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बख्तावर खान का वॉलीबॉल से लगाव, गरीब बच्चों को देती हैं प्रशिक्षण

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Published : Oct 28, 2019, 2:47 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 3:36 PM IST

होशंगाबाद के एक सरकारी स्कूल में पदस्थ महिला स्पोर्ट ऑफिसर बख्तावर खान वो नाम हैं, जिनके कारण जिले के कई खिलाड़ी आज राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश का परचम लहरा रहे हैं. बख्तावर गरीब परिवार की लड़कियों को वॉलीबॉल का प्रशिक्षण देती हैं और खुद भी कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं.

गरीब बच्चों दे रहीं वालीबॉल प्रशिक्षण

होशंगाबाद। हमारे देश में खेलों को आज भी करियर के रूप में नहीं देखा जाता. इसकी एक वजह भारत में सरकार की खेलों के प्रति उदासीनता भी है. गरीब बच्चों के लिए खेलों में करियर बनाना एक टेढ़ी खीर है, इसी वजह से कई बच्चे प्रतिभा होते हुए भी खेलों से दूर हो जाते हैं.

गरीब बच्चों दे रहीं वॉलीबॉल प्रशिक्षण

ऐसे में होशंगाबाद के सरकारी गर्ल्स स्कूल की महिला स्पोर्ट्स ऑफिसर बख्तावर खान गरीब बच्चों के लिए वरदान बनकर आई हैं. ये गरीब बच्चों को वॉलीबॉल का निःशुल्क प्रशिक्षण देती हैं. इनके प्रयासों की बदौलत ही जिले से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं.

बख्तावर खान का वॉलीबॉल के लिए जुनून ही है कि वे गरीब घर की होनहार बच्चियों को इसका प्रशिक्षण देती हैं. इनसे प्रशिक्षण ले रही कुछ लड़कियां ऐसी हैं, जिनके पिता मजदूरी करते हैं, तो कई लड़कियां ऐसी भी हैं, जिनकी मां लोगों के घरों में काम करती हैं.

रोजाना दो घंटे चलता है प्रशिक्षण

होशंगाबाद के सरकारी कन्या शाला में वॉलीबॉल का रोजाना दो घंटे प्रशिक्षण होता है. बख्तावर खान छात्राओं को कुशल खिलाड़ी बनाने के लिए लगातार मेहनत करती हैं और उन्हें वॉलीबॉल के सभी गुण सिखाती हैं. बख्तावर खान खुद भी वॉलीबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं और उन्होंने करीब 21 राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा भी लिया है.

पांच साल से कर रहीं है प्रयास

बख्तावर बच्चों की यह ट्रेनिंग पिछले पांच साल से करा रही हैं. इनके प्रयास से अभी तक कई निर्धन परिवार के बच्चियां कुशल वॉलीबॉल खिलाड़ी बन चुकी हैं और कई प्रतियोगिताओं में अपने उम्दा प्रदर्शन से अपने परिजनों और जिले का नाम रोशन कर रही हैं. इन सभी खिलाड़ी छात्राओं की इच्छा है कि यह देश के लिए खेलें, यही वजह है कि वे रोजाना पूरी शिद्दत से दो घंटे का समय निकालकर बख्तावर की ट्रेनिंग में पहुंचती हैं.

होशंगाबाद। हमारे देश में खेलों को आज भी करियर के रूप में नहीं देखा जाता. इसकी एक वजह भारत में सरकार की खेलों के प्रति उदासीनता भी है. गरीब बच्चों के लिए खेलों में करियर बनाना एक टेढ़ी खीर है, इसी वजह से कई बच्चे प्रतिभा होते हुए भी खेलों से दूर हो जाते हैं.

गरीब बच्चों दे रहीं वॉलीबॉल प्रशिक्षण

ऐसे में होशंगाबाद के सरकारी गर्ल्स स्कूल की महिला स्पोर्ट्स ऑफिसर बख्तावर खान गरीब बच्चों के लिए वरदान बनकर आई हैं. ये गरीब बच्चों को वॉलीबॉल का निःशुल्क प्रशिक्षण देती हैं. इनके प्रयासों की बदौलत ही जिले से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं.

बख्तावर खान का वॉलीबॉल के लिए जुनून ही है कि वे गरीब घर की होनहार बच्चियों को इसका प्रशिक्षण देती हैं. इनसे प्रशिक्षण ले रही कुछ लड़कियां ऐसी हैं, जिनके पिता मजदूरी करते हैं, तो कई लड़कियां ऐसी भी हैं, जिनकी मां लोगों के घरों में काम करती हैं.

