हरदा। कई राज्यों से अपने राज्य वापस आ रहे मजदूरों को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इन सबको क्वॉरेंटाइन करने के लिए प्रशासन ने इंतजाम करते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जहां इन्हें रोका जा रहा है और भोजन के अलावा सभी जरुरत के सामानों को मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन इन सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर्स से लगातार अव्यवस्थाओं और तमाम कमियों की बातें सामने आ रही हैं. इसके अलावा मजदूर भी इन जगहों को हानि पहुंचाने में पीछे नहीं हैं. वहीं हरदा के टिमरनी मुख्यालय पर बने क्वॉरेंटाइन सेंटर की अलग ही तस्वीरें सामने आई हैं, जिसे देख ऐसा लगता है ये क्वॉरेंटाइन सेंटर है या घर ?
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हरदा में टिमरनी के उतकृष्ट बालक छात्रावास को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां 2 मई को सूरत से आए 13 मजदूरों को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. एक ओर जहां प्रशासन इन्हें भोजन समेत सारी सुविधाएं मुहैया करा रहा हैं, वहीं ये मजदूर भी इस सेंटर पर बतौर अपने घर जैसे रह रहे हैं.
साफ-सफाई कर रहे मेंटेन
सूरत से आए ये मजदूर छात्रावास की कमियों को खुद ही दूर कर रहे हैं. छात्रावास में जहां कहीं भी गंदगी दिखती हैं, वहां खुद ही साफ-सफाई कर देते हैं. हॉस्टल के कई कमरों के पंखे खराब थे, जिन्हें ठीक इन मजदूरों ने किया. हॉस्टल में टीवी और पाइप लाइन भी खराब थी, जिसे इन मजदूरों ने खराब देख खुद-ब-खुद ही ठीक-ठाक कर दिया.
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छोटे बच्चों को मुहैया करा रहे दूध
हॉस्टल अधीक्षक एसपी धुर्वे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे इन परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को दोनों टाइम गाय का दूध मुहैया करा रहे हैं. बता दें, गाय छात्रावास अधीक्षक एसपी धुर्वे की खुद की है और वे स्वयं ही स्वेच्छा से बच्चों के लिए दूध लेकर आते हैं.
रखा है अपने घर की तरह
छात्रावास अधीक्षक एसपी धुर्वे ने बताया कि कुछ दिनों पहले यहां उत्तर प्रदेश से आए कुछ मजदूरों को ठहराया गया था. उस दौरान उन्होंने काफी गंदगी की थी. साथ ही पंखे और लाइट को निकाल दिया और नुकसान पहुंचाया था, लेकिन सूरत से आए इन लोगों ने छात्रावास को अपने घर की तरह रखा है.
आमतौर पर देखने को मिलता है की क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरने वाले मजदूर गंदगी करते हैं, लेकिन हरदा के इन मजदूरों द्वारा रखी जा रही साफ-सफाई एक अलग ही मिसाल पेश कर रही है.