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रक्षाबंधन स्पेशल: मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने स्व-सहायता समूह की महिलाएं बना रहीं स्वदेशी राखियां

हरदा जिले के ग्राम डगांवानीमा के श्री गणेश स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं रक्षाबंधन के लिए स्वदेशी राखियां बना रही हैं.

HARDA
स्वसहायता समूह की महिलाएं बना रहीं स्वदेशी राखियां
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Published : Jul 28, 2020, 4:19 PM IST

हरदा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर भारत और मध्यप्रदेश के सपने को अब हरदा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पूरा करने जा रही हैं. ग्राम डगांवानीमा के श्री गणेश स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाएं इस रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर बहनों के द्वारा बांधी जाने वाली स्वदेशी राखियां बना रही हैं. गांव में रोजगार नहीं मिलने के चलते समूह से जुड़ी महिलाओं ने गांव के एक स्थानीय देवता के ओटले पर मीटिंग कर इस राखी के सीजन में बाजार में बिकने वाली राखियों को तैयार कर अपने समूह की सभी महिलाओं के लिए रोजगार की तलाश कर आत्मनिर्भर बनने के लिए एक कदम बढ़ाया है. हालांकि इन महिलाओं को फिलहाल अपने हाथों से बनी सुंदर और आकर्षक राखियों की बिक्री के लिए बाजार नहीं मिल पाया है, लेकिन कुछ लोगों ने उनकी राखियों को पसंद किया है.

स्वसहायता समूह की महिलाएं बना रहीं स्वदेशी राखियां

खेती और मजदूरी के भरोसे रहने वाली इन महिलाओं के द्वारा राखी का निर्माण कर स्वरोजगार की तलाश की गई है, इन महिलाओं के द्वारा अब रोजाना अपने घरों में राखी तैयार की जा रही हैं. इन राखियों की बिक्री से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है. मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं के स्व-सहायता समूह ने रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए राखी निर्माण का कार्य शुरू किया है. जिससे कि इन महिलाओं को घर बैठे ही रोजगार मिल गया है. हरदा जिले के ग्राम डागांवानीमा और पलासनेर में स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं आकर्षक राखियां तैयार कर रही हैं. राखियां बनाते समय इन महिलाओं के द्वारा सावन के महीने में गाए जाने वाले गीतों के माध्यम से इन स्वदेशी राशियों में भाई और बहन के बीच के मधुर संबंध की मिठास भी घोली जा रही है.

स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इस रक्षाबंधन पर सभी बहनों को उनके द्वारा बनाई गई स्वदेशी राखियों को अपने भाइयों की कलाई पर बांधना चाहिए. उन्होंने गांव के ही एक युवक को इटारसी भेजकर कच्चा माल बुलाया है. जिससे वो राखियां बना रही हैं.

जिला पंचायत के आजीविक मिशन से जुड़े संजय बटाने ने बताया कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के लिए समूह से जुड़ी महिलाओं के द्वारा राखियां बनाई जा रही हैं. इनकी बिक्री के लिए अन्य समूह की महिलाओं को राखियां खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. साथ ही जिला मुख्यालय पर लगने वाले राखी बाजार में भी दुकान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं. ताकि समूह की महिलाओं के द्वारा बनाई गई राखियों को लोग खरीद सकें और इन महिलाओं को आय प्राप्त हो सके.

हरदा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर भारत और मध्यप्रदेश के सपने को अब हरदा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पूरा करने जा रही हैं. ग्राम डगांवानीमा के श्री गणेश स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाएं इस रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर बहनों के द्वारा बांधी जाने वाली स्वदेशी राखियां बना रही हैं. गांव में रोजगार नहीं मिलने के चलते समूह से जुड़ी महिलाओं ने गांव के एक स्थानीय देवता के ओटले पर मीटिंग कर इस राखी के सीजन में बाजार में बिकने वाली राखियों को तैयार कर अपने समूह की सभी महिलाओं के लिए रोजगार की तलाश कर आत्मनिर्भर बनने के लिए एक कदम बढ़ाया है. हालांकि इन महिलाओं को फिलहाल अपने हाथों से बनी सुंदर और आकर्षक राखियों की बिक्री के लिए बाजार नहीं मिल पाया है, लेकिन कुछ लोगों ने उनकी राखियों को पसंद किया है.

स्वसहायता समूह की महिलाएं बना रहीं स्वदेशी राखियां

खेती और मजदूरी के भरोसे रहने वाली इन महिलाओं के द्वारा राखी का निर्माण कर स्वरोजगार की तलाश की गई है, इन महिलाओं के द्वारा अब रोजाना अपने घरों में राखी तैयार की जा रही हैं. इन राखियों की बिक्री से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है. मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं के स्व-सहायता समूह ने रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए राखी निर्माण का कार्य शुरू किया है. जिससे कि इन महिलाओं को घर बैठे ही रोजगार मिल गया है. हरदा जिले के ग्राम डागांवानीमा और पलासनेर में स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं आकर्षक राखियां तैयार कर रही हैं. राखियां बनाते समय इन महिलाओं के द्वारा सावन के महीने में गाए जाने वाले गीतों के माध्यम से इन स्वदेशी राशियों में भाई और बहन के बीच के मधुर संबंध की मिठास भी घोली जा रही है.

स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इस रक्षाबंधन पर सभी बहनों को उनके द्वारा बनाई गई स्वदेशी राखियों को अपने भाइयों की कलाई पर बांधना चाहिए. उन्होंने गांव के ही एक युवक को इटारसी भेजकर कच्चा माल बुलाया है. जिससे वो राखियां बना रही हैं.

जिला पंचायत के आजीविक मिशन से जुड़े संजय बटाने ने बताया कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के लिए समूह से जुड़ी महिलाओं के द्वारा राखियां बनाई जा रही हैं. इनकी बिक्री के लिए अन्य समूह की महिलाओं को राखियां खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. साथ ही जिला मुख्यालय पर लगने वाले राखी बाजार में भी दुकान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं. ताकि समूह की महिलाओं के द्वारा बनाई गई राखियों को लोग खरीद सकें और इन महिलाओं को आय प्राप्त हो सके.

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