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1.54 करोड़ खर्च के बाद भी तीन माह में बदहाल हो गया नर्मदा पर बना ब्रिज

नर्मदा पर बने ब्रिज की मरम्मत में लगभग 1.54 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद तीन महीने में ही हालात जस के तस हो गये हैं. ब्रिज की मरम्मत के चलते 5 माह तक इस रूट से बड़े वाहनों को डायवर्ट किया गया था.

नर्मदा पर बना ब्रिज
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Published : Aug 26, 2019, 11:56 PM IST

होशंगाबाद। नर्मदा पर बने ब्रिज की मरम्मत में लगभग 1.54 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद तीन महीने में ही ब्रिज के हालत जस के तस हो गये हैं. ब्रिज की मरम्मत के चलते 5 माह तक इस रूट से बड़े वाहनों को डायवर्ट किया गया था.

नर्मदा पर बना ब्रिज


इस ब्रिज के निर्माण के लिए यातायात को करीब 5 माह के लिए डायवर्ट किया गया था. जिसके चलते भारी वाहन जोकि नागपुर और भोपाल से करीब 100 किलोमीटर दूरी तक लंबा फेरा लगाकर अपने गंतव्य तक पहुंचे थे, जिसके चलते करीब 10 करोड़ रुपये परिवहन पर आम लोगों का अतिरिक्त खर्च आया था.


वहीं, पुलिस विभाग भी इसके लिए विशेष व्यवस्था की थी, लेकिन ये ब्रिज कुछ माह में ही पुरानी स्थिति में पहुंच गया है. ब्रिज पर करीब 50 से अधिक गड्ढे हो गए हैं. बृज की रेलिंग भी बुरी तरह से जर्जर हो गई है. ऐसे में टूटी रेलिंग से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

होशंगाबाद। नर्मदा पर बने ब्रिज की मरम्मत में लगभग 1.54 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद तीन महीने में ही ब्रिज के हालत जस के तस हो गये हैं. ब्रिज की मरम्मत के चलते 5 माह तक इस रूट से बड़े वाहनों को डायवर्ट किया गया था.

नर्मदा पर बना ब्रिज


इस ब्रिज के निर्माण के लिए यातायात को करीब 5 माह के लिए डायवर्ट किया गया था. जिसके चलते भारी वाहन जोकि नागपुर और भोपाल से करीब 100 किलोमीटर दूरी तक लंबा फेरा लगाकर अपने गंतव्य तक पहुंचे थे, जिसके चलते करीब 10 करोड़ रुपये परिवहन पर आम लोगों का अतिरिक्त खर्च आया था.


वहीं, पुलिस विभाग भी इसके लिए विशेष व्यवस्था की थी, लेकिन ये ब्रिज कुछ माह में ही पुरानी स्थिति में पहुंच गया है. ब्रिज पर करीब 50 से अधिक गड्ढे हो गए हैं. बृज की रेलिंग भी बुरी तरह से जर्जर हो गई है. ऐसे में टूटी रेलिंग से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

Intro:होशंगाबाद एक करोड़ 54 लाख रुपए की कीमत से 5 माह तक रोड बंद कर नर्मदा ब्रिज की मरम्मत की गई थी 64 एक्सपेंशन जॉइंट सुधारे गए थे सड़क के पुराने डंपर डामर को निकालकर नया डामर गिट्टी बिछाई गई थी लेकिन सुधार कार्य के 3 माह के बाद ही ब्रिज बारिश में गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं ।


Body:नेशनल हाईवे 69 पर होशंगाबाद से बुधनी पर 52 साल पहले पुराना नर्मदा नदी के ब्रिज को जर्जर हो चुका था जिसकी कुछ माह पहले प्रशासन द्वारा रिपेयरिंग कराई गई थी लेकिन रिपेयरिंग के बाद सड़क तीन माह भी नहीं चल पाई है
इस ब्रिज के निर्माण के लिए ट्रैफिक को करीब 5 माह के लिए डायवर्ट किया था भारी वाहन जो की नागपुर और भोपाल से करीब 100 किलोमीटर तक लंबा फेरा लगाकर अपने गंतव्य तक पहुंचे थे जिसके चलते करीब 10 करोड़ रुपये का परिवहन का आम लोगो पर अतिरिक्त खर्च आया था वहीं पुलिस विभाग द्वारा भी विशेष व्यवस्थाएं की गई थी लेकिन यह ब्रिज कुछ माह में पुरानी स्थिति में पहुंच गया है ब्रिज पर करीब 50 से अधिक गड्ढे हो चले



Conclusion:बृज की रेलिंग भी बुरी तरह से जर्जर हो चलिए जगह-जगह से टूट गई है हाल ही में ही उफनती हुई नर्मदा नदी में कृष्ण भक्त महिला ने भी टूटी रेलिंग से छलांग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी वही लगातार नदी के बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग नर्मदा ब्रिज पर पहुंचते हैं ऐसे में टूटी रेलिंग से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है हालांकि प्रशासन द्वारा एहतियातन यातायात विभाग के जवानों को तैनात किया है जो लगातार ब्रिज पर गश्त करते रहते हैं लेकिन इस बीच कभी भी टूटी रेलिंग से भी हादसा हो सकता है वहीं सड़क पर गड्ढे काम की गुणवत्ता को प्रदर्शित कर रहे हैं । कितनी हल्की क्वालिटी से ब्रिज पर सड़क का निर्माण किया गया था ।


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