रोजाना दो घंटे चलता है प्रशिक्षण

होशंगाबाद के सरकारी कन्या शाला में वॉलीबॉल का रोजाना दो घंटे प्रशिक्षण होता है. बख्तावर खान छात्राओं को कुशल खिलाड़ी बनाने के लिए लगातार मेहनत करती हैं और उन्हें वॉलीबॉल के सभी गुण सिखाती हैं. बख्तावर खान खुद भी वॉलीबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं और उन्होंने करीब 21 राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा भी लिया है.

पांच साल से कर रहीं है प्रयास

बख्तावर बच्चों की यह ट्रेनिंग पिछले पांच साल से करा रही हैं. इनके प्रयास से अभी तक कई निर्धन परिवार के बच्चियां कुशल वॉलीबॉल खिलाड़ी बन चुकी हैं और कई प्रतियोगिताओं में अपने उम्दा प्रदर्शन से अपने परिजनों और जिले का नाम रोशन कर रही हैं. इन सभी खिलाड़ी छात्राओं की इच्छा है कि यह देश के लिए खेलें, यही वजह है कि वे रोजाना पूरी शिद्दत से दो घंटे का समय निकालकर बख्तावर की ट्रेनिंग में पहुंचती हैं.

Intro:होशंगाबाद ।खेल खेलना किस बच्चे को अच्छा नहीं लगता पर अधिकांश बच्चे ऐसे है जो परिवार की परिस्थितियों के चलते खेल से बहुत दूर रहते है और ऐसे में कई प्रतिभाएं सामने भी नहीं आ पाती, पर होशंगाबाद की एक स्पोर्ट्स ऑफिसर कुछ ऐसा कर रही है जिससे निर्धन परिवार की प्रतिभाएं उभर कर सामने आ रही है और यही नहीं बल्कि इन प्रतिभाओ ने प्रदेश स्तर के साथ साथ राष्ट्रिय स्तर पर भी अपना और होशंगाबाद का नाम ऊँचा किया है, यह सभी ऐसे परिवार से है जिनके पिता मजदूरी करते है और माँ घरो में बर्तन साथ करने जाती है। Body:होशंगाबाद के सरकारी गल्स स्कूल की महिला स्पोर्ट्स ऑफिसर बॉलीबाल खेल के क्षेत्र में अदभुत काम कर रही है, इन्होने स्कूल से ऐसी छात्राओं को चुन कर बॉलीबाल खेल में लाई जो पूरी तरह निर्धन परिवार से है किसी के पिता मजदूरी करते है तो किसी की माँ घरोघर जा कर बर्तन साथ करने का काम करती है, कुछ छात्राएं इनमे ऐसी है जो खुद भी घरो में बर्तन साफ करने जाती है, पर खेल में रुचि रखने वाली ऐसी छात्राओं को चुन कर खेल शिक्षिका बख्तावर खान इन्हे बॉलीबाल खेल में ऐसा प्रशिक्षण दे रही है कि अब यह सभी छात्राऐ कुशल बॉलीबाल खिलाडी बन चुकी है और प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर इन छात्राओं ने अपना और होशंगाबाद जिले का नाम ऊँचा किया है करीबन 12 से 15 छात्राये राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी है और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। Conclusion:होशंगाबाद के सरकारी कन्या शाला में बॉलीबाल का रोजाना 2 घंटे प्रशिक्षण होता है जिसमें खेल शिक्षिका बख्तावर खान छात्राओं कुशल खिलाडी बनाने के लिए लगातार मेहनत करती है और उन्हें बॉलीबाल के सभी गुण सिखाती है, बख्तावर खान खुद भी बॉलीबाल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाडी रही है और उन्होंने करीबन 21 राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। लगातार 5 वर्षो से संचालित हो रहे बॉलीबाल प्रशिक्षण शिविर से अब तस्वीर यह है कि यहां मेहनत कर रही निर्धन परिवार की छात्राये कुशल बॉलीबाल खिलाडी बन चुकी है और प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर होशंगाबाद और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है, इन सभी खिलाडी छात्राओं की इच्छा है कि यह देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करे जिसके लिए घर के काम, स्कूल और पढ़ाई से समय निकाल कर रोजाना दो घंटे ग्राउंड पर मेहनत कर रही है। 


बाइट-अंजलि गोयल-नेशनल प्लेयर।

बाइट-पूनम केवट-नेशनल प्लेयर।

बाइट-बख्तावर खान, स्पोर्ट ऑफिसर
Last Updated : Oct 28, 2019, 3:36 PM IST
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