होशंगाबाद। हेल्थ बेनेफिट्स की वजह से पारंपरिक सब्जियों से ज्यादा मशरूम पॉपुलर हो रही है. 300 से 350 रुपए किलो मिलने वाली ये सब्जी थोक में सस्ती पड़ती है और होटल और रेस्टोरेंट बिजनेस इसकी ज्यादा डिमांड करते हैं. मशरुम फार्मिंग को मिल रहे अच्छे रेस्पॉन्स और कमाई के चलते कई किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर मशरूम उगाना शुरू कर चुके हैं. तो वहीं कुछ पढ़े-लिखे युवा भी पढ़ाई खत्म कर नौकरी करने की जगह फार्मिंग में अपना पैशन ढूंढ रहे हैं. इन्हीं युवाओं में शामिल हैं सोहागपुर की रहने वालीं अनुष्का शर्मा. जो अपने घर की छत पर मशरूम की खेती कर रहीं हैं.
लॉकडाउन में भोपाल से लौटीं घर
सोहागपुर की अनुष्का शर्मा भोपाल में पीएससी की कोचिंग कर रहीं थीं. लॉकडाउन की वजह से कोचिंग बंद हो गईं. साथ ही पीएससी 2019 के प्रिलिम्स एक्जाम का रिजल्ट भी अधर में लटक गया. इन्हीं वजहों के चलते वे वापस अपने घर आ गईं. फिर सोचा आखिर क्या किया जाए. तो उन्हें मशरूम की खेती का आडिया आया.
मशरूम की खेती करने के लिए की काफी रिसर्च
अनुष्का ने अपना आइडिया परिजनों को बताया. परिजनों से सहमति मिल गई. इसके बाद उन्होंने इस विषय पर पूरी रिसर्च की. फिर छत पर ही मशरूम की खेती करना शुरू किया. इस काम में अनुष्का के भाई भी उनकी मदद करते हैं.
छत पर उगातीं हैं मशरूम
अनुष्का ने छत पर एक कमरा बनाया है. जिसमें मशरूम की खेती करतीं हैं. करीब एक महीने में मशरूम की खेप तैयार हो जाती है. जिसे वे बाजार में बेच देतीं हैं. मशरूम का रेट बाजार में 200 रूपए से लेकर एक हजार तक है. लिहाजा अनुष्का ने आपदा में भी अवसर तलाश लिया और युवा किसान के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
आत्मनिर्भर भारत मिशन से मिली प्रेरणा
अनुष्का बतातीं हैं कि उन्हें इस कार्य की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन से मिली थी. अनुष्का युवाओं के बीच काफी मशहूर हो रहीं हैं. उनके इस कदम से युवा प्रेरित हो रहे हैं, खासकर युवतियां. क्योंकि समाज खेती के क्षेत्र में अभी महिला उद्यमियों का काफी कमी है.
क्या आप भी मशरूम की खेती करना चाहते हैं ?
आज कल सभी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और कृषि अनुसंधान केंद्रों में मशरूम की खेती की ट्रेनिंग दी जाती है. अगर आप इसी बड़े पैमाने पर खेती करने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर होगा एक बार इसकी सही ढंग से ट्रेनिंग जरूर लें और इसका लाभ उठाएं.