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हरदा: गोराखाल झरने पर नहीं है सुरक्षा के इंतजाम, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

गोराखाल में पहाड़ों से गिरताे झरने को देखने के लि दूर-दूर से लोग आते हैं, लेकिन इतना बड़ा पर्यटन स्थल होने बावजूद यहां सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं.

गोराखाल झरने पर नहीं है सुरक्षा के इंतजाम
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Published : Jul 22, 2019, 3:28 PM IST

हरदा। जिले के रहटगांव वन परिक्षेत्र के गांव गोराखाल में पहाड़ों से गिरता झरना अपने प्राकृतिक सौंदर्य के चलते पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इसे देखने के लिए यहां पर बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं. वन विभाग द्वारा इसे पर्यटन स्थल तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिसके चलते यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

गोराखाल झरने पर नहीं हैं सुरक्षा के इंतजामात

वन विभाग ने केवल एक सूचना बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है, लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजामात नहीं किए हैं. इसके बाद भी वन विभाग के द्वारा अब यहां पर आने वाले सैलानियों से वाहन शुल्क वसूलने की तैयारी कर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. वहीं वनपाल सुरक्षा के लिए दो लोगों की ड्यूटी करने का भी दावा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा खुलेआम शराब पीकर हुड़दंग किया जाता है, जिससे यहां आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिस तरह कुछ सालों पहले महू के पास पातालपानी में बारिश की वजह से अचानक तेज पानी आने के कारण कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. ठीक उसी तरह से यहां पर भी पहाड़ी इलाकों में होने वाली तेज बारिश की वजह से सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. लोगों की मांग है कि वन विभाग को यहां पर दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले लोगों की सुरक्षा और झरने तक जाने के लिए रास्ते का निर्माण करना चाहिए, ताकि यहां पर लोग परिवार सहित आकर भरपूर आनंद उठा सकें.

हरदा। जिले के रहटगांव वन परिक्षेत्र के गांव गोराखाल में पहाड़ों से गिरता झरना अपने प्राकृतिक सौंदर्य के चलते पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इसे देखने के लिए यहां पर बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं. वन विभाग द्वारा इसे पर्यटन स्थल तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिसके चलते यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

गोराखाल झरने पर नहीं हैं सुरक्षा के इंतजामात

वन विभाग ने केवल एक सूचना बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है, लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजामात नहीं किए हैं. इसके बाद भी वन विभाग के द्वारा अब यहां पर आने वाले सैलानियों से वाहन शुल्क वसूलने की तैयारी कर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. वहीं वनपाल सुरक्षा के लिए दो लोगों की ड्यूटी करने का भी दावा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा खुलेआम शराब पीकर हुड़दंग किया जाता है, जिससे यहां आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जिस तरह कुछ सालों पहले महू के पास पातालपानी में बारिश की वजह से अचानक तेज पानी आने के कारण कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. ठीक उसी तरह से यहां पर भी पहाड़ी इलाकों में होने वाली तेज बारिश की वजह से सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. लोगों की मांग है कि वन विभाग को यहां पर दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले लोगों की सुरक्षा और झरने तक जाने के लिए रास्ते का निर्माण करना चाहिए, ताकि यहां पर लोग परिवार सहित आकर भरपूर आनंद उठा सकें.

Intro:हरदा जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर रहटगांव वन परिक्षेत्र के गांव गोराखाल में पहाड़ों से गिरता झरना अपने प्राकृतिक सौंदर्य के चलते पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।जिसे देखने यहां पर छुट्टियों के दिनों में बड़ी संख्या में हरदा और बैतुल जिले सहित अन्य स्थानों से आकर छुट्टियों का आनन्द उठाते हैं।वन विभाग के द्वारा इसे पर्यटन स्थल तो घोषित कर दिया गया है।लेकिन यहां आने वाले लोगो की सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतजाम नही किए गए है।जिसके चलते यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।वन विभाग के द्वारा केवल एक सूचना बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई है।कोई इंतजामात नही होने के बाद भी वन विभाग के द्वारा अब यहां पर आने वाले वाहनों से शुल्क वसूलने की तैयारी कर आदेश भी जारी कर दिए गए है।वही सुरक्षा के लिए दो लोगो की ड्यूटी करने का भी दावा किया जा रहा है।
बाईट - संतराम कलमे,वनपाल गोराखाल


Body:गोराखाल के जंगल मे पहाड़ियों के बीच ने नीचे गिरने वाली धार के बीच स्नान कर आंनद उठाने के लिए यहां पर लोगों के द्वारा अपने परिवार और बच्चों के साथ छुट्टियों का आनंद लेने पहुचा जाता है लेकिन यहां पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा के कोई भी इंतजाम वन विभाग के द्वारा नही किए गए।यहां पर झरने तक पहुचना किसी खतरे से कम नही है।यदि जरा भी ध्यान हटा की यहां से व्यक्ति सीधे खाई में गिर सकता है।वही महिलाओं के लिए चेंजिग रूम की भी कोई सुविधा नहीं है। जिसके चलते यहां पर आने वाली महिलाएं और छात्राएं असहज महसूस करती है।इस खुले जंगल मे यहां पर लोग परिवार सहित प्रकृति का आनंद उठाने का सोचकर पहुचते है उन्हें यहां पर निराशा हाथ लग रही है।यहां पर असामाजिक तत्वों के द्वारा खुले आम शराब पीकर हुड़दंग की जाती हैं।जिसको लेकर यहां महिलाओं के लिए जाना ठीक नहीं है।
बाईट - अरुण मालवीय छात्र,हरदा
बाईट- मंजू बिल्लोरे,पूर्व पार्षद हरदा
बाईट - सुनील तिवारी,अधिवक्ता हरदा


Conclusion:जिस तरह कुछ सालों पहले महू के पास पातालपानी मे बारिश की वजह से अचानक तेज पानी आने के कारण कुछ लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी थी।ठीक उसी तरह से यहां पर भी पहाड़ी इलाकों में होंने वाली तेज बारिश की वजह से यहां पर भी कभी कोई गम्भीर दुर्घटना होने से इंकार नही किया जा सकता।वन विभाग को यहां पर दूर दराज क्षेत्रो से आने वाले लोगो की सुरक्षा और झरने तक जाने के लिए रास्ते का निर्माण करना चाहिए।ताकि यहां पर लोग परिवार सहित आकर भरपूर आनंद उठा सके।

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