश के साथ तुलना करते हुए Fiscal Situation of state: Challenges and Opportunities प्रस्तुत किया गया. विशिष्ट अतिथि प्रो. सचिन चतुर्वेदी उपाध्यक्ष मप्र राज्य नीति एवं योजना आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से "How can Madhya Pradesh contribute towards making India 5 trillion economy" पर प्रस्तुतिकरण दिया.
चैलेंजेज की जानकारी दी: प्रो. चतुर्वेदी ने न्यूनतम राज्य हस्तक्षेप के साथ व्यापार आधारित विकास (Trade led growth with minimal state intervention) की आवश्यकता पर बात कही. संचालक पेंशन जेके शर्मा ने वर्तमान डिजिटल युग में पुराने नियमों को सरल बनाते हुए प्रक्रियाओं को पेपरलेस एवं न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप करने की दिशा में अपने दल के विचार व्यक्त किये. डॉ. राजीव सक्सेना (संचालक कोष एवं लेखा) ने वर्तमान में प्रयुक्त IFMIS परियोजना की उपयोगिता एवं उसके अंतर्गत आ रहे चैलेंजेज की जानकारी दी. इस दौरान अपर मुख्य सचिव, वित्त सचिव, आयुक्ती कोष एवं लेखा, संचालक बजट, कलेक्टर नर्मदापुरम नीरज कुमार सिंह, एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
(Chintan 2022 in Pachmarhi) (Discussion on financial needs)