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कोरोना का कहर : पहली बार नहीं लगेगा बांद्राभान मेला, सूरजकुंड मेले पर भी रहेगा प्रतिबंध

होशंगाबाद जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में शांति समिति की बैठक की गई. जिसमें कोरोना संक्रमण को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले बांद्राभान मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है.

Peace committee meeting Hoshangabad
शांति समिति की बैठक
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Published : Oct 13, 2020, 5:31 AM IST

होशंगाबाद। कलेक्टर धनंजय सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में समिति सदस्यों द्वारा आगामी धार्मिक त्योहारों, पर्वों पर कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सामुदायिक फैलाव की आशंका को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा अवसर पर लगने वाले बांद्राभान का मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है.

कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने ये फैसला लिया है कि बांद्राभान मेले में सार्वजनिक रूप से स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. बैठक में आगामी त्योहारों नवरात्रि, दुर्गा प्रतिमा स्थापना, विसर्जन, दशहरा, ईद, रावण दहन के संबंध में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन की विस्तार से जानकारी दी गई.

वहीं दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अधिकतम 10 व्यक्तियों को ही प्रतिमा विसर्जन की अनुमति होगी. रावण दहन के पहले परंपरागत श्री राम के चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से अनुमति होगी. रामलीला तथा रावण दहन कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी की अनुमति से आयोजित किए जा सकेंगे.

होशंगाबाद। कलेक्टर धनंजय सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में समिति सदस्यों द्वारा आगामी धार्मिक त्योहारों, पर्वों पर कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सामुदायिक फैलाव की आशंका को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा अवसर पर लगने वाले बांद्राभान का मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है.

कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने ये फैसला लिया है कि बांद्राभान मेले में सार्वजनिक रूप से स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. बैठक में आगामी त्योहारों नवरात्रि, दुर्गा प्रतिमा स्थापना, विसर्जन, दशहरा, ईद, रावण दहन के संबंध में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन की विस्तार से जानकारी दी गई.

वहीं दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अधिकतम 10 व्यक्तियों को ही प्रतिमा विसर्जन की अनुमति होगी. रावण दहन के पहले परंपरागत श्री राम के चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से अनुमति होगी. रामलीला तथा रावण दहन कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी की अनुमति से आयोजित किए जा सकेंगे.

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