ETV Bharat / state

नर्मदा में अवैध खनन से अनेकों मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर - state fish mahseer in Madhya Pradesh

नर्मदा नदी में हो रहे अवैध खनन से रोजाना छोटी मछिलायां मर रही हैं, साथ ही कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. मछुआरों ने कलेक्टर से अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

numerous-fish-species-on-the-verge-of-extinction-due-to-illegal-mining-in-narmada-
मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर
author img

By

Published : Feb 6, 2020, 6:46 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 8:08 PM IST

हरदा। मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी में हो रहे लगातार अवैध खनन से नदी का वास्तविक स्वरूप खत्म होने लगा है. रेत खनन से रोजाना छोटी मछलियां मर रही हैं, साथ ही नदी में पाई जाने वाली अनेक प्रजातियां भी विलुप्त होने की कगार पर आ गई हैं. मछुआरों ने इस बात को लेकर कलेक्टर से शिकायत कर नर्मदा नदी में मशीनों के जरिए होने वाले और नाव के जरिए बीच पानी से निकाले जाने वाली रेत के काम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. साथ ही कहा है कि मध्यप्रदेश में स्टेट मछली महाशीर भी रेत खनन के चलते विलुप्त होने की कगार पर आ पहुंची है.

मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर


मछुआरों के सामने रोजी रोटी का संकट
नर्मदा नदी में होने वाले रेत खनन से अब मछुआरों के सामने रोजी रोटी का संकट भी आन पड़ा है. मछुआरों के जीवन यापन का मुख्य साधन मछली अब धीरे- धीरे नर्मदा नदी से गायब होने लगी है. मछुआरों का कहना है कि अगर इसी तरह से नदी में खनन जारी रहा तो आने वाले दिनों में मछलियों की अनेकों प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी. उनका कहना है कि अभी कई प्रजातियां जो कुछ साल पहले नर्मदा नदी में आसानी से देखने को मिल जाती थी, लेकिन अब उन प्रजातियों की मछलियां नर्मदा नदी से गायब हो चुकी हैं.


बिना पंजीयन के नामों पर लगाई जाएगी रोक
इस मामले को लेकर हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा ने कहा कि मछली पकड़ने वाले लोगों के अध्यक्ष को बुलाकर उनसे चर्चा की जाएगी. साथ ही पेशेवर लोगों को छोड़कर अन्य बिना पंजीयन के नामों पर रोक लगाई जाएगी. वही बड़ी नाव का निर्माण करने वाले लोगों से बिना पंजीयन के विग्रह नहीं करने को निर्देशित किया जाएगा.


महाशीर मछली बीएफ विलुप्त होने की कगार पर
मत्स्य विभाग के उपसंचालक का कहना है कि नर्मदा नदी में हो रहे खनन से मछलियों के रहने के स्थान खत्म होते जा रहे हैं. वही राज्य मछली का दर्जा प्राप्त करने वाली महाशीर मछली बीएफ विलुप्त होने की कगार पर आ गई है. उन्होंने कहा कि मशीनों की चपेट में आने से छोटी-छोटी मछलियों के मरने से इस तरह की स्थिति निर्मित होती जा रही है.

हरदा। मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी में हो रहे लगातार अवैध खनन से नदी का वास्तविक स्वरूप खत्म होने लगा है. रेत खनन से रोजाना छोटी मछलियां मर रही हैं, साथ ही नदी में पाई जाने वाली अनेक प्रजातियां भी विलुप्त होने की कगार पर आ गई हैं. मछुआरों ने इस बात को लेकर कलेक्टर से शिकायत कर नर्मदा नदी में मशीनों के जरिए होने वाले और नाव के जरिए बीच पानी से निकाले जाने वाली रेत के काम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. साथ ही कहा है कि मध्यप्रदेश में स्टेट मछली महाशीर भी रेत खनन के चलते विलुप्त होने की कगार पर आ पहुंची है.

मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर


मछुआरों के सामने रोजी रोटी का संकट
नर्मदा नदी में होने वाले रेत खनन से अब मछुआरों के सामने रोजी रोटी का संकट भी आन पड़ा है. मछुआरों के जीवन यापन का मुख्य साधन मछली अब धीरे- धीरे नर्मदा नदी से गायब होने लगी है. मछुआरों का कहना है कि अगर इसी तरह से नदी में खनन जारी रहा तो आने वाले दिनों में मछलियों की अनेकों प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी. उनका कहना है कि अभी कई प्रजातियां जो कुछ साल पहले नर्मदा नदी में आसानी से देखने को मिल जाती थी, लेकिन अब उन प्रजातियों की मछलियां नर्मदा नदी से गायब हो चुकी हैं.


