हरदा। दंपति से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े पांच लाख की धोखाधड़ी करने वाले अधिकारी शैलेंद्र सिंह सिसोदिया को गिरफ्तार किया है, जबकि उसका साथी विवेक त्रिपाठी फरार है. गिरफ्तार आरोपी शैलेंद्र सिंह सिसोदिया सीहोर जिला अदालत में एडीओपी (सहायक जिला अभियोजन अधिकारी) के पद पर पदस्थ है. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर उसे रिमांड पर लिया है और मामले की जांच कर रही है.
अधिकारियों और मंत्रियों से पहचान के नाम पर रची साजिश
पीड़ित नौकरी की तलाश में भोपाल गई थी. इस दौरान उनकी पहचान आरोपी शैलेंद्र सिसोदिया से हुई. यहां नौकरी को लेकर बातचीत हुई, तो आरोपी ने अपनी पहचान सूरज राठौर बताई और खुद के कोर्ट में पदस्थ होने की बात कही. वहीं उसने अपने एक दूसरे साथी विवेक त्रिपाठी से भी मुलाकात कराई, जिसे भोपाल कोर्ट में बाबू होना बताया. आरोपी और आरोपी के मित्र ने वल्लभ भवन के बड़े-बड़े अधिकारियों और मंत्रियों से पहचान होने की बात करके पीड़ित को नौकरी दिलाने का झांसा दिया.
ऐसे हुआ खुलासा
पीड़िता ने बताया कि आरोपी पैसे लेने के बाद उसे सिंचाई विभाग में नौकरी दिए जाने का प्रमाण पत्र भी दिया, लेकिन ज्वॉइनिंग को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. जिसके बाद वह अपना नियुक्ति पत्र लेकर हरदा के सिंचाई विभाग पहुंची, जहां उन्हें पता चला कि ज्वॉइनिंग के लिए दिया गया ऑफर लेटर फर्जी है. जिसके बाद उन्होंने सिविल लाइन थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया. शिकायत मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई और साइबर सेल की मदद से मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपी को सीहोर से गिरफ्तार किया.
नौकरी के लिए होने वाली प्रक्रियाएं कराई पूरी
सिविल लाइन थाने में पदस्थ एसआई संदीप पवार ने बताया कि 17 फरवरी को मामले की शिकायत मिली थी. शिकायत में शिकायतकर्ता सुनीता ने बताया था कि आरोपी उसे और उसके पति चुन्नीलाल रोडगे को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े 5 लाख रुपए लिए थे और भोपाल बुलाकर बकायदा प्रशासनिक एकेडमी में परीक्षा दिलाकर नौकरी के लिए होनी वाली सभी प्रक्रियाएं पूरी कराई थी.