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Corona period में ऑटो ड्राइवर बना फरिश्ता, बिना पैसे लिए लोगों को पहुंचाया श्मशान घाट - Auto oto ko shav vaahan mein kiya tabdeel

Corona period में लोगों की मदद करने के लिए एक ऑटो चालक आगे आया. एक ओर जहां लोगों कोरोना से मृतकों से दूरी बनाई वहीं दूसरी ओर होशंगाबाद के ऑटो चालक ने कोरोना से मृतकों को बिना किसी शुल्क के श्मशान घाट पहुंचाया.

auto driver became angel in corona period
Corona period में ऑटो ड्राइवर बना फरिश्ता
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Published : Jun 11, 2021, 10:25 PM IST

होशंगाबाद। कोरोना के इस कठीन समय में एक और जहां अपने दूर होते जा रहे है वहीं कई लोग ऐसे भी है जो पराए होकर भी फरिश्ते बनकर सामने आ रहे है. ऐसे ही एक फरिश्ते की तहर काम कर रहे है होशंगाबाद के ऑटो चालक कादर पठान हैं, जिन्होंने अपनी ऑटो को शव वाहन में तब्दील कर दिया है. और कादर पठान शवों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान तक पहुंचाने में सहायता कर रहे है.

Corona period में ऑटो ड्राइवर बना फरिश्ता
  • लोडिंग ऑटो को शव वाहन में किया तब्दील

होशंगाबाद के एक ऑटो चालक कादर पठान ने अपनी ऑटो को शव वाहन में तब्दील कर दिया है. और मुफ्त में लोगों की सेवा कर रहे है. कोरोना काल में जब लोग कोरोना से मृत शवों को छुने से डर रहे थे, उस समय कादर पठान ने अपने लोडिंग ऑटो को शव वाहन में तब्दील किया. और लोगों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचाने का बीड़ा उठाया. कादर ने बिना कोई पैसे लिए शवों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचाना शुरू किया.

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  • सोशल मीडिया पर भी दी सुचना

कादर पठान का कहना है कि उन्होंने देखा कि इस संकट काल में लोगों को अंतिम संस्कार के लिए शवों को लेकर जाने के लिए कोई सहायता नहीं मिल रही है. लोग रोते बिलखते सड़कों पर शव ले जाने के लिए वाहन ढूढ़ रहे है. तभी मेरे मन में खयाल आया कि शायद मैं इस महामारी में लोगों की मदद करू. इसलिए मैंने अपने लोडिंग ऑटो को वाहन बना लिया और लोगों की मदद करनी शुरु की. साथ ही सोशल मीडिया पर मैंने ये संदेश दिया कि जिस किसी को शव वाहन की जरूरत हो तो मैं तैयार हूं.

उन्होंने बताया कि इस घड़ी में जो बन सके करूंगा मैंने करीब 100 लोगों के शव को नि:शुल्क अंतिम संस्कार के लिए राज घाट पर छोड़ा है. कादर रोजाना अपना ऑटो लेकर घर से निकल जाते और जरूरतमंदों की मदद करते.

होशंगाबाद। कोरोना के इस कठीन समय में एक और जहां अपने दूर होते जा रहे है वहीं कई लोग ऐसे भी है जो पराए होकर भी फरिश्ते बनकर सामने आ रहे है. ऐसे ही एक फरिश्ते की तहर काम कर रहे है होशंगाबाद के ऑटो चालक कादर पठान हैं, जिन्होंने अपनी ऑटो को शव वाहन में तब्दील कर दिया है. और कादर पठान शवों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान तक पहुंचाने में सहायता कर रहे है.

Corona period में ऑटो ड्राइवर बना फरिश्ता
  • लोडिंग ऑटो को शव वाहन में किया तब्दील

होशंगाबाद के एक ऑटो चालक कादर पठान ने अपनी ऑटो को शव वाहन में तब्दील कर दिया है. और मुफ्त में लोगों की सेवा कर रहे है. कोरोना काल में जब लोग कोरोना से मृत शवों को छुने से डर रहे थे, उस समय कादर पठान ने अपने लोडिंग ऑटो को शव वाहन में तब्दील किया. और लोगों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचाने का बीड़ा उठाया. कादर ने बिना कोई पैसे लिए शवों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचाना शुरू किया.

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  • सोशल मीडिया पर भी दी सुचना

कादर पठान का कहना है कि उन्होंने देखा कि इस संकट काल में लोगों को अंतिम संस्कार के लिए शवों को लेकर जाने के लिए कोई सहायता नहीं मिल रही है. लोग रोते बिलखते सड़कों पर शव ले जाने के लिए वाहन ढूढ़ रहे है. तभी मेरे मन में खयाल आया कि शायद मैं इस महामारी में लोगों की मदद करू. इसलिए मैंने अपने लोडिंग ऑटो को वाहन बना लिया और लोगों की मदद करनी शुरु की. साथ ही सोशल मीडिया पर मैंने ये संदेश दिया कि जिस किसी को शव वाहन की जरूरत हो तो मैं तैयार हूं.

उन्होंने बताया कि इस घड़ी में जो बन सके करूंगा मैंने करीब 100 लोगों के शव को नि:शुल्क अंतिम संस्कार के लिए राज घाट पर छोड़ा है. कादर रोजाना अपना ऑटो लेकर घर से निकल जाते और जरूरतमंदों की मदद करते.

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