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हरदा: आस्था की अनोखी 150 किलोमीटर की पैदल यात्रा, हजारों श्रद्धालु पहुंचे नर्मदा तट - पैदल यात्रा

भूतड़ी अमावस्या के मौके पर हजारों भक्त 150 किलोमीटर पैदल चलकर नर्मदा तट हंडिया पर स्नान करने पहुंचते हैं.

आस्था की अनोखी यात्रा
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Published : Apr 5, 2019, 4:40 PM IST

हरदा। जिले में मां नर्मदा नदी के प्रति लोगों में विश्वास और आस्था कितनी गहरी है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भूतड़ी अमावस्या के मौके पर हजारों भक्त 150 किलोमीटर पैदल चलकर नर्मदा तट हंडिया पर स्नान करने पहुंचते हैं.

आस्था की अनोखी इस यात्रा में भक्त और स्थानीय लोक गीत के माध्यम से नाचते और गाते अपनी टोली के साथ यहां पहुंचते हैं. आस्था की इस टोली में छोटे बच्चों से लेकर महिला और बूढ़े लोग भी शामिल होते हैं.

आस्था की अनोखी यात्रा

इस साल भूतड़ी अमावस्या के मौके पर पड़ोसी जिले खंडवा के भी सैकड़ों भक्त लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर नर्मदा तट हंडिया पहुंच रहे हैं.यहां पर हर अमावस्या और पूर्णिमा के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं,लेकिन साल में आने वाले चैत्र महीने की अमावस्या का खासा महत्व होता है. इस अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचकर स्नान ध्यान कर पूजा-अर्चना करते हैं. इस आस्था की डबूकी में जिला प्रशासन व्यापक पैमाने चाक-चौबंद रहता है.

हरदा। जिले में मां नर्मदा नदी के प्रति लोगों में विश्वास और आस्था कितनी गहरी है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भूतड़ी अमावस्या के मौके पर हजारों भक्त 150 किलोमीटर पैदल चलकर नर्मदा तट हंडिया पर स्नान करने पहुंचते हैं.

आस्था की अनोखी इस यात्रा में भक्त और स्थानीय लोक गीत के माध्यम से नाचते और गाते अपनी टोली के साथ यहां पहुंचते हैं. आस्था की इस टोली में छोटे बच्चों से लेकर महिला और बूढ़े लोग भी शामिल होते हैं.

आस्था की अनोखी यात्रा

इस साल भूतड़ी अमावस्या के मौके पर पड़ोसी जिले खंडवा के भी सैकड़ों भक्त लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर नर्मदा तट हंडिया पहुंच रहे हैं.यहां पर हर अमावस्या और पूर्णिमा के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं,लेकिन साल में आने वाले चैत्र महीने की अमावस्या का खासा महत्व होता है. इस अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचकर स्नान ध्यान कर पूजा-अर्चना करते हैं. इस आस्था की डबूकी में जिला प्रशासन व्यापक पैमाने चाक-चौबंद रहता है.

Intro:वैसे तो नर्मदा नदी के तटों पर हर दिन स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान से पापों का नाश होता है।लेकिन नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से ही समस्त पापों का नाश होता है।जिसके चलते मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी कहलाने वाली नर्मदा नदी लाखों भक्तो की आस्था और श्रद्धा का केंद्र मानी जाती है।यहां पर हर अमावस्या ओर पूर्णिमा के दिन हजारो की संख्या में आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं।लेकिन वर्ष में आने वाले चैत्र मास एवं मास की अमावस्या का विशेष महत्व होता है।इन अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुचकर स्नान ध्यान कर पूजा अर्चना करते हैं।जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा व्यापक पैमाने पर तैयारिया की जाती है।


Body:हरदा जिले में नर्मदा नदी के प्रति लोगो मे गहरी आस्था और विश्वास है।यहां नर्मदा नदी की वजह से सैकड़ों परिवारों को रोजगार मिलने के साथ साथ सिंचाई के लिए जल भी मिलता है।जिसके चलते यहा भक्त लोग अपने अपने गांवों और शहरों से लभगभ 20 से 30 पैदल चलकर हंडिया तट पर स्नान के लिए पहुचते है।इस साल भी भूतड़ी अमावस्या के मौके पर पड़ोसी जिले खंडवा के भी सैकड़ो भक्त लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर नर्मदा तट हंडिया पहुच रहे हैं।


Conclusion:आस्था की अनोखी इस यात्रा में भक्त भजनों ओर स्थानीय लोक गीत के माध्यम से नाचते गाते यहा पर अपने अपने दलों के साथ पहुचते है।जिसमे छोटे बच्चों से लेकर महिला और बूढ़े लोग भी शामिल होते हैं।अमावस्या पर जिले के हंडिया सहित अन्य घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुच रहे हैं।
बाइट 1-नन्दलाल,श्रद्धालु, जामन्या कला
बाइट2- मोहन,श्रद्धालु जामन्या कला
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