बिना पंजीयन के नामों पर लगाई जाएगी रोक
इस मामले को लेकर हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा ने कहा कि मछली पकड़ने वाले लोगों के अध्यक्ष को बुलाकर उनसे चर्चा की जाएगी. साथ ही पेशेवर लोगों को छोड़कर अन्य बिना पंजीयन के नामों पर रोक लगाई जाएगी. वही बड़ी नाव का निर्माण करने वाले लोगों से बिना पंजीयन के विग्रह नहीं करने को निर्देशित किया जाएगा.


महाशीर मछली बीएफ विलुप्त होने की कगार पर
मत्स्य विभाग के उपसंचालक का कहना है कि नर्मदा नदी में हो रहे खनन से मछलियों के रहने के स्थान खत्म होते जा रहे हैं. वही राज्य मछली का दर्जा प्राप्त करने वाली महाशीर मछली बीएफ विलुप्त होने की कगार पर आ गई है. उन्होंने कहा कि मशीनों की चपेट में आने से छोटी-छोटी मछलियों के मरने से इस तरह की स्थिति निर्मित होती जा रही है.

Intro:मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी में हो रहे लगातार अवैध खनन से नदी का वास्तविक स्वरूप खत्म होने के साथ-साथ अब जलीय जीव-जंतुओं पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं नर्मदा नदी में मशीनों के जरिए होने वाले रेत खनन से रोजाना छोटी मछलियों के मरने से अब नदी में पाई जाने वाली अनेक प्रजातियां भी विलुप्त होने की कगार पर आ गई है यदि इस तरह से लगाता नर्मदा नदी में खनन जारी रहा तो कुछ ही दिनों में नर्मदा नदी में पाई जाने वाली अनेकों मछली की प्रजाति विलुप्त हो जाएंगी मध्यप्रदेश में स्टेट मछली महाशीर भी रेत खनन के चलते विलुप्त होने की कगार पर आ पहुंची है।


Body:नर्मदा नदी में होने वाले रेत खनन से अब मछुआरों के सामने रोजी रोटी का संकट भी आन पड़ा है मछुआरों के जीवन यापन का मुख्य साधन मछली अब धीरे धीरे नर्मदा नदी से गायब होने लगी है मछुआरों ने इस बात को लेकर कलेक्टर से शिकायत कर नर्मदा नदी में मशीनों के जरिए से होने वाले और नाव के जरिए बीच पानी से निकाले जाने वाली रेत के काम पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है मछुआरों का कहना है कि यदि इसी तरह से नागदा नदी में खनन जारी रहा तो आने वाले दिनों में मछलियों की अनेकों प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी उनका कहना है कि अभी कई प्रजातियां जो कुछ साल पहले नागदा नदी में आसानी से देखने को मिल जाती थी लेकिन आप उन प्रजातियों की मछली नर्मदा नदी से गायब हो चुकी हैं।
बाईट - रामगोपाल मछुआरा,छीपानेर


Conclusion:इस मामले को लेकर हंडिया तहसीलदार श्रीमती अर्चना शर्मा ने बताएगी हमारे द्वारा मछली पकड़ने वाले लोगों के अध्यक्ष को बुलाकर उनसे चर्चा की जाएगी साथ ही पेशेवर लोगों को छोड़कर अन्य लोगों के द्वारा नर्मदा नदी में चलाई जाने वाली बिना पंजीयन के नामों पर रोक लगाई जाएगी वही बड़ी नाव का निर्माण करने वाले लोगों से बिना पंजीयन के 9:00 का विग्रह नहीं करने को निर्देशित किया जाएगा
बाईट-अर्चना शर्मा तहसीलदार हंडिया
वहीं मत्स्य विभाग के उपसंचालक का कहना है कि नर्मदा नदी में हो रहे खनन से मछलियों के रहने के स्थान खत्म होते जा रहे हैं वही राज्य मछली का दर्जा प्राप्त करने वाली महाशीर मछली बीएफ विलुप्त होने की कगार पर आ गई है उन्होंने कहा कि मशीनों की चपेट में आने से छोटी-छोटी मछलियों के मरने से इस तरह की स्थिति निर्मित होती जा रही है।

बाईट-कमलेश खरे सहायक संचनालय मत्स्यपालन विभाग, हरदा
Last Updated : Feb 6, 2020, 8:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.