हरदा। जिले में भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर नर्मदा नदी के तटों पर आने वाले भक्तों को काई से भरे मटमैले पानी के बीच आस्था की डुबकी लगानी पड़ी. नर्मदा नदी पर हरदा के अलावा दूसरे जिले के लोगों ने भी बड़ी संख्या में कई किलोमीटर दूर पैदल पहुंचकर स्नान का लाभ उठाया. यहां नवरात्रि पर्व शुरू होने के पहले लोगों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई.
जिला प्रशासन ने भक्तों की संख्या और पैदल यात्रियों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए भारी वाहनों के आवागमन को रोक दिया था. जिला प्रशासन की टीम ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे, लेकिन हंडिया के नर्मदा मंदिर घाट पर किसी तरह की व्यवस्था नहीं होने से भक्तों में नाराजगी दिखाई दी.
हरदा जिले के हंडिया, गोदागांव,चिचोटकुटी, जलोदा ,छीपानेर एवं गोयत के नर्मदा घाटों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था.लोगो ने ब्रम्हमुहूर्त के साथ ही नर्मदा नदी में डुबकी लगाकर पर्व स्नान किया.नर्मदा नदी पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के दौरान नर्मदा नदी का जलस्तर कम हो गया. श्रद्घालुओं का कहना था कि यहां प्रशासन की और से डेम का पानी नहीं छोड़ा गया. जिसके चलते श्रद्धालुओं कीचड़ भरे पानी के बीच स्नान करने को विवश होना पड़ा.
इतना ही नहीं घाटों पर ना तो महिलाओं के कपड़े बदलने को चेंजिंग रूम बनाये गए थे और ना ही पीने के पानी के लिए टैंकर की व्यवस्था की गई थी. इसको लेकर तहसीलदार अर्चना शर्मा ने पंचायत सचिव को जमकर फटकार लगाई.