हरदा। फागुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी से शुरु हुई पंचकोशी यात्रा आज हरदा जिले के उचान घाट पहुंची. जहां जिले के हजारों श्रद्धालुओं ने 1 दिन में लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की. महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी आस्था की डुबकी लगाई
इस यात्रा के तीसरे दिन शामिल हजारों श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन के द्वारा नाव के जरिए नर्मदा नदी से पार कराया और आस्था की इस अनोखी पदयात्रा में श्रद्धालुओं के द्वारा भजन कीर्तन करते हुए मार्ग तय किया गया. महाशिवरात्रि के इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित किया.
श्रद्धालुओं के द्वारा 90 किलोमीटर की दूरी 5 दिनों में तय की जाती है
फागुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी से शुरू होने वाली पंचकोशी यात्रा का समापन अमावस्या के दिन होता है. इस यात्रा की शुरुआत देवास जिले के नेमावर से शुरू किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा करीब 90 किलोमीटर की दूरी 5 दिनों में तय करते हैं. इस दौरान देवास और हरदा जिला प्रशासन के द्वारा, दो बार सभी श्रद्धालुओं को परिक्रमा मार्ग पर नर्मदा नदी से पार कराया जाता है.
जिला प्रशासन के द्वारा हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सुबह से ही नाव के जरिए श्रद्धालुओं को हरदा जिले से देवास जिले में भेजने का काम शुरू कर दिया, जिसमें होमगार्ड और एनडीआरएफ के जवानों की मौजूदगी में श्रद्धालुओं को नाव के जरिए नर्मदा नदी पार कराई गई. जिला प्रशासन के द्वारा ऊंचान घाट पर करीब 200 से अधिक जवानों की तैनाती की गई.
भजन कीर्तन करते हुए तय की जाती है यात्रा
यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं का कहना है कि, उनके द्वारा क्षेत्र की खुशहाली सुख समृद्धि और अच्छी फसल की कामना की जाती है. जिला प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है. एसडीएम एचएस चौधरी ने बताया कि जैसे-जैसे यात्री घाट पर आ रहे हैं उन्हें सुरक्षित नर्मदा नदी के रास्ते नाव के सहारे देवास जिले के राजोर घाट पर उतारा जा रहा है.